कोटि-कोटि प्रणाम!

कोटि-कोटि प्रणाम!

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – भाग १४ उनका स्वास्थ्य हालाँकि बिगड़ता ही जा रहा था, मगर फ़िर भी डॉक्टरसाहब की दिनचर्या पर इसका कोई भी असर नहीं हो रहा था। डॉक्टरसाहब पैदल चलकर, साईकिल पर अथवा बस या रेलवे के द्वारा यात्रा करके विभिन्न स्थानों पर विचरण करते थे। लोगों से संवाद बढ़ाकर, संघ के बारे […]

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हे गुरुवर

हे  गुरुवर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – भाग १३ संघकार्य के प्रति अपने आपको समर्पित करने का निर्णय माधव सदाशिव गोळवळकर ने लिया। इससे पूज्य डॉक्टरसाहब बहुत ही आनंदित हो गये। संघ को मिला हुआ यह ईश्‍वरीय वरदान है, ऐसा डॉक्टरसाहब को लग रहा था। अब भविष्य में संघ का कार्य और भी व्यापक होगा और संघ का […]

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संघटन

संघटन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – भाग १२ तय कार्यक्रम के अनुसार शाम के समय माधव शाखा में गये। वहाँ डॉक्टर उनकी प्रतिक्षा कर रहे थे। शाखा का कार्यक्रम सम्पन्न हो जाने के बाद उन्हें लेकर डॉक्टर अपने घर आये और उनके साथ गप-शप करने लगे। ‘मुझे पता चला है कि तुमने ‘बनारस हिन्दु युनिव्हर्सिटी’ में प्राध्यापक […]

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परमपवित्र भगवा ध्वज और समर्पण

परमपवित्र भगवा ध्वज और समर्पण

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – भाग ११ संघ की स्थापना हो गयी। संघकार्य को आगे कैसे बढ़ाना है, इस बारे में डॉक्टरसाहब स्वयंसेवकों के अभिप्राय लेते रहते थे। ‘हमें सप्ताह में एक बार नहीं, बल्कि प्रतिदिन मिलना चाहिए’ ऐसा स्वयंसेवकों का ही आग्रह था। ‘यह मुलाकात कहाँ पर और किस प्रकार करनी हैं, यहाँ पर कौन-सा […]

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आवाहन

आवाहन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – भाग १० ‘महोदय, यदि अपने देश के हालात सुधारने हों, तो तुम्हारे-मेरे जैसे हज़ारों नौजवानों को अपना सर्वस्व अर्पण करना होगा। शहर, गाँव और वनप्रदेश में भी सैंकड़ों अत्यावश्यक कार्य हमारी प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसीलिये मैंने नौकरी, विवाह न करते हुए, स्वयं को इन कार्यों के लिये न्योछावर करने का […]

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – संकल्प!

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – संकल्प!

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – भाग 9 कोलकाता (उस समय के कलकत्ता) में पढ़ने के लिये आने के बाद केशवराव कई बार दक्षिणेश्‍वर, बेलूर मठ और शांतिनिकेतन जाया करते थे। यहाँ पर उन्हें बहुत आनंद मिलता था। इसी दौरान घटी एक घटना का वर्णन किये बिना नहीं रहा जाता। कलकत्ता में एक सभा चल रही थी। […]

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केशवगाथा

केशवगाथा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – भाग ८ समय के विभिन्न कालखंडों में हमारे देश में महापुरुषों का जन्म हुआ। हमारी यह मातृभूमि नररत्नों की खान है। ऐसे नररत्नों का स्मरण यह प्रेरणा का अखंड़ स्रोत साबित होता है। उनके जीवनचरित्र का अध्ययन सदैव हमारा मार्गदर्शन करता रहता है। आज हम ऐसे ही एक युगप्रवर्तक महापुरुष का […]

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पहले स्वतंत्रता संग्राम के बाद की जागृति!

पहले स्वतंत्रता संग्राम के बाद की जागृति!

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – भाग ७ इतिहास की जानकारी प्राप्त की जाती है, वह केवल स्मरणरंजन के लिए नहीं, बल्कि भूतकाल में हुईं ग़लतियों को वर्तमान में टालने के लिए। इसीके साथ, अपने गौरवशाली इतिहास को समझने के लिए, अपने समाज के सामर्थ्य को जानने के लिए और सबसे अहम बात यह है कि विदेशियों […]

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पहला स्वतंत्रता संग्राम !

पहला स्वतंत्रता संग्राम !

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – भाग ६ शिवाजी महाराज ने केवल अपने राज्य का ही विचार नहीं किया। उनकी दृष्टि व्यापक थी। महाराज के ही समकालीन रहनेवाले छत्रसाल, वीर दुर्गादास, महाराज राजसिंग और अन्य राजाओं ने शिवाजी महाराज से प्रेरणा ली थी। अत: महाराज का राज्य कितना बड़ा था अथवा उन्होंने कितने समय तक शासन किया, […]

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प्रतिकार का इतिहास

प्रतिकार का इतिहास

बाबर इस देश में मुगलों का शासन लेकर आया। उसके बाद हूमायूँ के और फिर अकबर के समय में मुगलों का शासन स्थिर होता गया, उसका विस्तार भी हुआ। अकबर कम उम्र में ही बादशाह बन गया। अकबर राजपूतों के शौर्य से अच्छी तरह परिचित था। उनका उपयोग, अपने शासन को स्थिर करने के लिए […]

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