चीन के प्रभाव को चुनौती देने के लिए ब्रिटेन इंडो-पैसिफिक केंद्रित नीति तैयार करें – ब्रिटेन के नामांकित अभ्यासगुट का आवाहन

लंदन – बदल रहीं जागतिक गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर, ब्रिटेन को अपनी विदेश नीति इंडो-पैसिफिक केंद्रित करनी होगी। चीन के बढ़ते प्रभाव को चुनौती देने के लिए लष्करी, आर्थिक और राजनीतिक स्तर पर आधारित जनतंत्रवादी प्रतिद्वंद्वी को खड़ा करें, यह आवाहन ब्रिटेन के नामांकित अभ्यासगुट ने किया है। वहीं, ब्रिटेन की नीति में होनेवाले बदलावों के कारण बेचैन हुए, चीन से जुड़े गुट ने, चीन के साथ जारी व्यापार बंद किया, तो ब्रिटेन को भारी आर्थिक नुकसान भुगतना होगा, यह धमकी दी है।

ब्रिटेन के सियासी नेताओं ने, ‘पॉलिसी एक्स्चेंज’ नामक अभ्यासगुट के लिए तैयार की रिपोर्ट में, प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन को ब्रिटेन की विदेश नीति में बदलाव करने का सुझाव दिया है। बीते कुछ वर्षों में ब्रिटेन ने भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और तैवान जैसें जनतांत्रिक देशों के साथ सहयोग बढ़ाया है। लेकिन, इसके आगे ब्रिटेन को, इस क्षेत्र में जनतांत्रिक मूल्यों को अधिक अहमियत देकर, संबंधित देशों के साथ अधिक से अधिक सहयोग स्थापित करना होगा, यह बयान इस अभ्यासगुट ने अपनी रिपोर्ट में किया है।

इस अभ्यासगुट ने, ब्रिटेन की २०१० के दशक में रही नीति की भी आलोचना की है। दस वर्ष पहले ब्रिटेन की विदेश नीति चीन-केंद्रित रही थी। लेकिन, उस दौर में चीन के अलावा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं ने भी बड़ी प्रगति की है और इस ओर ब्रिटेन की अनदेखी हुई, इस बात का अहसास संबंधित अभ्यासगुट ने कराया है। वहीं, फ्रान्स और जर्मनी ने, इससे पहले ही अपनी विदेश नीति में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को अहमियत देकर, भारत के साथ व्यापक सहयोग स्थापित करने का ऐलान किया है। इन दोनों युरोपिय देशों की तुलना में ब्रिटेन अपनी विदेश नीति में देरी से बदलाव कर रहा है, ऐसी आलोचना भी इस अभ्यासगुट ने की।

विदेश नीति के साथ ही, ब्रिटेन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए अपनी सेना और नौसेना रवाना करें, यह सुझाव इस अभ्यासगुट ने दिया है। इससे पहले ही ब्रिटेन की विमान वाहक युद्धपोत ‘साउथ चायना सी’ की ओर रवाना होने की खबरें प्रकाशित हुई हैं।

इसी बीच, यहाँ ब्रिटेन का अभ्यासगुट जॉन्सन सरकार को ‘इंडो-पैसिफिक’ केंद्रित नीति तैयार करने की सलाह दे रहा है कि तभी ‘चायना चेंबर ऑफ कॉमर्स इन युके’ नामक गुट ने ब्रिटेन को धमकाया है। ब्रिटेन ने चीन की हुवेई, झेडटीई और एअर चायना जैसी कंपनियों पर लगाई पाबंदी नहीं हटाई, तो ब्रिटेन को काफी बड़े आर्थिक संकट का मुकाबला करना होगा, ऐसी धमकी इस गुट ने दी है।

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