ब्रिटिश संसद ने प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने रखा ‘ब्रेक्जिट बिल’ ठुकराया – ‘नो डील’ के विकल्प के लिए मतदान होने के संकेत

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकैनबरा – अंतिम क्षण पर यूरोपीय महासंघ से ठोस आश्वासन प्राप्त करने मे असफल हुई ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे इन्होंने रखी ब्रेक्जिट डील को संसद मे हार माननी पड़ी| मंगलवार को संसद मे हुए चुनाव मे प्रधानमंत्री मे एवं महासंघ द्वारा संयुक्त रुप से तैयार किया ब्रेक्जिट डील ३९१ विरुद्ध २४२ मत से ठुकराया गया है| यह विधेयक संसद ने ठुकराने का इस वर्ष मे यह दूसरा अवसर है| इस हार की वजह से ब्रिटेन के आगे अब ‘नो डील’, ‘ब्रेक्जिट’ को आगे धकेलना एवं ‘दूसरा सार्वमत’ ऐसे तीन विकल्प बचने की बात कही जा रही है|

पिछले कुछ महीनों से ब्रेक्जिट के मुद्दे पर ब्रिटेन मे जबरदस्त गड़बड़ी की स्थिति होकर राजनीतिक क्षेत्र के साथ सामाजिक स्थिति भी हड़कंप मचा रही है| प्रधानमंत्री मे महासंघ के साथ किए ब्रेक्जिट करार मंजूर हो इसके लिए प्रयत्नशील होते समय उनके विरोधियों ने प्रधानमंत्री द्वारा घुटने टेकने का आरोप किया है| २९ मार्च को ब्रिटेन महासंघ के बाहर निकलेगा, यह निश्चित हुआ था| फिर भी ब्रिटेन मे इस प्रश्न पर निर्माण हुई हडबडाहट जागतिक समुदाय का ध्यान केंद्रित कर रही है|

इस पृष्ठभूमि पर मंगलवार को १२ मार्च को ब्रिटेन के संसद मे फिर एक बार ब्रेक्जिट के विधेयक पर चुनाव हुआ| उसमे सत्ताधारी पक्ष के लगभग ७५ संसद सदस्यों ने प्रधानमंत्री मे इनके ब्रेक्जिट डील को विरोध किया है| जिसकी वजह से लगभग १४९ मतों के फर्क से ब्रेक्जिट डील का प्रस्ताव ठुकराया गया है| इस हार के बाद ब्रिटेन को अब अधिक कठिन विकल्पों का सामना करना होगा और वह उसे टाल नहीं सकते, ऐसी चिंता प्रधानमंत्री मे ने व्यक्त की है|

प्रधानमंत्री मे इनकी डील ठुकराने के बाद केवल २४ घंटों मे नो डील ब्रेक्जिट के मुद्दे पर चुनाव होगा| इस विकल्प के अनुसार महासंघ के साथ कोई भी औपचारिक करार न करते हुए ब्रिटेन तत्काल महासंघ से बाहर निकलेगा| कोई भी करार ना करते हुए ब्रिटेन ने यूरोपीय महासंघ से वापसी की तो उसके भयंकर परिणाम होंगे, ऐसी चेतावनी यूरोपीय महासंघ ने इससे पहले भी दी थी|

ब्रेक्जिट मामले मे ब्रिटेन को जो कुछ हम दे सकते हैं, वह इस डील द्वारा पहले से दिया है| इससे अधिक ब्रिटेन को कुछ नहीं मिल सकता ऐसा यूरोपीय महासंघ ने सूचित किया है| जिसकी वजह से इस प्रश्न पर ब्रिटेन का यूरोपिय महासंघ के साथ संघर्ष टालना संभव नहीं, ऐसा चित्र फिलहाल दिखाई दे रहा है|

 

ब्रेक्जिट का विकल्प ब्रिटेन ने फिर से नियंत्रण प्राप्त करने के लिए चुना था| पर वास्तव मे फिलहाल ब्रिटेन मे स्थिति नियंत्रण के बाहर जाती दिखाई दे रही है, ऐसे शब्दों मे महासंघ के वरिष्ठ अधिकारी डोनाल्ड टस्क ने ब्रिटेन की भूमिका पर नाराजगी व्यक्त की है| ब्रेक्जिट संदर्भ मे आनेवाला प्रस्ताव हारने पर प्रधानमंत्री मे चुनाव की घोषणा करने की आशंका है| उस समय विरोधी पक्ष होने वाले लेबर पार्टी द्वारा ब्रेक्जिट के मुद्दे पर दूसरा सार्वमत लेने का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है|

यूरोपीय महासंघ से बाहर निकलना है, पर अपने शर्त पर ऐसी ब्रिटेन की धारणा है| पर यूरोपीय महासंघ को वह मंजूर नहीं है| ब्रिटेन मे इस प्रश्न से शुरू हुआ विवाद गंभीर स्वरूप धारण कर रहा है और उसके दूर तक राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक परिणाम सामने आ रहे हैं|

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