ब्रिटन को जल्द ही ‘ब्रेक्झिट’ का पश्चाताप होगा- यूरोपीय कमीशन के अध्यक्ष जंकर का इशारा

ब्रुसेल्स: २९ मार्च, २०१९ को ब्रिटन यूरोपीय महासंघ से बाहर निकल जाएगा। यह यूरोपीय महासंघ के इतिहास का बहुत ही बुरा और दुर्देव क्षण होगा। यूरोपीय महासंघ को इसके लिए निश्चित बुरा लगेगा। लेकिन उसी समय ब्रिटन पर भी ब्रेक्झिट के फैसले की वजह से जल्द ही पश्चाताप करने का समय आएगा ऐसा मुझे लगता है’, इन शब्दों में यूरोपीय कमीशन के अध्यक्ष जंकर ने ब्रिटन को संभाव्य परिणामों का इशारा दिया है। उसी समय ‘ब्रेक्झिट’ की वजह से निर्माण हुई स्थिति का लाभ उठाकर यूरोपीय महासंघ के सदस्य देशों ने अपनी एकता को मजबूत करने के मौके का लाभ उठाना चाहिए, ऐसा आवाहन भी जंकर ने किया है।

ब्रेक्झिट

छः महीनों पहले ब्रिटन सरकार ने यूरोपीय महासंघ से बाहर निकलने के मुद्दे पर चर्चा करने का निर्णय लिया था। उसके बाद यूरोपीय महासंघ और ब्रिटन के दरम्यान न्यूनतम दो बार चर्चा हुई, लेकिन उसमे कीसी भी प्रकार का ह्ल सामने नहीं आया। यूरोपीय महासंघ ने ब्रिटन अपने आश्वासनों से पीछे हट रहा है, ऐसा आरोप लगाया था। लेकिन ब्रिटन ने अपने ऊपर किए आरोपों को नाकारा है और महासंघ दबाव डाल रहा है, ऐसी टीका की। उसी दौरान महासंघ के साथ चर्चा के मुद्दे पर ब्रिटन में राजनितिक मतभेद तीव्र होने की बात भी सामने आ रही है।

इस पृष्ठभूमि पर कमीशन के प्रमुख जीन क्लोड जंकर ने अपने ‘स्टेट ऑफ़ यूनियन’ के कार्यक्रम के दौरान दिया हुआ इशारा, ध्यान खींचने वाला है। जंकर ने यूरोपीय महासंघ ब्रिटिश जनता ने लिए हुए फैसले का पूरा सम्मान रखेगा, इस बात को स्पष्ट किया है। लेकिन उसी समय ‘ब्रेक्झिट’ यह महासंघ के लिए कोई वर्चस्व नहीं है और महासंघ सफलतापूर्वक आगे का सफ़र जारी रखेगा, ऐसा भी कहा है। इस समय उन्होंने ‘ब्रेक्झिट’ का इस्तेमाल यूरोपीय महासंघ मौके के तौर पर करके उसका ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाए, ऐसा आवाहन भी किया।

ब्रेक्झिट’ की चर्चा शुरू थी उस समय यूरोपीय महासंघ के सामने की आर्थिक और अन्य समस्याएँ दूर होने की तरफ जंकर ने ध्यान आकर्षित किया है। महासंघ में शामिल होने के लिए नए देश कोशिश कर रहे हैं इस बात का उल्लेख करके ब्रिटन बाहर पड़ने तक सदस्यों की संख्या बढ़ी होगी, ऐसा दावा भी उन्होंने किया है। महासंघ सकारात्मक कदम उठाकर ‘शेंगेन’ और ‘युरोझोन’ में अधिकाधिक देशों को शामिल करके ले, ऐसा कमीशन के अध्यक्ष ने कहा है। यूरोपीय महासंघ के जहाज में फिर से हवा भरना शुरू हुआ है, इन शब्दों में उन्होंने महासंघ के नए सफ़र के बारे में अपेक्षा व्यक्त की है।

जंकर का भाषण और उन्होंने किए आवाहन के बाद फ्रांस, जर्मनी और पूर्व यूरोपीय देशों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। लेकिन ऑस्ट्रिया ने ‘युरोझोन’ के विस्तार की माँग को स्पष्ट शब्दों में अस्वीकृत किया है। युरोझोन का विस्तार मतलब उस वजह से निर्माण होने वाली समस्याएँ और कठिनाइयों का भी विस्तार होगा, इन शब्दों में ऑस्ट्रियन नेताओं ने टीका की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.