अमरीका की तरह ब्राज़िल भी ‘डब्लूएचओ’ से बाहर निकलेगा – ब्राज़िल के राष्ट्राध्यक्ष बोल्सोनारो की चेतावनी

ब्रासिलिया – जागतिक स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ‘पक्षपाती’ और ‘राजनीतिक’ होने का आरोप रखकर ब्राज़िल के राष्ट्राध्यक्ष जेर बोल्सोनारो ने, ब्राज़िल इस संगठन से बाहर निकलेगा, ऐसी चेतावनी है। साथ ही ब्राज़िल ने, अपने देश में कोरोना के कारण होनेवालीं मौतें और मरीज़ों की संख्या के आँकड़ें सार्वजनिक करने से भी इन्कार किया है। रविवार को ब्राज़िल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने, देश के कोरोना के मरीज़ों के बारे में हर मिनट की जानकारी देनेवाला डॅशबोर्ड भी अपनी वेबसाईट से हटाया।

ब्राज़िल, डब्लूएचओ

पिछले हफ़्ते में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने, ‘डब्लूएचओ’ के साथ होनेवाले अमरीका के संबंध ख़त्म हो रहे होने की घोषणा की थी। ‘डब्लूएचओ’ चीन के ‘पीआरओ’ जैसा काम कर रहा होने का आरोप अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने रखा था। ब्राज़िल के राष्ट्राध्यक्ष बोल्सोनारो ने भी ‘डब्लूएचओ’ पर तरफ़दारी करने का आरोप लगाया है। ”अमरीका ने ‘डब्लूएचओ’ का त्याग किया है और हम भी उस दृष्टि से विचार कर रहे हैं। ‘डब्लूएचओ’ पार्श्यालिटी करना छोड़ दें, अन्यथा हम ‘डब्लूएचओ’ का त्याग करेंगे”, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष बोल्सोनारो ने कहा है।

ब्राज़िल में कोरोना के मरीज़ों की संख्या बहुत ही तेज़ी से बढ़ रही है। ब्राज़िल में अब तक ३६ हज़ार नागरिकों ने कोरोना से दम तोड़ा है, वहीं तक़रीबन सात लाख मरीज़ इस देश में पाये गए हैं। अमरीका के बाद सर्वाधिक मरीज़ ब्राज़िल में हैं। शुक्रवार को  ‘डब्लूएचओ’ ने ब्राज़िल तथा अन्य लॅटिन अमेरिकन देशों को इस बारे में सचेत किया था। कोरोनावायरस का संक्रमण रोकने के लिए लगाये गए निर्बंधों को यदि हटाया, तो यह महामारी और भी तेज़ी से फ़ैलेगी, ऐसी चेतावनी दी थी। ब्राज़िल के राष्ट्राध्यक्ष बोल्सोनारो, देश में लगाये गए निर्बंधों को हटाने की तैयारी में थे कि तभी ‘डब्लूएचओ’ से यह चेतावनी दी गयी। इससे ब्राज़िल के राष्ट्राध्यक्ष ख़ौल उठे हैं, ऐसा बताया जाता है।

इसके अलावा, कोरोना का ईलाज़ करने के लिए हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्वीन दवाइयों के इस्तेमाल पर ‘डब्लूएचओ’ ने लगाई रोक को लेकर भी राष्ट्राध्यक्ष बोल्सोनारो ‘डब्लूएचओ’ पर नाराज़ हैं, ऐसा कहा जाता है। कुछ दिन पहले ‘डब्लूएचओ’ ने, कोरोना के मरीज़ों के ईलाज़ के लिए हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्वीन इस मलेरिया पर की दवाई का परीक्षण करने पर भी रोक लगाई थी। इन दवाइयों के कारण मरीज़ों की मृत्यु होने का ख़तरा है, ऐसा दावा एक संशोधन रिपोर्ट में किया गया था।

लेकिन ‘डब्लूएचओ’ ने जिस संशोधन रिपोर्ट के आधार पर हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्वीन के परीक्षण पर रोक लगाई थी, उसी पर अब सवाल उपस्थित किये जा रहे हैं। इस संदर्भ की रिपोर्ट संशोधकों ने अब वापस ली है। ऐसे में, ब्राज़िल के राष्ट्राध्यक्ष  बोल्सोनारो ने ‘डब्लूएचओ’वर निशाना साधा है। ब्राज़िल को भारत से हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्वीन दवाइयों की सप्लाई की गयी थी। ब्राज़िल की जनता के लिए यह दवाई ‘संजीवनी’ साबित होगी, ऐसा कहकर राष्ट्राध्यक्ष बोल्सोनारो ने भारत का शुक्रिया अदा किया था।

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