अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों के प्रत्यार्पण के मुद्दे पर केंद्र की राज्यों को सूचना – केंद्रीय गृहमंत्रालय

नई दिल्ली – भारत में रहनेवाले अवैध विदेशी शरणार्थियों को हिरासत में लेकर उन्हें दुबारा स्वदेश भेजने का अधिकार केंद्र सरकार रखती है। रोहिंग्यों के मसले पर भी इसी प्रक्रिया पर अमल किया जा रहा है। देश में अवैध तरीके से रहनेवाले विदेशी नागरिकों की पहचान करके उन्हें वापस भेजें, ऐसी स्पष्ट सूचना केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को और केंद्रीय प्रदेशों की सरकार से की हैं, ऐसा केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से कहा गया है।

भारत में रहनेवाले रोहिंग्या शरणार्थियों के प्रत्यर्पण के मुद्दे पर राज्यसभा में सवाल किया गया था। इस पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने जवाब दिया। देश में १२ राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में फिलहाल भारत पहुँचे अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों की बस्तियां बनी हैं। इन राज्यों में जम्मू-कश्‍मीर, तेलंगना, पंजाब, हरियाना, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्‍चिम बंगाल, असम, कर्नाटक और केरल के समावेश की जानकारी गृह राज्यमं राय ने साझा की हैं।

अवैध शरणार्थियों को खोज़ना, उनकी पहचान करना और उनका प्रत्यर्पण करना यह लगातार होनेवाली प्रक्रिया है। ऐसे अवैध शरणार्थियों में रोहिंग्यों का भी समावेश होने का बयान राय ने किया। देश के सभी राज्य सरकारें और केंद्रशासित प्रदेशों को ऐसे अवैध शरणार्थियों का प्रत्यर्पण करने के लिए आवश्‍यक सभी सूचनाएं एकसाथ की गई हैं, यह बात राय ने स्पष्ट की। भारत में किसी भी कानूनी कागजात के बगैर दाखिल हुए और यहीं पर रहनेवालों की पुख्ता संख्या उपलब्ध नही है, यह बयान भी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद ने किया हैं।

इसी बीच देश में करीबन ४० लाख रोहिंग्या अवैध तरिके से रह रहे हैं, ऐसा अनुमान हैं। इससे पहले केंद्र सरकार ने उच्चतम अदालत में हुई एक याचिका की सुनवाई के दौरान पेश किए गए शपथपत्र में रोहिंग्या शरणार्थी भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होने की बात स्पष्ट की थी। रोहिंग्यों का संबंध अपराधिक गिरोह, तस्कर और देश विरोधी गतिविधियां करने में जुटी आतंकी संगठनों से होने की बात भी केंद्र सरकार ने स्पष्ट की थी। ऐसे अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों की पहचान करके उनका ‘बायोमेट्रिक’ पंजीकरण करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई थी। इस वजह से इन शरणार्थियों को अपनी बस्ती छोड़कर अन्य राज्यों में प्रवेश करना मुमकिन नहीं होगा। ईशान कोण भारत में बीते महीने में कई अवैध रोहिंग्यों को पकड़कर म्यांमार की सेना के हाथों में सौंप दिया गया है।

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