‘‘ब्रेक्झिट’ संदर्भ में ब्रिटन की ढुलमुल की नीति अराजकता की राह पर चलनेवाली’ : युरोपीय देशों ने ब्रिटन को फटकारा

ब्रुसेल्स/लंडन: ‘ब्रिटन ने  ‘ब्रेक्झिट’ के मुद्दे पर अपनायी नीति अराजकता की राह पर चलनेवाली है| युरोपीय महासंघ इस बात को कभी भी स्वीकार नहीं करेगा’ ऐसी कड़ी आलोचना महासंघ के नेताओं ने की है| पिछले कई दिनों से ‘ब्रेक्झिट’ के मुद्दे पर ब्रिटन के सत्ताधारी पक्ष में मतभेद हैं, ऐसी खबरें सामने आयीं होकर, अलग अलग नेताओं द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ़ बयानबाज़ी शुरू है| उसी वक्त, ‘ब्रेक्झिट’ के उपर चर्चा के संदर्भ में, ब्रिटीश सरकार के पास कोई ठोंस योजना या नीति नहीं है, ऐसे दावे भी सामने आ रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर, महासंघ के एक गुट ने आक्रामक भूमिका ली है, यह नये बयान से सामने आ रहा है|

‘ब्रेक्झिट’ब्रिटन की नीति और सरकार द्वारा जारी किये जानेवाले बयान, इनमें बहुत विसंगति है| सरकार की निश्‍चित भूमिका क्या है, वह समझ में नहीं रहा है| ब्रेक्झिट का मुद्दा यह ब्रिटन का अंतर्गत संघर्ष का मुद्दा हो रहा है और यह बात उचित नहीं है| ब्रिटन सरकार ने सामने बैठकर सही भूमिका अपनाकर चर्चा को शुरू करना आवश्यक है ’, इन शब्दों में इटली के व्यापार विकास मंत्री कार्लो कॅलेन्डा ने ब्रिटन को खरी खरी सुनायी| ब्रिटीश नेतृत्व ने महासंघ को उनकी भूमिका की सही कल्पना देनी चाहिए और उसमें सुसंगति चाहिए, यह भी इटली के मंत्री ने स्पष्ट किया|

ब्रिटन सरकार ने ब्रेक्झिट के मुद्दे पर आगे की कार्यवाही करने हेतु विशेष विभाग स्थापन करते हुए, उसके लिए मंत्री की नियुक्ती  भी की है| इसके अलावा सरकार ने वरिष्ठ मंत्रियों के एक गुट का भी निर्माण किया है, यह जानकारी दी है| लेकिन इन प्रमुख मंत्रियों में ही ‘ब्रेक्झिट’ की कार्यवाही को लेकर मतभेद होते हुए, उनके द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ बयान जारी किये जा रहे हैं| पिछले कई दिनों में, विदेशमंत्री बोरिस जॉन्सन, वित्तमंत्री फिलिप हॅमंड, व्यापारमंत्री लिआम फॉक्स और ‘ब्रेक्झिट’ विभाग के मंत्री डेव्हिड डेव्हिस इनसे अलग अलग बयान सामने आये है|

‘ब्रेक्झिट’विदेशमंत्री बोरिस जॉन्सन ने मंगलवार के दिन दिये एक इंटरव्यू में फिर से, ‘सिंगल मार्केट’ (युरोपीय मार्केट) और स्थलांतरितों के मुद्दे पर विवादग्रस्त बयान किया, ऐसा सामने आया है| जॉन्सन ने यह दावा किया था कि ब्रिटन को युरोप का खुला मार्केट उपलब्ध होनेवाला होकर, उसके बदले स्थलांतरितसंबंधित नियमों का स्वीकार करना नहीं पड़ेगा| उसी समय, इटली के मंत्री के साथ बात करते हुए, इटालियन उत्पादनों की निर्यात के बारे में अनुचित वक्तव्य जारी किया, यह सामने आया था|

जॉन्सन के बयानों पर युरोप से कड़ी प्रतिक्रिया आयी है| ब्रेक्झिट के मुद्दे पर महासंघ द्वारा नियुक्त किये गये गुट के वरिष्ठ सदस्य ‘यि व्हर्होफ्स्टाट’ ने, हम जॉन्सन के साथ चर्चा करने के लिए उत्सुक हैं, यह वक्तव्य किया है| ‘इस चर्चा में हम जॉन्सन को युरोपिय महासंघ की बुनियाद रहनेवाले ‘ट्रीटी ऑफ रोम’ इस समझौते के ‘आर्टिकल थ्री’ की याद दिलायेंगे’ यह प्रतिक्रिया ‘यि व्हर्होफ्स्टाट’ ने दी है| सन १९५७ में हुए इस समझौते में, महासंघ के सदस्य देश के, बाकी सदस्य देशों के प्रति रहनेवाले कर्तव्यों का विवरण दिया गया है|

‘ब्रेक्झिट’महासंघ के ‘युरोग्रुप’ के प्रमुख जेरॉन डिसेबल्म ने भी जॉन्सन को उनके बयानों के लिए फटकार लगायी  है| ‘सिंगल मार्केट का फ़ायदा उठाते हुए, स्थलांतरितों के नियमों को नकारना, यह बात असंभव है| जॉन्सन के विचार ये तर्क के स्तर पर असंभव और राजकीय स्तर पर कभी भी उपलब्ध न हो सकनेवाली बात है| वे ब्रिटीश जनता के सामने उचित भूमिका पेश नहीं कर रहे हैं| ब्रेक्झिट का आघात दोनों पार्टियों को सहन करना पड़नेवाला है, इसका भान उन्होंने भी रखना चाहिए,’ इन शब्दों में युरोग्रुप के प्रमुख ने ब्रिटन को निशाना बनाया|

‘ब्रेक्झिट’ के बारे में बातचीत और संबंधित फैसलें फिलहाल ब्रिटन की न्यायालयीन प्रकिया में फ़ँसे हुए हैं| संसद में भी सरकार को विरोध का सामना करना पड़ेगा, ऐसी संभावना जतायी जा रही है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.