विद्रोहियों के हमले में चाड़ के राष्ट्राध्यक्ष की मौत – सेना ने हथिया लिया चाड़ का नियंत्रण

चाड़

एन’जामेना – चाड़ के राष्ट्राध्यक्ष ‘इद्रिस देबी’ विद्रोहियों की गोलिबारी में मारे गए हैं। चाड़ की राजधानी एन’जामेना पर हमला करने पहुँचे विद्रोहियों से लड़ते समय राष्ट्राध्यक्ष देबी की मौत होने की जानकारी सेना ने प्रदान की है। राष्ट्राध्यक्ष देबी ने सोमवार के दिन ही छठी बार चुनावों में जीत हासिल की थी। देबी की मौत के बाद चाड़ में सियासी कमी निर्माण ना हो इस मंशा से अगले १८ महीनों के लिए देश का नियंत्रण हाथों में लेने का ऐलान सेना ने किया है।

चाड़ में बीते हफ्ते हुए चुनावों में राष्ट्राध्यक्ष देबी की ‘पैट्रियॉटिक सैलवेशन मुवमेंट’ पार्टी लगभग ७९.३ फीसदी वोटों के बड़े फरक से विजयी हुई थी। सोमवार के दिन ही देबी की इस जीत का ऐलान हुआ था। वर्ष १९९० से लगातार तीन दशकों से चाड़ में सत्ता संभाल रहे देबी फिर से अगले छह वर्षों के लिए सरकार बना रहे थे।

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लेकिन, उत्तरी चाड़ के ‘फ्रंट फॉर चेंज ऐण्ड कॉनकॉर्ड’ (एफएसीटी) में विद्रोही संगठन ने देबी की हुकूमत के लिए कड़ा विरोध किया था। साथ ही ११ अप्रैल को चुनाव की रात में लीबिया की सीमा के करीब चाड़ की लष्करी चौकी पर हमला किया था। इस हमले के साथ उत्तरी ओर का तिबेसी प्रांत देबी की हुकूमत से मुक्त करने का ऐलान इस विद्रोही संगठन ने किया था। साथ ही चाड़ में देबी सरकार का तख्ता पलटने के लिए राजधानी एन’जामेना पर हमला करने की धमकी इस विद्रोही संगठन ने दी थी।

‘एफएसटी’ की इस धमकी के बाद अमरीका ने अपने नागरिकों को चाड़ से स्वदेश लौटने के आदेश दिए थे। ‘एफएसीटी’ के विद्रोही राजधानी एन’जामेना के करीब पहुँचने का दावा अमरीका ने किया था। लेकिन, राष्ट्राध्यक्ष देबी ने विद्रोहियों को राजधानी में प्रवेश करने से रोकने का ऐलान किया था। सेना ने भी विद्रोहियों के हमले नाकाम करने की घोषणा की थी। ऐसी स्थिति में सोमवार की शाम को इन विद्रोहियों के खिलाफ संघर्ष में शामिल होने के लिए राष्ट्राध्यक्ष देबी सेना की चौकी पर पहुँचे थे।

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इस दौरान संघर्ष में राष्ट्राध्यक्ष देबी गंभीर रूप से घायल होने की घोषणा विद्रोहियों ने की थी। लेकिन, सेना ने इस पर जानकारी प्रदान करना टाल दिया था। मंगलवार की सुबह सेना के प्रवक्ता अज़ेम बर्मेंदाओ अगूना ने राष्ट्राध्यक्ष देबी की मौत की खबर सरकारी रेड़ियो चैनल से जारी की। साथ ही आतंकी हमलों से देश की सुरक्षा के लिए अगले १८ महीने चाड़ का नियंत्रण सेना के हाथों में रहेगा, यह बात भी अगूना ने स्पष्ट की। सेना ने अस्थायी राष्ट्राध्यक्ष के तौर पर देबी के पुत्र जनरल महामात काका की नियुक्ति का ऐलान किया है।

सेंट्रल अफ्रीका और सालेह प्रांत में आतंकवाद विरोधी युद्ध में सबसे अहम नेता के तौर पर राष्ट्राध्यक्ष देबी का ज़िक्र होता रहा है। बोको हराम एवं सालेह में स्थित अल कायदा और आयएस से जुड़े संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए देबी ने बड़ी भूमिका निभाई थी।

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