‘…वरना छह महीने में ब्रिटन से बाहर निकलेंगे’ : आंतर्राष्ट्रीय बैंक की ब्रिटन सरकार को चेतावनी

लंडन, दि. १९ : ‘ब्रेक्झिट’ के बाद ब्रिटन और युरोपीय महासंघ के संबंधो के बारे में यदि सही स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं हुआ, तो छह महीनों में ब्रिटन से बाहर होंगे, ऐसी चेतावनी लंडन में सक्रीय रहनेवाले आंतर्राष्ट्रीय बैंक ने दी| ब्रिटन के वित्तमंत्री फिलिप हॅमंड ने कुछ ही दिन पहले जापान की वित्तीय संस्था के साथ महत्त्वपूर्ण बैठक की थी| उसके बाद हॅमंड ने, जापानी बैंक द्वारा इस तरह की चेतावनी मिली है, यह मान लिया| जापानी वित्तसंस्था ने, ब्रिटिश सरकार के अन्य लीडरों के साथ हुई बैठक में भी चेतावनी दी, यह सामने आया है| जापानी बैंक से पहले, अमरिका समेत युरोप के कुछ प्रमुख बैंकों ने भी ब्रिटन सरकार को चेतावनी दी थी|

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जापान के ‘मित्सुबिशी युएफजे’, ‘मिझुओ’, ‘नोमुरा’, ‘दायवा’ इन बैंकों के ब्रिटन की राजधानी लंडन में अफिस है| इन बैंकों में लगभग पाँच हज़ार से ज़्यादा लोग कार्यरत हैं| ब्रिटन में अधिकतर विस्तार रहनेवाले जापानी बैंक का युरोप में विस्तार कम है| इसी वजह से ब्रिटन द्वारा होनेवाले कारोबार महत्त्वपूर्ण साबित होते है| जून महीने में ‘ब्रेक्झिट’का फैसला होने के बाद जापानी बैंक ने अन्य विकल्प खोजने की शुरूआत की, ऐसा सामने आया है| ‘मित्सुबिशी युएफजे’ जैसे सबसे बड़े बैंक ने अपना कार्यालय, लंडन में से ऍमरस्टॅडम शहर में स्थलांतरित करने के संकेत देते हुए, कुछ कर्मचारियों को स्थलांतरित किया गया है|

लेकिन ब्रिटन ने किये हुए, महासंघ से बाहर होने के फ़ैसले को छह महीने होने के बाद भी इस मसले पर निर्णायक नीति अथवा फ़ैसला सामने आया नहीं| इसी कारण, आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय कारोबार का केंद्र माने जानेवाले लंडन से कार्यरत रहनेवालीं कंपनियाँ दिक्कत में आयी हैं| ‘ब्रेक्झिट’ संदर्भ में रहनेवाली अनिश्‍चितता यदि अगले कुछ महीनों में दूर नहीं हुई, तो ब्रिटन छोड़ने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं रहेगा, ऐसी नाराज़गी वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों में दिखाई दे रही है| जापानी बैंक ने दी हुई चेतावनी, यह इसीका हिस्सा मानी जाती है|

दो महीने पहले ब्रिटन के बैंकों का शिखर संगठन माने जानेवाले ‘ब्रिटीश बैंकर्स असोसिएशन’ ने, ‘ब्रिटन के बडे बैंक सन २०१७ के शुरू में ही, ‘ब्रेक्झिट’ पर चर्चा शुरू होने से पहले अपना कारोबार देश के बाहर ले जाने का फ़ैसला करें’ ऐसी चेतावनी दी| इस अनिश्चितता के कारण ब्रिटीश वित्तसंस्थाओं को तक़रीबन २० अरब पौंड का घाटा सहन करना पड़ सकता है, यह चेतावनी दी गयी थी| ब्रिटन से बाहर निकलने का फ़ैसला करनेवाले बैंकों में ‘एचएसबीसी’, ‘स्टँडर्ड चाटर्ड’, ‘बॅर्कलेज्’ जैसे बड़े बैंक शामिल हो सकते हैं, ऐसा भी सामने आया है|

ब्रेक्झिट के बाद, युरोपीय महासंघ का ‘सिंगल मार्केट’ मुद्दा, ब्रिटन की वित्तसंस्थाओं के लिए महत्त्वपूर्ण साबित होगा, ऐसे संकेत नयीं गतिविधियों से मिल रहे हैं| ब्रिटन की राजधानी लंडन को रहनेवाला, ‘आंतर्राष्ट्रीय वित्तीय कारोबार का केंद्र’ यह दर्जा अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है| एक रिपोर्ट के अनुसार, इससे ब्रिटीश अर्थव्यवस्था में तक़रीबन १५० अरब डॉलर्स आ जाते हैं| ‘सिंगल मार्केट’ की सुविधा के कारण, ब्रिटन में कार्यरत रहनेवाले बैंक युरोप में बिना किसी दिक्कत के कारोबार कर सकते हैं| लेकिन अब ब्रेक्झिट के बाद यदि यह सुविधा गँवानी पड़ी, तो शुरूआती दौर में ही ब्रिटन को तक़रीबन २५ अरब डॉलर्स का नुकसान बर्दाश्त करना पड़ेगा, ऐसी संभावना, हाल ही में प्रकाशित हुए एक अहवाल में जताई गई है|

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