केंद्र सरकार औद्योगिक प्रकल्पों के करीब अस्थायी कोविड अस्पताल स्थापित करेगी – १० हज़ार से अधिक ऑक्सिजन बेड्स तैयार करने की योजना

नई दिल्ली – ऑक्सिजन का उत्पादन करनेवाले औद्योगिक प्रकल्पों के पास वाले क्षेत्र में ही अस्थायी अस्पताल स्थापित करके कम से कम समय में १० हज़ार से अधिक ऑक्सिजन बेड्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान देश में कोरोना की स्थिति का सामना करने के लिए तैयारी का जायज़ा लिया। इसी बीच इन औद्योगिक प्रकल्पों के करीब अस्थायी अस्पताल स्थापित करने की योजना पर भी चर्चा हुई। कोरोना संक्रमण का सामना करने के लिए इस तरह से ऑक्जिसन बेड्स की सुविधा निर्माण करने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा। कुछ दिन पहले मुंबई स्थित ‘बीपीसीएल’ कंपनी के प्रकल्प के करीब एक जम्बो कोविड सेंटर स्थापित करने के लिए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने अनुमति प्रदान की थी। ‘बीपीसीएल’ इस कोविड सेंटर को लगातार ऑक्सिजन की सप्लाई करेगी।

central-govt-covid-hospitalsदेश में फिलहाल रोजाना कोरोना के लगभग चार लाख नए मामले सामने आ रहे हैं। इस बढ़ते संक्रमण के साथ ही ऑक्सिजन की किल्लत का संकट भी बढ़ा है। देश में वैद्यकीय कारणों के लिए ऑक्सिजन की माँग ६० प्रतिशत बढ़ी है। इस पृष्ठभूमि पर कई बड़ी कंपनियाँ अस्पतालों को ऑक्सिजन उपलब्ध कराने के लिए आगे आयी हैं। यह कंपनियाँ अलग अलग राज्यों को रोज़ाना सैंकड़ों टन ऑक्सिजन की सप्लाई कर रही हैं। स्टील, ऑइल रिफाइनरीज़, खाद निर्माण कंपनियों में औद्योगिकी कारणों के लिए बड़ी मात्रा में ऑक्सिजन का इस्तेमाल होता है। इसके लिए इन कंपनियों में अपने खुद के ऑक्सिजन प्रकल्प मौजूद हैं। यह कंपनियाँ फिलहाल इन्हीं प्रकल्पों से अलग अलग राज्यों को ऑक्सिजन की सप्लाई कर रही हैं। इससे देश में ऑक्सिजन की बड़ी किल्लत दूर की जा रही है।

ऐसे ऑक्सिजन प्रकल्प वाले औद्योगिक प्रकल्पों के पासवाले क्षेत्र में ही अस्थायी कोविड अस्पताल स्थापित करने से ऑक्सिजन बेड्स की उपलब्धता बढ़ाना मुमकिन होगा। इससे ऑक्सिजन की सप्लाई करने में समय की बचत भी होगी। इसे ध्यान में रखकर केंद्र सरकार द्वारा ऐसे औद्योगिक कारखानों के करीब १० हज़ार ऑक्सिजन बेड्स का निर्माण किए जाएँगे, यह जानकारी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के बाद एक अफसर ने साझा की।

ऑक्सिजन की अधिक ज़रूरत वाले शहर, घनी आबादी के इलाके और अधिक माँग के केंद्रों के करीबी क्षेत्र में ऑक्सिजन का निर्माण कर रहे उद्योगों की खोज करके ऐसी कंपनियों के प्रकल्प के करीब ही ऑक्सिजन बेड्स के अस्थायी अस्पताल बनाने की कोशिश सरकार करेगी। प्रायोगिक स्तर पर फिलहाल पांच स्थानों पर ऐसी सुविधा निर्माण की गई हैं। इसे सार्वजनिक क्षेत्र, निजी उद्योग और केंद्र एवं राज्य सरकार के समन्वय से शुरू किया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक के दौरान नायट्रोजन प्रकल्पों को ऑक्सिजन निर्माता प्रकल्पों में तब्दील करने के काम का भी जायज़ा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने ऑक्सिजन निर्माण के लिए ‘प्रेशर स्विंग एडसॉर्प्शन’ (पीएसए) प्रकल्प शुरू करने के काम की प्रगति की भी जानकारी हासिल की। फिलहाल पीएम केअर, पीएसयू और अन्य संबंधित विभागों के योगदान से लगभग १,५०० ‘पीएसए’ प्रकल्प कार्यरत हैं। इससे संबंधित जानकारी भी प्रधानमंत्री मोदी के सामने रखी गई।

औद्योगिक प्रकल्पों के करीबी क्षेत्र में अस्पताल स्थापित करने के लिए १४ उद्योगों का चयन किया गया है। इसके अलावा ३७ नायट्रोजन उत्पादक प्रकल्प ऑक्सिजन उत्पादक प्रकल्प में तब्दील करने के लिए चुने गए हैं। इसी बीच, वैद्यकीय और नर्सिंग का अध्ययन कर रहे छात्रों को कोविड सेंटर में सेवा के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही सरकार ‘एमबीबीएस’ के अंतिम वर्ष के डॉक्टर्स को कोविड सेंटर में ड्यूटी देने का विचार भी कर रही है। कोविड सेंटर में सेवा दे रहे वैद्यकीय और नर्सिंग के छात्रों को सरकारी नौकरी में प्राथमिकता देने का निर्णय भी किया गया है।

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