कम्युनिस्ट हुकूमत ने देश की छवि नष्ट की, चिनी जनता की आलोचना – जापान के अखबार का दावा

टोकिओ – चीन से टकराने की कोशिश करना चाहनेवालीं विदेशी ताकतों को १.४ अरब चिनी जनता की फौलादी दीवार से टकराना होगा, ऐसी चेतावनी चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने पिछले हफ्ते में दी। लेकिन अपने पड़ोसी देशों समेत अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय को जिनपिंग ने दी धमकी पर चीन में ही नाराज़गी व्यक्त हो रही है। कम्युनिस्ट पार्टी के प्रशासन से देश की छवि खराब हुई होकर, पड़ोसी देशों के साथ संबंध बिगड़ने की चिंता चिनी जनता ज़ाहिर कर रही है। इसके लिए कोरोना के संदर्भ में छिपाई जानकारी, हॉंगकॉंग-ताइवान, साऊथ और ईस्ट चाइना सी के संदर्भ में अपनाई लष्करी आक्रामकता ज़िम्मेदार है, ऐसा चिनी जनता का मानना है। जिनपिंग के भाषण के बाद जापान के अग्रसर अखबार ने इकट्ठा की हुईं चिनी जनता की प्रतिक्रियाओं में से यह सामने आया है।

china-anti-protest-2पिछले हफ्ते कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना के १०० साल पूरे हुए। इस उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में कम्युनिस्ट पार्टी के सर्वेसर्वा और चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने आक्रामक भाषण किया था। चीन के विकास में कम्युनिस्ट पार्टी ने अहम भूमिका निभाई होने का दावा जिनपिंग ने किया था। साथ ही, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना का विषय बने हॉंगकॉंग, झिंजियांग और ताइवान के संदर्भ में जिनपिंग ने पड़ोसी तथा पश्चिमी देशों को धमकाया। इस भाषण पर ताइवान से प्रतिक्रिया आई थी।

लेकिन जापानी अखबार से बात करते समय चिनी नागरिकों ने जिनपिंग तथा कम्युनिस्ट हुकूमत की कड़ी आलोचना की। ‘चीन यानी कम्युनिस्ट पार्टी नहीं’, ऐसा स्पष्ट मत चिनी नागरिक ज़ाहिर कर रहे हैं। कोरोना के फैलाव के संदर्भ में कम्युनिस्ट हुकूमत ने छिपाई जानकारी, चीन की छवि मलिन करने के लिए महत्वपूर्ण घटना साबित हुई, ऐसा एक नागरिक ने कहा। वहीं, ‘हॉंगकॉंग और ताइवान तथा साउथ और ईस्ट चाइना के संदर्भ में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनाई आक्रामक भूमिका, पड़ोसी देशों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा साबित हो रही है’, ऐसी चिंता कुछ चिनी नागरिकों ने व्यक्त की।

china-anti-protest-1झिंजियांग में हो रहा मानवाधिकारों का उल्लंघन और बुद्धि संपदा की चोरी के संदर्भ में होने वाले आरोप गंभीर होकर कामा इससे जापान समेत अन्य देशों की कंपनियां चीन के मार्केट से बाहर निकलेंगे, ऐसी चेतावनी चीनी जनता दे रही है। इससे पहले ही कई बड़ी कंपनियों ने चीन में होनेवाले अपने कारखाने बंद करके भारत, बांगलादेश, वियतनाम इन चीन के पड़ोसी देशों में अपने कारखाने स्थलांतरित किए हैं। जापान ने भी चीन में कारखाने होनेवाले अपनी कंपनियों के लिए आकर्षक डिस्काउंट की घोषणा की थी।

दुनिया भर में चीन की छवि ‘प्रेमल और विनम्र देश’ ऐसी बनाएँ, ऐसा संदेश चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने अपने राजनीतिक अधिकारियों को दिया था। लेकिन कोरोना की महामारी, हॉंगकॉंग के लिए बनाया कानून, उइगरवंशियों पर अत्याचार, ताइवान को दीं जानेवालीं धमकियाँ और साउथ चाइना सी में चलाये विस्तारवादी कारनामें, इस कारण चीन की हुकूमत के बारे में दुनियाभर में नाराज़गी का माहौल है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन की छवि नकारात्मक और मलिन होने की बात पिछले ही हफ्ते एक अन्तर्राष्ट्रीय सर्वे से सामने आई थी।

इसी बीच, कम्युनिस्ट पार्टी के सर्वाधिकार हाथ में होनेवाले जिनपिंग को पार्टी में से ही विरोध होगा, चुनौती मिलेगी, ऐसी संभावना जताई जा रही थी। कोरोना की महामारी चीन ने फैलाई होने के सबूत अगर दुनिया के सामने आए, तो चीन में नेतृत्व बदलाव होगा, ऐसा दावा विख्यात विश्‍लेषक गॉर्डन चँग ने किया था। ऐसी स्थिति में, चीन के भीतर भी जिनपिंग की बढ़ती एकाधिकारशाही के विरोध में और कम्युनिस्ट हुकूमत के विरोध में नाराज़गी बढ़ने की बात सामने आई है। 

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