चीन के साथ युद्धाभ्यास करने पर कंबोडिया कायम

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरन्होम पेन्ह: कोरोना व्हायरस की विषाणु ने दुनियाभर में मचाए कोहराम की पृष्ठभूमि पर कंबोडिया ने अमरिका समेत इटली, जर्मनी, स्पेन और फ्रान्स से पहुंच रहे यात्रियों को प्रवेश देने से इन्कार किया है| पर, कोरोना व्हायरस का उगमस्थान रहें चीन के साथ होनेवाले युद्धाभ्यास में बदलाव करना संभव ना होने का ऐलान कंबोडिया ने किया है| कंबोडिया में हो रहा चीन का यह युद्धाभ्यास प्रतिकात्मक होने का दावा किया जा रहा है|

पीछले पांच वर्षों से कंबोडिया और चीन की सेना ‘गोल्डन ड्रैगन’ युद्धाभ्यास का आयोजन कर रहे है| वर्तमान दिनों में यह युद्धाभ्यास शनिवार से शुरू हुआ है और १ अप्रैल तक जारी रहेगा| इस १९ दिनों के युद्धाभ्यास में कुल तीन हजार सैनिक शामिल हुए है और इसमें चीन की ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ के २६५ सैनिक शामिल हुए है| इसके अलावा दोनों देशों की सेना के टैंक, तोंप, हेलिकॉप्टर्स भी इस युद्धाभ्यास में शामिल हो रहे है| आतंकवाद के विरोधी कार्रवाई और मानवीय सहायता की पृष्ठभूमि पर इस युद्धाभ्यास का आयोजन होने की बात कंबोडिया ने स्पष्ट की है|

पर, पीछले कुछ हफ्तों से चीन समेत दुनिया के कई देसों में कोरोना व्हायरस ने कोहराम मचाया है| अकेले चीन में ही इस विषाणु के चपेट में ८० हजार से भी अधिक लोग फंसे है और इस बीमारी के कारण चीन में तीन हजार से भी अधिक लोगों की मौत हुई है| ऐसे में कंबोडिया में सात लोग इस विषाणु से पीडित हुए है और इसका फैलाव रोकने के लिए अप्रैल महीने में होनेवाला नए वर्ष का कार्यक्रम भी रद्द किया है| इस पृष्ठभूमि पर कंबोडिया ने चीन के साथ होनेवाले युद्धाभ्यास के समय में बदलाव करने की मांग की जा रही थी| पर, कंबोडियन सरकार चीन के साथ युद्धाभ्यास करने पर कायम है|

चीन के साथ व्यापक सहयोग करने की पृष्ठभूमि पर कंबोडिया इस युद्धाभ्यास से पीछे हट नही सकता, ऐसा अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषकों का कहना है| ‘पीछले कुछ दिनों में दुनिया भर में अधिकांश कार्यक्रम, अंतरराष्ट्रीय मीटिंग्ज, खेल स्पर्धा रद्द की गई है| अधिकांश देशों ने चीन से हो रही आयात बंद की है और चीन के नागरिकों को भी प्रवेश देने से इन्कार किया है| पर, चीन के साथ होनेवाली अपनी मित्रता प्रदर्शित करने के लिए कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन ने इस युद्धाभ्यास को मंजुरी दी है| इसके लिए प्रधानमंत्री हुन सेन ने कोरोना व्हायरस का खतरा भी स्वीकारा है’, ऐसी प्रतिक्रिया अमरिकी विश्‍लेषक सेबास्टियन स्ट्रैंईओ’ ने व्यक्त की है|

इस कारण कंबोडिया ने चीन के साथ युद्धाभ्यास करने को मंजुरी देकर प्रतिकात्मक निर्णय किया है ऐसा सेबास्टियन ने एक समाचार चैनल से की बातचीत के दौरान कहा| आग्नेय एशिया की गतिविधियों पर सेबास्टियन का अध्ययन है| उन्होंने लिखें ‘इन दे ड्रैगन्स शैडो : साउथईस्ट एशिया इन दे चायनिज् सेंच्युरी’ यह पुस्तक जल्द की प्रकाशित हो रहा है| वही, ‘ऑस्ट्रेलियन डिफेन्स फोर्स अकॅडमी’ इस अभ्यासगुट के विश्‍लेषक कार्ल थेअर ने सेबास्टियन के मत का समर्थन किया|

‘चीन कोरोना व्हायरस की जानकारी छुपा रहा है, यह आरोप दुनिया भर से हो रहा है| अभी भी चीन इस विषाणु के मुद्दे पर पुरी जानकारी जारी नही कर रहा है, यह आलोचना हो रही है| ऐसी स्थिति में कंबोडिया अब चीन का नजदिकी सहयोगी देश बनकर खडा हुआ है| इसके लिए कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन ने पीछले महीने में चीन की यात्रा करके राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग से भेंट की थी’, इस ओर थेअर ने ध्यान आकर्षित किया|

चीन से व्यापारी और आर्थिक सहुलियत प्राप्त करने के लिए ही कंबोडिया की यह कोशिश शुरू होने का दावा थेअर ने किया| वही, कंबोडिया से प्राप्त हो रहे इस सहयोग से चीन को आसियान के देशों में अपना प्रभाव बढाने के लिए सहायता हो सकती है, यह भी थेअर ने कहा| इसी बीच कंबोडिया के इस युद्धाभ्यास के बारे में चीन के दूतावास ने अभी प्रतिक्रिया दर्ज नही की है|

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