परमाणु प्रकल्प में चीन के निवेश में ब्रिटेन नियंत्रित करेगा – फायनान्शियल टाईम्स का दावा

britain-nuclear-project-china-4लंदन/बीजिंग – ब्रिटेन के पूर्व क्षेत्र में निर्माण किए जा रहे ‘साईजवेल सी’ परमाणु प्रकल्प में चीन के स्वामित्व का हिस्सा अपने नियंत्रण में करने की दिशा में ब्रिटेन की सरकार ने गतिविधियाँ शुरू की हैं। इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और चीन का यह हिस्सा अन्य निवेशकों को बेचने का या शेअर बाज़ार में खुला करने जैसे प्रावधानों का इस प्रस्ताव में समावेश है। ‘साईजवेल सी’ के बाद ‘ब्रैडवेल’ के प्रस्तावित परमाणु प्रकल्प में चीन का निवेश रोकने की भी तैयारी की जा रही है। ‘फायनान्शियल टाईम्स’ नामक अखबार ने इससे संबंधित खबर प्रसिद्ध की है। इसी पृष्ठभूमि पर विश्‍व के प्रमुख देश चीन के खिलाफ संघर्ष की भूमिका ना अपनाएं, ऐसा इशारा ब्रिटेन में नियुक्त चीन के राजदूत ने दिया है।

britain-nuclear-project-china-3ब्रिटेन और चीन ने बीते दशक में परमाणु प्रकल्प से संबंधित समझौते किए हैं। इसके अनुसार ब्रिटेन के सॉमरसेट, सफोल्क और इसेक्स के परमाणु प्रकल्पों में चीन ने बड़ा निवेश करने की तैयारी दिखाई है। यह निवेश अरबों डॉलर्स का होगा, ऐसा कहा जा रहा है। इन तीनों प्रकल्पों का निर्माण फ्रेंच ऊर्जा कंपनी ‘ईडीएफ’ की सहायता से होगा। इन प्रकल्पों में चीन द्वारा ‘चायना जनरल न्यूक्लिअर पॉवर ग्रूप’ नामक सरकारी कंपनी शामिल हुई है। सॉमरसेट के ‘हिंकले’ और सफोल्क के ‘साईजवेल सी’ प्रकल्प के निर्माणकार्य जारी हैं और ‘ब्रैडवेल’ के निर्माणकार्य के लिए आवश्‍यक सभी अनुमतियाँ अभी तक प्रदान नहीं हुई हैं।

britain-nuclear-project-china-1ब्रिटेन में निवेश करनेवाली ‘चायना जनरल न्यूक्लिअर’ नामक कंपनी को अमरीका ने ‘ब्लैकलिस्ट’ किया है। यह मुद्दा और अमरीका-ब्रिटेन के बीच चीन के मसले पर जारी सहयोग पर गौर करें तो ब्रिटेन ने कम से कम दो परमाणु प्रकल्पों में चीन के निवेश पर रोक लगाने की तैयारी शुरू की है। इसके लिए आवश्‍यक प्रस्ताव अब सरकारी स्तर पर तैयार किया जा रहा है और ‘साईजवेल सी’ परमाणु प्रकल्प के चीन के हिस्से को ब्रिटीश सरकार अपने नियंत्रण में लेगी, ऐसा कहा जा रहा है। हुवेई, कोरोना की महामारी, हाँगकाँग, साऊथ चायना सी और उइगरवंशियों के मुद्दे पर ब्रिटेन ने चीन के खिलाफ आक्रामक कदम उठाएँ हैं। परमाणु ऊर्जा प्रकल्प के निवेश का मुद्दा इसका अगला चरण साबित होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

britain-nuclear-project-china-2ब्रिटेन के विपक्ष ‘लेबर पार्टी’ ने भी चीन के निवेश के मुद्दे पर सरकार को सख्त शब्दों में सुनाया है। परमाणु ऊर्जा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में चीन का निवेश स्वीकारते समय सरकार ने आँखें अच्छी तरह से खुली रखकर इससे होनेवाले खतरों को देखना चाहिये था, यह इशारा लेबर पार्टी की वरिष्ठ नेता लिसा नंदी ने दिया। ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में चीन के पूरे निवेश से इन्कार करना संभव नहीं होगा। लेकिन, राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा ध्यान में रखते हुए संवेदनशील क्षेत्रों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए, इस ओर भी नंदी ने ध्यान आकर्षित किया।

इसी बीच, ब्रिटेन द्वारा चीन के निवेश से इन्कार करने की कोशिश जारी होन के बीच चीन की तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। ‘चीन को रोकने की एवं घेरने की कोशिश पहले भी सफल नहीं हुई थी। ऐसी गतिविधियाँ भविष्य में भी दिवा-स्वप्न ही साबित होंगी। चीन को प्रगति करने से कोई भी रोक नहीं सकता। अमरीका और मित्रदेश चीन के बढ़ते सामर्थ्य एवं प्रभाव को रोकने की योजना बना रहे हैं। लेकिन, यह देश अपनी औपनिवेशिक मानसिकता एवं संघर्ष की भूमिका छोड़ दें’, यह इशारा ब्रिटेन में नियुक्त चीन के राजदूत झेंग झेगुआंग ने दिया है।

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