१०७. ‘टेक्नॉलॉजिकल इन्क्युबेटर्स’

१०७. ‘टेक्नॉलॉजिकल इन्क्युबेटर्स’

विज्ञान-तंत्रज्ञान पर आधारित नयीं-नयीं संकल्पनाएँ आगे आने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने के प्रयास इस्रायली सरकार शुरू से ही करती आयी है| ‘हायटेक संशोधन-विकास’ यह क्षेत्र ही इस्रायल के लिए आय का प्रमुख स्रोत बन सकता है, यह स्पष्ट हो जाने के कारण इस्रायली सरकार ने उसके अनुसार ही अपनी नीतियॉं निर्धारित करना शुरू […]

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१०६. हायटेक संशोधन-विकास का मूलमंत्र

१०६. हायटेक संशोधन-विकास का मूलमंत्र

इस्रायल ने विज्ञान-तंत्रज्ञान क्षेत्र के संशोधन में की प्रगति का हम जायज़ा ले रहे हैं| सन १९४८ में जब इस्रायल आज़ाद हुआ, उस समय रहनेवाले हालातों को मद्देनज़र करते हुए, ‘क्या यह देश टिक सकेगा’, ऐसी ही आशंका किसी के भी मन में उठना स्वाभाविक ही था| लेकिन यह देश केवल टिका ही नहीं, बल्कि […]

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१०५. विज्ञान-तंत्रज्ञान क्षेत्र में उड़ान

१०५. विज्ञान-तंत्रज्ञान क्षेत्र में उड़ान

ज़रूरत यह खोज की माता होती है, ऐसा बोला जाता है| मानवी इतिहास में आज तक की गयीं प्रायः सभी खोजें, उनसे संबंधित कुछ न कुछ ज़रूरत के निर्माण होने के बाद ही हुईं दिखायी देती हैं| आज के दौर में जो समाज अपनी ज़रूरतों को पहचानकर, उनकी पूर्ति करने की दृष्टि से विज्ञान-तंत्रज्ञान (सायन्स […]

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१०४. इस्रायली क्रीडाजगत्

१०४. इस्रायली क्रीडाजगत्

समाज का सर्वांगीण विकास हो पाने के लिए किसी भी देश की दृष्टि से कला जितना ही खेलकूद को भी महत्त्व है| देश के नागरिक स्वस्थ एवं ‘फिट’ रहने के लिए खेल, ख़ासकर मैदानी खेल अनन्यसाधारण महत्त्वपूर्ण साबित होते हैं| इस अहमियत को पहचानकर ही इस्रायल ने आज़ादी के बाद, विभिन्न कलाप्रकारों जितना ही इस्रायल […]

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१०३. इस्रायली समाजजीवन के विभिन्न पहलू

१०३. इस्रायली समाजजीवन के विभिन्न पहलू

इस्रायली समाज यह हालॉंकि ऊपरी तौर पर दुनिया के अन्य किसी भी समाज जैसा ही दिखायी देता हो, लेकिन ज्यूधर्म के साथ वह दृढ़तापूर्वक जुड़ा हुआ है और ज्यू संस्कृति के साथ उसकी नाल दृढ़तापूर्वक बॉंधी गयी है| इसी कारण, हज़ारों वर्षों की समृद्ध धरोहर प्राप्त ज्यू संस्कृति के दर्शन करानेवालीं, साथ ही, पुरातत्त्वसंशोधकों की […]

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१०२. इस्रायली समाजजीवन

१०२. इस्रायली समाजजीवन

अस्तित्व बनाये रखने के लिए नवजात इस्रायल के – बस्तियों का निर्माण, जलआपूर्ति, ख़ेती, मत्स्यख़ेती आदि सभी क्षेत्रों में महत्प्रयास जारी थे और तब बतौर एक ‘समाज’ भी इस्रायल विकसित हो रहा था और उसके लिए इस्रायली समाजधुरीणों ने विशेष परिश्रम किये| स्वतंत्रतायुद्ध के ख़त्म होने के बाद और एक बार ये ऊपरोक्त प्रश्‍नों का […]

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१०१. ‘मेल्टिंग पॉट कल्चर’

१०१. ‘मेल्टिंग पॉट कल्चर’

किसी भी देश की कला-संस्कृति ये बातें उस देश के समाज का मानो प्रतिबिंब ही होते हैं और जनमानस से अंतरंग के दर्शन कराते हैं| विभिन्न कालखंडों में तैयार हुईं किसी देश की कलाकृतियों के आधार पर, उस उस कालखंड में होनेवाला वहॉं के जनमानस का रूझान समझने में सहायता हो सकती है| इस्रायल यह […]

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१००. इस्रायली शिक्षापद्धति

१००. इस्रायली शिक्षापद्धति

स्वतंत्र होते समय अविकसित माना जानेवाला अपने अथक परिश्रमों से विकसित कैसे बना, यह देखते हुए हमने अब तक, इस्रायल ने – डेव्हलपमेंट टाऊन्स, रेगिस्तान में ख़ेती, जलव्यवस्थापन, पानी के वैकल्पिक स्रोत, मत्स्यख़ेती आदि क्षेत्रों में की हुई प्रगति देखी| लेकिन ये सारीं इस्रायल के लिए, अपना अस्तित्व बनाये रखने के लिए आवश्यक ऐसीं मूलभूत […]

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९९. मत्स्यपालन

९९. मत्स्यपालन

‘मत्स्यपालन’ यह इस्रायल में कृषि के बाद का अहम व्यवसाय है| अब जिस देश को समुद्रकिनारा प्राप्त होता है, उस देश के मच्छिमारी से पूर्वापार मज़बूत रिश्ता होता ही है; फिर उसमें इस्रायल की क्या अलग बात है? तो इस्रायल केवल मच्छिमारी कर रहा न होकर ‘मत्स्यपालन’ यानी ‘मछलियों की ख़ेती’ करने पर ज़ोर देता […]

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९८. वैकल्पिक जलस्रोत

९८. वैकल्पिक जलस्रोत

इस्रायल ने अथक परिश्रमों से और संशोधन से, उत्तरी इस्रायलस्थित जलाशयों से दक्षिणी इस्रायल तक पानी पहुँचाकर शुरुआती दौर में जलसमस्या पर नियंत्रण तो पा लिया; लेकिन दिनबदिन बढ़ती हुई जनसंख्या को मद्देनज़र करते हुए और उसीके साथ इस्रायली समाज को हो रही प्रगति को देखते हुए पानी का विनियोग दिनबदिन बढ़ता ही जानेवाला था, […]

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