बजट २०२१-२२

नई दिल्ली – विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर, इसके लिए बड़े पैमाने पर सरकारी खर्चे का प्रावधान करने वाला २०२१-२२ साल का बजट केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने प्रस्तुत किया। कोरोना के संकट के कारण धीमी हुई विकास की प्रक्रिया को गतिमान बनाने के लिए किए हुए साहसिक फैसले, यह इस बजट की सबसे बड़ी विशेषता मानी जाती है। स्वास्थ्य, बुनियादी सुविधा, कृषि, रक्षा इन क्षेत्रों के लिए इस बजट में बहुत बड़ा प्रावधान किया गया है। इस बजट में पुरानी कर संरचना बदली नहीं गई है और आम लोगों पर नये कर भी थोंपे नहीं गए हैं। लेकिन विकास के लिए जरूरी प्रचंड खर्चे का प्रावधान करते समय, फिस्कल डेफिसिट की मात्रा बढ़ाई गई है। लेकिन फिलहाल तो इसकी चिंता करने का कारण नहीं है, ऐसा यकीन वित्त मंत्री सीतारामन ने दिलाया है।

कोरोना की महामारी आने के बाद घोषित किए गए लॉकडाउन का विपरित परिणाम देश की अर्थव्यवस्था पर हुआ था। लेकिन देश के स्वास्थ्य के लिए यह बात अत्यावश्यक थी। मगर अब जबकि कोरोना के संकट की तीव्रता कम हो रही है, तब २०२१ साल के बजट की ओर, देश के उद्योग एवं कृषि क्षेत्र की नजरें लगी हुई थीं। उम्मीद के अनुसार, अर्थव्यवस्था को पहले जैसी बनाकर विकास की गति बढ़ाने के लिए, इस बजट में बहुत बड़ा प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य और सफाई के लिए किए गए प्रावधान में, पिछले साल की तुलना में १३७ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। कोरोना की महामारी के कारण देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर आए तनाव की पृष्ठभूमि पर, यह प्रावधान गौरतलब साबित होता है।

उसी समय, चीन के साथ बने तनाव की पृष्ठभूमि पर, देश का रक्षा खर्च लगभग १९ प्रतिशत से बढ़ाया गया है। इसमें नए शस्त्रास्त्र और रक्षासामग्री की खरीद के लिए १.१३ लाख करोड रुपए का प्रावधान किया गया है। बीमा क्षेत्र में ठेंठ विदेशी निवेश की मर्यादा ४९ प्रतिशत से बढ़ाकर ७४ प्रतिशत की गई है। वहीं, कृषि क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी घोषणाएँ की गई होकर, इनमें कृषि से जुड़ीं बुनियादी सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। बुनियादी सुविधाओं के विकास को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए इस बजट में पहल की गई है । सड़क निर्माण, बंदरगाहों का विकास इन्हें प्राथमिकता दी गई है। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार निर्माण होगा और अर्थकारण को बढ़ावा मिलेगा, ऐसा विश्वास वित्त मंत्री ने जाहिर किया है। वहीं, रेलवे के लिए प्रावधान करते समय, नए लोहमार्गों के लिए बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश किया गया है। इसका बहुत बड़ा फायदा अर्थव्यवस्था को मिलेगा, ऐसा भरोसा जताया जा रहा है।

लेकिन जब इतने बड़े पैमाने पर खर्च प्रस्तावित किया जा रहा है, तब फिस्कल डिफिसिट बड़े पैमाने पर बढ़ने वाला है। लेकिन फिलहाल तो उसकी चिंता करने के बजाय विकास को प्राथमिकता देना अनिवार्य है, ऐसा बताकर निर्मला सीतारामन ने इस बजट का समर्थन किया। आने वाले दौर में फिस्कल डिफिसिट कम करने के लिए अनुशासन का पालन किया जाएगा, ऐसा सीतारामन ने स्पष्ट किया। डीजल और पेट्रोल पर हालांकि कृषि अधिभार लगाया गया है, फिर भी उसे पेट्रोलियम कंपनियों को सहना पड़ेगा। इस कारण आम ग्राहकों को दरवृद्धि सहनी नहीं पड़ेगी।

कोरोना की महामारी के कारण निर्माण हुए संकट से, देश के सामने नया अवसर भी खड़ा हुआ है। इस बार के बजट में, इस अवसर का लाभ उठाने की कोशिश सरकार ने की होने का दावा कुछ अर्थ विशेषज्ञ कर रहे हैं। यह बजट यानी उचित दिशा में उठाया कदम साबित होता है। कोरोना के कारण निर्माण हुए हालातों का सामना करने के लिए ऐसे साहसिक फैसलों की आवश्यकता थी, ऐसा अर्थ विशेषज्ञों का कहना है ।

कृषि और किसानों के लिए १ लाख ३१ हजार करोड़ का ठोस प्रावधान….

कृषि क्षेत्र और किसानों के लिए किए गए आर्थिक प्रावधान में ५.६३ प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई होकर, सन २०२१-२२ के लिए १,३१,५३१ करोड़ की निधि उपलब्ध करा दी गई है। उसमें से ८,५१३ करोड रुपए का प्रावधान कृषि संशोधन एवं शिक्षा के लिए होने की जानकारी वित्त मंत्री ने दी। प्रधानमंत्री-किसान योजना के लिए सर्वाधिक ६५ हजार करोड रुपए की निधि उपलब्ध करा दी गई है। कृषि की बुनियादी सुविधाओं के लिए रिजर्व निधि ९०० करोड रुपए तक बढ़ाने की घोषणा की गई। किसानों को दिए जाने वाले कर्जों के लिए १६.५ लाख करोड रुपए का प्रावधान किया गया होकर, मत्स्यख़ेती करने वालों के लिए स्वतंत्र हब का निर्माण किया जाने वाला है।

सड़कों और राजमार्गों के लिए १.१८ लाख करोड़ रुपयों का प्रावधान
देशभर में सड़कों एवं राजमार्गों का मजबूत नेटवर्क बनाने के लिए १,१८,१०१ करोड़ रुपयों का प्रावधान किया जा रहा होने की जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने दी। मार्च २०२२ तक ८,५०० किलोमीटर्स लंबाई की नई सड़कों का निर्माण शुरू होने वाला है। उसमें तमिलनाडू, केरल, असम और पश्‍चिम बंगाल में बनाये जाने वाले राजमार्गों का समावेश है। केरल में राजमार्गों के निर्माण के लिए ६५ हजार करोड़, बंगाल के प्रोजेक्ट्स के लिए २५ हजार और असम के लिए १९ हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाने वाला है। ‘मुंबई-कन्याकुमारी कॉरिडॉर’, ‘दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे’ इन प्रोजेक्ट्स को साल भर में गतिमान किया जाएगा, ऐसी जानकारी भी वित्त मंत्री ने दी।

रक्षा क्षेत्र के लिए…
रक्षा क्षेत्र के लिए लगभग ४.७८ लाख करोड़ रुपए घोषित किए गए हैं। पिछले साल की तुलना में इसमें लगभग १९ प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। पिछले १५ सालों में रक्षा खर्च में इतने बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी नहीं की गई थी। एलएसी पर चीन के साथ बने तनाव की पृष्ठभूमि पर, रक्षा खर्च में यह बढ़ोतरी अपेक्षित मानी जाती है। रक्षा खर्च के अन्य प्रावधानों के साथ ही, नए हथियार, लड़ाकू विमान, युद्धपोत तथा अन्य रक्षा सामग्री की खरीद के लिए लगभग १.३५ लाख कोटी रुपयों का प्रावधान किया गया है। रक्षा खर्च में लगभग १०० नए सैनिकी स्कूलों का समावेश किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रावधान पर संतोष व्यक्त किया है।

लष्करी विश्लेषकों ने भी, बजट में रक्षा के लिए किये गये इस ठोस प्रावधान का स्वागत किया । कोरोना के संकट के कारण अर्थव्यवस्था के सामने गंभीर चुनौती खड़ी हुई थी। लेकिन ऐसी स्थिति में भी रक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई है, यह स्वागतयोग्य बात है, ऐसा विश्लेषकों का कहना है।

इसी बीच, केंद्रीय गृहमंत्रालय के लिए १.६६ लाख करोड रुपए का प्रावधान इस बजट में किया गया है। इसका प्रमुख हिस्सा देश के पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही, इसमें से ३०,७५७ करोड़ रुपये जम्मू-कश्मीर के लिए और ५,९५८ करोड रुपए लद्दाख के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हैं।

रेल्वे के लिए १,१०,०५५ करोड़
भारतीय रेल्वे का नेटवर्क अधिक मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय रेल्वे योजना-२०३० तैयार की गई है। रेलवे के लिए २०२१-२२ साल में एक लाख १० हजार करोड़ रुपयों का प्रावधान किया होकर, उसमें से १,०७,१०० करोड़ पूंजी खर्च के लिए दिए गए हैं। रेलवे का प्रवास अधिक सुखदाई बनाने के लिए व्हिस्टाडोम कोच का उत्पादन बढ़ाया जाने वाला है।

इसी बीच, रेल्वे के पूंजी खर्च में की गई बढ़ोतरी, यह विकास की दिशा में उठाया अत्यंत महत्वपूर्ण कदम होने का दावा अर्थविशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है । देश में रेलवे के नेटवर्क का बड़ी मात्रा में विस्तार होने पर देश के विकास की गति बढ़ेगी, बड़े पैमाने पर रोजगार निर्माण होगा, इस पर अर्थ विशेषज्ञ गौर फरमा रहे हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.