कार्ल सेगन (१९३४-१९९६)

बीसवीं सदी के प्रमुख शास्त्रज्ञों के नाम यदि पूछे जायें तो अनेकों लोग तुरंत ही आईनस्टाईन का नाम ले लेंगे। कार्ल सेगन के नाम के इर्दगिर्द किसी भी प्रकार का प्रभामंडल नहीं है। ऐसा होने के बावजूद भी पाश्‍चात्य देशों में उनका नाम सर्वतोमुख होने का कारण यह है कि आधुनिक विज्ञान को अत्यन्त आर्कषक तरीके से उन्होंने जनता के समक्ष प्रस्तुत किया है। आम लोगों में विज्ञान के प्रति आकर्षण बढ़े, उन्हें विज्ञान के प्रति अपनापन लगे इसके लिए उनके द्वारा की गई कोशिशों के कारण ही उन्हें यह स्थान प्राप्त हुआ है।

सेगन के पिता रशिया से आये एक निर्वासित थे और उनकी माँ अमरिकन। बचपन में छोटे बच्चों का खेल-खेलने के बजाय ‘तारे क्या हैं, वे क्यों चमकते हैं’, इस प्रकार की आशंकाएँ उनके मन में निर्माण हुआ करती थीं। और उनकी इन शंकाओं का समाधान एक दर्जी की दुकान में काम करनेवाले उनके पिता भला कैसे कर सकते थे! पर फिर भी उन्होंने अपने बच्चे का मार्गदर्शन ज़रूर किया कि पुस्तकालय में जाकर इससे संबंधित पुस्तकों को पढ़ो। इसी वाचन-पठन करने की आदत ने उन्हें खगोलशास्त्र का दीवाना बना दिया। कार्ल वैज्ञानिक सामग्री के प्रति जानकारी हासिल करने में दिन-रात लगे रहत थे। फिर भी क्या खगोलशास्त्र के अध्ययन से जीवनक्रम चल सकता है? इस प्रश्‍न का उत्तर भी उन्होंने प्राप्त कर लिया। १९५१ में शिक्षा हेतु शैक्षणिक छात्रवृत्ति प्राप्त कर कार्ल ने शिकागो महाविद्यालय में प्रवेश प्राप्त कर लिया। कॉलेज शिक्षा के दौरान हर्मन म्युलर के संशोधनकार्य में उन्होंने उनकी सहायता की। म्युलर को इस संशोधन के लिए नोबल पुरस्कार प्राप्त हुआ। सेगन ने विज्ञान की लोकप्रियता बढ़ाने हेतु व्याख्यानमाला शुरु कर दी। ‘सेगन सर्कस’ कहकर पहले तो लोगों ने उनका मज़ाक उड़ाया, मग़र आगे चलकर लोग उनकी प्रशंसा करने लगें। नौ वर्षों पश्‍चात् सेगन ने खगोलशास्त्र के साथ साथ ख-वास्तवशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि भी इसी महाविद्यालय से प्राप्त की।

कार्ल सेगन, सेगन सर्कस, संशोधन, संशोधक, विज्ञान, रशिया, तारेसेगन ने आपनी पसंद के बारे में बताया था कि वास्तवशास्त्र के पेचीदा प्रयोगों की अपेक्षा खगोलशास्त्र मुझे अधिक प्रिय लगता है। इस मनोवृत्ति से ही उन्हें विशाल विश्‍व का चित्र देखने में मदद मिली। जीवशास्त्र, रसायनशास्त्र, खगोलशास्त्र इनके संगम की एकत्रित दिशा उन्होंने दिखलायी। विज्ञान के अनेकों पहलुओं पर उन्होंने काफ़ी विचार किया था। ‘क्या पृथ्वी के बाहरी बाह्य सजीवों के साथ मुलाकात होना संभव है और वह भी सूर्यमाला के अन्तर्गत’ इसी हेतु से सेगन का संशोधनकार्य आगे बढता रहा।

उम्र के बाईसवें वर्ष में ही उत्सर्जन एवं जीवों का उद्गम (Radiation and the origin of gene) इस संशोधन पर आधारित लेख उन्होंने प्रसिद्ध किया। इसके पश्‍चात् ३०० से अधिक लेख उन्होंने लिखे। शुक्र के वातावरण के प्रति अनुमान लगानेवाला उनका संशोधन काफी अधिक प्रसिद्ध हुआ। मंगल एवं शुक्र ग्रह के प्रति उनके कुछ अनुमानों की सत्यता उन ग्रहों पर जानेवाले अंतरिक्ष यान ने क दी। पृथ्वी पर सजीवों की निर्मिति कैसे हुई? साथ ही पृथ्वी से बाह्य स्थानों पर सजीव होंगे क्या? यह कार्ल सेगन का विशेष पंसदीदा विषय था। १९६१ के पृथ्वीबाह्य सजीवों के विषय में होनेवाली प्रथम राष्ट्रीय वैज्ञानिक परिषद में कार्ल को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था। इसी परिषद के कारण पृथ्वी बाह्य जीवशास्त्र (Exo-biology) नामक इस नये शास्त्र को मान्यता प्राप्त हुई। नासा में सेगन को परामर्शदाता के रूप में नियुक्त किया गया।

सेगन की ‘द कॉस्मिक कनेक्शन’, ‘कॉसमॉस’, ‘इंटेलिजंट लाइफ इन द युनिव्हर्स’, ‘ब्रोकाज ब्रेन’ (निबंध संग्रह) ये प्रकाशित की गई पुस्तकें काफी महत्त्वपूर्ण हैं। ‘हिअर इज कार्ल’ यह खगोलशास्त्र पर आधारित कार्यक्रम अमरिकन टेलिव्हिजन पर लोकप्रिय हुआ था। ‘द क्लोज एनकाऊंटर्स ऑफ द थर्ड काईंड’, ‘एम्पायर स्ट्राइक्स बॅक’, ‘स्टार वॉर्स’ इस सिनेमा के कारण फिल्मी जगत् में भी सेगन पहचाने जाने लगे। ‘सुपर स्टार’ होनेवाले ये एकमात्र संशोधक होंगे और उन्होंने इसका लाभ विज्ञान के प्रचार-प्रसार के लिए किया। सागन के सिनेमा एवं टेलिव्हिजन पर प्रसारित किए जानेवाले कार्यक्रमों को देखकर लाखों अमरिकन बच्चों के मन में यह इच्छा निर्माण हुई कि हमें भी खगोलशास्त्रज्ञ बनना चाहिए और अभिभावकों की मनोदशा यह थी कि हम भी वैज्ञानिक क्यों नहीं बने। इसी में कार्ल सिनेमा की सफलता समायी हुई है।

सागन को नासा का ‘पब्लिक सर्व्हिस मेडल’ दो बार एवं १९९४ में ‘नॅशनल अ‍ॅकॅडमी ऑफ सायन्सेस पब्लिक वेलफेअर मेडल’ इस प्रकार के अनेक पदकों एवं सम्मानित चिह्नों से सम्मानित किया गया। साथ ही अंतरिक्ष एवं अन्य ग्रहगोलों से संबंधित विशेष तौर पर संशोधन करनेवाले होनहार शास्त्रज्ञों को सेगन के नाम से अनेक पदक एवं पुरस्कार दिए जाते हैं।

जून २००५ के ‘द ग्रेटेस्ट अमरीकन’ कार्यक्रम में ‘९९वाँ ग्रेटेस्ट अमरिकन’ इस प्रकार से नामांकित करके सेगन पर आधारित कार्यक्रम अमरिका के ‘डिस्कवरी चैनल’ के माध्यम से दिखाया गया।

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