चीन से ताल्लुकात रखते समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री आँखें पूरी तरह से खुली रखे – सत्ताधारी पार्टी का आवाहन

लंदन – चीन की हुकूमत काफी क्रूरता से मानव अधिकारों का दमन कर रही हैं और अगले दिनों में चीन के साथ ताल्लुकात रखते समय ब्रिटेन को अपनी आँखें पूरी तरह से खुली रखने की आवश्‍यकता है, ऐसा आवाहन ब्रिटेन के सत्तापक्ष ने किया है। ब्रिटेन के सत्तापक्ष के ‘ह्युमन राईट्स कमिशन’ ने चीन पर तीखी आलोचना करनेवाला आक्रामक अहवाल पेश किया है। इसमें प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन चीन के साथ जारी संबंधों पर दुबारा विचार करें, ऐसी सलाह भी इस रपट में दी गई है। कुछ दिन पहले ही ‘साउथ चायना सी’ के मुद्दे पर ब्रिटेन ने अपनाई भूमिका पर चीन ने धमकाने की बात सामने आयी थी।

britain-chinaवर्ष २०१० के बाद ब्रिटेन ने चीन के साथ संबंध अधिक मज़बूत और व्यापक करने के लिए बड़ी मात्रा में गतिविधियां शुरू की थीं। ब्रिटेन और चीन के बीच हुए बड़े व्यापारी एवं निवेष संबंधित समझौते के बाद दोनों देशों में ‘सुवर्णयुग’ शुरू होने के दावे भी राजनयिक नेता एवं विश्‍लेषकों ने किए थे। लेकिन, बीते साल से दोनों देशों के संबंधों में बदलाव होने लगा है और ब्रिटेन ने चीन को लेकर अधिक आक्रामक नीति अपनाई है। कोरोना की महामारी, साउथ चायना सी में जारी गतिविधियां, हाँगकाँग का कानून, उइगरवंशी, ५ जी तकनीक के मुद्दों पर ब्रिटेन ने चीन के विरोध में सार्वजनिक तौर पर भूमिका अपनाकर अहम निर्णय किए हैं।

britain-chinaब्रिटेन के सत्तापक्ष ‘कनज़र्वेटिव’ पार्टी की समिती ने तैयार किया यह रपट भी इसी का हिस्सा है। इस रपट में चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत की चीन में जारी क्रूर और अमानुष कार्रवाईयों पर ध्यान दिया गया है। कम्युनिस्ट हुकूमत ने शुरू किया हुआ जनता का छल, कामगारों को बतौर गुलाम इस्तेमाल करना, उइगरवंशियों जैसे अल्पसंख्यांक गुट का हो रहा दमन, अपहरण की घटनाएं और अपने ही नागरिकों पर नज़र रखने के लिए हो रही हरकतों के मुद्दों पर इस रपट में ध्यान आकर्षित किया गया है।

britain-china‘विश्‍वभर के अलग अलग देशों में मानव अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है और ब्रिटेन को इसके खिलाफ आवाज़ उठानी होगी। इससे चीन को अलग नहीं रखा जा सकता। लेकिन, मात्र आवाज़ उठाना काफी नहीं होगा बल्कि भविष्य में चीन के साथ संबंध रखते समय ब्रिटेन को अपनी आँखें पूरी तरह से खुली रखनी होंगी’, ऐसा इशारा ब्रिटेन के पूर्व विदेशमंत्री विल्यम हेग ने इस रपट का दाखिला देकर दिया है। ब्रिटेन की विदेश कारोबार समिती के प्रमुख टॉम ट्युगेन्डहैट ने कम्युनिस्ट हुकूमत के हो रहे अपराध सोवियत रशिया के तानाशह स्टैलिन से भी अधिक भयंकर होने का आरोप किया। साथ ही ब्रिटेन ने बीते दशक में बनाई नज़दिकीयां चीन की हुकूमत और वर्तमान राज्यकर्ताओं के दरमियान फरक होने की आलोचना भी उन्होंने की। इस वजह से अगले दिनों में ब्रिटेन को चीन के साथ जारी संबंधों पर पुनर्विचार करना पड़ेगा, यह बयान भी ड्युगेन्डहैट ने किया है।

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