‘कलर टीवी’ आयात करने पर केंद्र सरकार ने लगाई पाबंदी – चीन के लिए नया झटका

नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने ‘कलर टीवी’ के आयात के नियमों में बदलाव किया है। इसके अनुसार ‘कलर टीवी’ को अब मुक्त वर्ग से हटाकर प्रतिबंधित वर्ग में शामिल किया गया है। स्थानिय उत्पादनों को गति देने के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है, तथा यह निर्णय चीन के लिए और एक बड़ा झटका साबित होगा।

Color-tv-importभारत ने अब तक दो चरणों में, १०० से अधिक चीनी ऐप्स पर पाबंदी लगाई है। पड़ोसी देशों द्वारा किए जा रहे विदेशी निवेश के नियम भी केंद्र सरकार ने अधिक सख़्त कर दिए हैं। सरकार से हो रही खरीद का कान्ट्रैक्ट चीनी कंपनियों को न मिलने पाए इस उद्देश्‍य से निविदा प्रक्रिया के नियमों में भी बदलाव किए गए हैं। इसी के साथ अब ‘कलर टीवी’ की आयात पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।

देश में उत्पादन बढ़ाने के अलावा फ़िज़ूल आयात घटाने के लिए यह निर्णय किया गया है। ‘डायरेक्टरेटर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड’ (डीजीएफटी) ने कलर टीवी से संबंधित आदेश जारी करके इसका मुक्त वर्ग की सूचि से समावेश हटाकर प्रतिबंधित सूचि में शामिल किया गया है। इसका मतलब है कि, अब व्यापारियों को टीवी की आयात के लिए अनुज्ञा पत्र प्राप्त करना होगा। ३६ से.मी. से १०५ से.मी. के टीवी और ६३ से.मी. से कम आकार के एलसीडी टीवी की आयात पर केंद्र सरकार ने लिए इस निर्णय का असर होगा।

भारत को टीवी निर्यात करनेवाले प्रमुख देशों में चीन, वियतनाम, मलेशिया, हाँगकाँग, कोरिया, इंडोनेशिया, थायलैंड और जर्मनी का समावेश है। बीते आर्थिक वर्ष में भारत में ७८.१० करोड़ डॉलर्स यानी ५,८३६ करोड़ रुपयों के टीवी आयात किए गए थी। इनमें से २,१९० करोड़ रुपयों के टीवी चीन से आयात हुए थे। कलर टीवी का समावेश प्रतिबंधित वर्ग में करने से देश में टीवी निर्माण करने के क्षेत्र पर सकारात्मक असर होगा और ग्राहकों को देश में उत्पादित उच्च दर्जे के टीवी सेट्स प्राप्त होंगे, यह विश्‍वास भारतीय टीवी कंपनियों ने व्यक्त किया है।

भारत का उत्पादन क्षेत्र चीन की तुलना में काफ़ी पिछड़ा होने की आलोचना करके चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स ने भारत की कई बार अवहेलना की है। भारत में चीनी उत्पादों पर बहिष्कार करने की मुहीम कामयाब नहीं होगी, यह दावा भी चीन सरकार का मुखपत्र लगातार करता रहा है। चीनी उत्पादों पर पाबंदी लगाने से आम भारतीयों का सबसे अधिक नुकसान होगा। क्योंकि, उनके लिए सस्ते इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के विकल्प नहीं होंगे। इसके लिए स्मार्टफोन और स्मार्ट टीवी का दाखिला दिया जा रहा है। चीनी स्मार्ट टीवी के लिए विकल्प साबित होनेवाले अन्य कंपनियों के टीवी की किमत २० से ४५% अधिक है, ऐसे उदाहरण चीन के मुखपत्र से कई बार दिए गए है। इस पृष्ठभूमि पर केंद्र सरकार के नए निर्णय की ओर देखा जा रहा है।

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