ब्रिटीश नेतृत्व की गलत नीति की वजह से ब्रिटेन चीन के फंदे में फंसने का खतरा – ब्रिटीश पत्रकार एवं विशेषज्ञ एडवर्ड लुकास का इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरलंदन – वर्तमान में ब्रिटेन का नेतृत्व चीन के अधिन होकर गलत नीति अपना रहा है और इस वजह से भविष्य में ब्रिटेन चीन के चंगूल में फंसने का खतरा बन रहा है, यह कडी चेतावनी ब्रिटीश पत्रकार और विशेषज्ञ एडवर्ड लुकास इन्होंने दिया है| ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे इन्होंने हाल ही में चीन की ‘हुवेई’ कंपनी को देश में ‘५जी’ नेटवर्क विकसित करने की अनुमति देने का निर्णय किया था| इस निर्णय का जिक्र करके लुकास इन्होंने ब्रिटीश नेतृत्व के लजीली नीति पर कडी आलोचना की है| ब्रिटीश प्रसारमाध्यम और राजनयिक दायरे में इन निर्णय पर आलोचना हो रही है तभी अमरिका ने भी इस पर कडी नाराजगी व्यक्त करके प्रधानमंत्री मे ने किया निर्णय बदलने के लिए दबाव बनाने के संकेत दिए है|

मंगलवार के दिन ब्रिटेन की ‘नैशनल सिक्युरिटी कौन्सिल’ की बैठक हुई| इस बैठक में ब्रिटेन में ‘५जी’ तकनी का विकास करने को लेकर बातचीत हुई| इस दौरान प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने इस पक्ष के वरिष्ठ सहयोगी मंत्रीयों ने किया विरोध नजरअंदाज किया और चीन की ‘हुवेई’ कंपनी को ब्रिटेन में ‘५ जी’ तकनीक का विकास करने में शामिल कराने के लिए अनुमति दी| ‘नैशनल सिक्युरिटी कौन्सिल’ में हुए इस निर्णय की जानकारी एक मंत्री ने प्रसारमाध्यमों को दी और उसके बाद ब्रिटेन के सियासी दायरे में बडी गडबडी हुई|

विपक्षी दल के साथ ही सत्ता पक्ष के कई सांसदों ने एवं मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मे के निर्णय पर नाराजगी व्यक्त की| उसी समय ‘नैशनल सिक्युरिटी कौन्सिल’ की बैठक में हुआ निर्णय सार्वजनिक करनेवाले मंत्री पर कार्रवाई करने की मांग भी जोर पकड रही है| ऐसी स्थिति में ब्रिटीश पत्रकार और तज्ञ एडवर्ड लुकास इन्होंने एक प्रमुख समाचार पत्र में दिया लेख ध्यान आकर्षित कर रहा है| इस लेख में लुकास ने ब्रिटीश नेतृत्व ने चीन संबंधी अपनाई नीति गलत होने का आरोप रखा है और यह नीति कायम रही तो ब्रिटेन चीन की महत्वाकांक्षी षडयंत्र का बलि साबित होगा, यह इशारा भी उन्होंने दिया|

ब्रिटेन के नेतृत्व ने चीन में उघुरवंशियों पर हो रहे अत्याचार, हांगकांग में आम लोगों के अधिकारों का हो रहा हनन, दलाई लामा, तैवान ऐसे कई मुद्दों पर पुख्ता भूमिका स्वीकारी नही है| केवल आर्थिक लाभ और अन्य बातों के लिए ब्रिटेन चीन से नजदिकीयां बढाने के लिए पहल करता दिखाई दे रहा है, ऐसा लुकास ने कहा है| ‘हुवेई’ संबंधी किए निर्णय पर कडी नाराजगी व्यक्त करने के साथ ही इस निर्णय की वजह से ब्रिटेन को अमरिका के साथ बनी ‘स्पेशल रिलेशनशिप’ हाथ से खोनी होगी, इस ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित किया है|

ब्रिटीश पत्रकार और विशेषज्ञ यह इशारा दे रहे है, तभी अमरिका ने भी प्रधानमंत्री मे पर दबाव बढाने के संकेत दिए है| अमरिकी नेतृत्व और राजनयिक अधिकारी हुवेई के मुद्दे पर ब्रिटीश नेतृत्व के साथ दुबारा चर्चा करेंगे और अपना पक्ष रखेंगे, यह संकेत अमरिकी सूत्रों ने दिए है| अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ‘हुवेई’ पर पाबंदी लगाई है और अन्य यूरोपीय देशों को भी इसी निर्णय पर अमल करने का निवेदन किया है|

‘हुवेई’ यह चीन सरकार की कंपनी है और यह कंपनी चीन की खुफिया गुप्तचर यंत्रणाओं के साथ संबंध रखकर है| इस वजह से यह कंपनी अन्य देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा साबित होती है, यह कडा इशारा अमरिका के विदेश मंत्री माईक पोम्पिओ ने कुछ दिन पहले ही दिया था| मार्च महीने में ‘हुवेई’ की कार्यकारी संचालिका वैंगझाऊ मेंग को अमरिका को सौंपने की प्रक्रिया शुरू करने की जानकारी कनाडा ने घोषित की थी| अमरिका के निर्देश के नुसार ही दिसंबर महीने में कनाडा ने मेंग की गिरफ्तारी की थी| उसके बाद जनवरी महीने में अमरिका ने ‘हुवेई’ कंपनीपर आरोपपत्र रखा था|

हुवेई के विरोध में आरोपपत्र दाखिल करने के साथ ही ट्रम्प प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय स्तरपर भी चीन की इस कंपनी के विरोध में मुहीम शुरू की थी| ऐसी स्थिति में पारंपरिक मित्रदेश रहे ब्रिटेन ने ‘हुवेई’ को दी अनुमति अमरिका के लिए चिंता का विषय बनी है| अमरिका के साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने भी ‘हुवेई’ पर पाबंदी लगाई है और कनाडा ने इस बारे में प्रक्रिया शुरू हुई है|

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