‘ब्रेक्जिट डील’ की असफलता के बाद ब्रिटीश प्रधानमंत्री थेरेसा मे का इस्तीफा

लंदन – यूरोपीय संघ के साथ हुए ‘ब्रेक्जिट डील’ पर सत्तापक्ष के साथ संसद का समर्थन प्राप्त करने में नाकामयाब होने पर प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने इस्तीफा देने की घोषणा की हैं| प्रधानमंत्री मे ७ जून को अपने पद का त्याग करेगी और जुलाई महीने के आखिर तक सत्तापक्ष नए प्रधानमंत्री का चुनाव करेंगे, ऐसे संकेत दिए गए हैं| यूरोपीय संघ ने मे ने इस्तीफा देने पर खेद व्यक्त करते हुए इस घटना से ब्रिटेन और महासंघ में हुए ‘ब्रेक्जिट डील’ में कोई भी बदलाव नहीं होगा, यह स्पष्ट किया हैं| ब्रेक्जिट के कारण ब्रिटेन का नेतृत्व गंवानेवाली थेरेसा मे यह दूसरी प्रधानमंत्री साबित हुई हैं|

‘जनतंत्र में जनता को विकल्प देने के पश्चात उनके निर्णय को अमल में लाना यह सरकार की जिम्मेदारी होती हैं| मैंने अपनी तरफ से यह जिम्मेदारी पूर्ण करने का प्रयत्न किया हैं| यूरोपीय महासंघ के साथ ब्रेक्जिट की शर्तें और नए सहयोग के लिए ढांचा तैयार करने के लिए वार्तालाप किया हैं| ब्रिटिश संसद करार को समर्थन दे इसलिए कोशिश भी की हैं| दिन बीतने के बाद भी मुझे उसमें सफलता नहीं मिली हैं| इस कारण से आगे अभी नए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ने आगे बढ़ना चाहिए, यही उचित होगा ऐसे शब्दों में प्रधानमंत्री ने अपने इस्तीफा के पीछे की भूमिका स्पष्ट की हैं|

७ जून के दिन प्रधानमंत्री पद का त्याग करेंगे, ऐसा मे ने कहा है| ब्रेक्जिट को अमल में लाने के लिए असफल साबित होने का पछतावा हमेशा रहेगा, ऐसे शब्दों में मैंने अपनी नाराजगी भी व्यक्त की हैं| वर्ष २०१६ में ब्रेक्जिट के जनमत-संग्रह के परिणाम आने के बाद सत्ताधारी पक्ष में हुए अंतर्गत संघर्ष की पृष्ठभूमि पर थेरेसा मे ने सूत्र हाथ में लिए थे|

जनमत संग्रह के दौरान ब्रिटेन महासंघ में रहे इस पक्ष में रहनेवाली मे को ही ब्रेक्जिट की जिम्मेदारी उठानी पड़ना यह ब्रिटेन की राजनीति में सबसे बड़ा विरोधाभास था| उसके बाद तीन सालों से कम समय में प्रधानमंत्री पद पर रहे थेरेसा मे ने अपने कार्यकाल में ब्रेक्जिट यह सबसे बड़ी चुनौती साबित होगी| प्रधानमंत्री के पद पर आने से पहले छह साल देश के गृहमंत्री के रूप में काम करने पर मे की प्रतिमा मजबूत और सख्त नेता के तौर पर बनी थीं| परंतु ब्रेक्जिट के मुद्दे पर ब्रिटेन के राजनैतिक सर्कल में हुई गड़बड़ी को संभालने में कडा रवैया रखनेवाली थेरेसा मे को असफलता प्राप्त हुई है, यह बात उनके इस्तीफे से स्पष्ट हुई हैं|

थेरेसा मे के इस्तीफे के बाद सत्तापक्ष के नेतृत्व की प्रतियोगिता को गति प्राप्त हुई हैं| लंदन के भूतपूर्व महापौर और भूतपूर्व विदेशमंत्री बोरिस जॉन्सन अग्रस्थान पर होने का दावा हो रहा हैं| ‘ब्रेक्जिट’ के कड़वे समर्थक होने वाले जॉन्सन ने पिछले वर्ष इसी मुद्दे पर मे को विरोध करते हुए इस्तीफा दिया था| जॉन्सन के साथ ही भूतपूर्व ‘ब्रेक्जिट सेक्रेटरी’ डॉमनिक राब, पर्यावरण मंत्री मायकल गोव, देश की पहली महिला सुरक्षा मंत्री पेनी मॉर्ड्युअन्ट और गृहमंत्री साजिद जाविद भी प्रधानमंत्री के दौड़ में होने का बताया जाता हैं|

ब्रिटिश प्रधानमंत्री के इस्तीफे पर यूरोपीय महासंघ से सतर्कता के साथ प्रतिक्रिया दी गई है और इस में महासंघ और ब्रिटेन में हुए प्रस्ताव में बदलाव नहीं होगा, ऐसे संकेत वरिष्ठ नेताओं ने दिए हैं| उसी समय ब्रिटेन के नए नेतृत्व के सामने सभी विकल्प खुले होंगे, ऐसा सूचक कथन भी महासंघ से किया गया हैं|

Leave a Reply

Your email address will not be published.