‘एमएसएमई’ क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार ने किया ‘इक्विटी’ योजना का ऐलान

नई दिल्ली/मुंबई ११ करोड़ लोगों को रोज़गार और देश कीजीडीपीमें २९ प्रतिशत योगदान दे रहेंएमएसएमईक्षेत्र को मज़बूती देने के लिए सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। सोमवार के दिन सरकार ने इस क्षेत्र के लिए ७० हज़ार करोड़ के पैकेज़ को मंज़ुरी दी है और इसमें ५० हज़ार करोड़ रुपयों कीइक्विटीयोजना का भी समावेश है। इसके अनुसार, अच्छाखासा कारोबार होनेवालीएमएसएमईकंपनियों में सरकार १५ प्रतिशत तक इक्विटी निवेश करेगी। साथ ही, संकट में फँसींएमएसएमईक्षेत्र की कंपनियों की सहायता के लिए चार हज़ार करोड़ रुपयों की निधि भी उपलब्ध करायी जाएगी। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम क्षेत्र के मंत्री नितीन गडकरी ने इस निर्णय कोऐतिहासिकबताया है।

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कुछ दिन पहले ही, केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन ने २० लाख करोड़ रुपयों के पैकेज का ऐलान किया था। इससे संबंधित प्रावधानों को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार के दिन मंजुरी दी। इनमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम क्षेत्र (एमएसएमई) के उद्योगों के लिए तय किए निकषों में बदलाव करने के प्रावधानों का समावेश है। इसके लिए कानून में सुधार करने को भी मंज़ुरी दी गई है। साथ ही, एमएसएमई क्षेत्र के लिए दो फंड़ तैयार किए गए होकर, इससे संबंधित प्रावधानों पर भी मंत्रिमंडल की बैठक में मुहर लगी है।

एमएसएमईकंपनियों के लिए चार हज़ार करोड़ रुपयों काडिस्ट्रेस असेसमेंट फंड़स्थापित किया गया है। इसके ज़रिये, संकट में फँसीएमएसएमईकंपनियों को संकट से बाहर निकालने के लिए सहायता प्रदान होगी। साथ ही, ‘एमएसएमईकंपनियों के लिए घोषित की गयी दूसरी निधि कोफंड़ ऑफ फंड़स्‌नाम दिया गया है। यह निधि ५० हज़ार करोड़ रुपयों की होगी। इसके ज़रिये, अच्छा खासा कारोबार कर रहींएमएसएमईकंपनियों कीइक्विटीकी खरीद सरकार करेगी। सक्षम कंपनियों की अधिकतम १५ प्रतिशतइक्विटीकी खरीद करने की योजना सरकार ने तैयार की है। इसकी वज़ह से, इन कंपनियों को विस्तार के लिए निधि प्राप्त होगी। इससे इन कंपनियों को और भी मज़बूती प्राप्त होगी। इस निधि से अलग अलगएमएसएमईकंपनियों में निवेश किया जाएगा। इससेएमएसएमईकंपनियों को शेअर बाज़ार में पंज़ीकृत बनने के लिए बढ़ावा मिलेगा।एमएसएमईमेंइक्विटीखरीदकर निवेश करने की इस तरह की यह पहली ही योजना है।

इसके अलावाएमएसएमईके लिए २० हज़ार करोड़ रुपयों की कर्ज निधि का भी सरकार ने प्रावधान किया है। इसके ज़रियेएमएसएमईकंपनियों को कर्ज़ा दिया जाएगा। अपने व्यापार की वृद्धि के लिए या पैसों की कमी दूर करने के लिए छोटी सी छोटीएमएसएमईकंपनियों को कर्जा उपलब्ध कराया जाएगा। इन योजनाओं की वज़ह से २५ लाखएमएसएमईकंपनियों की पुनर्रचना होगी और दो लाख नयींएमएसएमईकंपनियाँ खड़ी हो सकेंगी। इस क्षेत्र में नौकरियों के अधिक अवसर प्राप्त होंगे, यह विश्‍वास केंद्रीय मंत्री गडकरी ने व्यक्त किया है।

इसी बीच, फेरीवालों, छोटे बिक्रेताओं को १० हज़ार रुपयों तक तुरंत कर्जा देने की योजना को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंज़ुरी दी है। यहाँ तक कि सब्ज़ी, फल बेचनेवालों से लेकर पानतमाखू बेचनेवाली दूकानों समेत चप्पल दुरूस्त करने की दुकानों को भी अपना कारोबार बढ़ाने के लिए यह कर्जा प्राप्त करना संभव होगा। यह कर्जा एक वर्ष के लिए और मात्र ७ प्रतिशत ब्याज दर से उपलब्ध कराया जा रहा है और इस सूक्ष्म कर्ज योजना कोप्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंड़र आत्मनिर्भर योजना’, यह नाम दिया गया है।

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