ब्राह्मोस का हवाई परीक्षण सफल, सुखोई-३० एमकेआई से प्रक्षेपित किया

नई दिल्ली: सुखोई ३० एमकेआई लड़ाकू विमान से आवाज के गति से तिगुनी गति के ब्राह्मोस सुपरसौनिक मिसाइल का सफल परीक्षण करके, भारत ने इतिहास रचा है। इस सफलता के साथ भारत यह जमीन, समुद्र और हवा से हमला करने की क्षमता प्राप्त सुपरसौनिक क्रूज मिसाइल होने वाला दुनिया का पहला देश बना है। इसकी वजह से वायु सेना के बेड़े में सुखोई विमान में ब्राह्मोस को जोड़ने का मार्ग खुला है और जिससे वायुसेना की मारक क्षमता अनेक गुना बढ़ने वाली है। इस सफलता के बाद डीआरडीओ के संशोधनों पर बधाईयाँ बरस रही है।

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भारत ने रशिया के संयुक्त निर्माण होनेवाले ब्राह्मोस मिसाइल दुनिया के सबसे गतिमान क्रूज़ मिसाइल में एक माना जाता है। इस मिसाइल का जमीन से एवं सागर से हमला करने की आवृत्ति लष्कर और नौदल में इससे पूर्व दाखिल हुई थी। पर इस मिसाइल की हवाई आवृत्ति तैयार करने पर पिछले कई वर्षो से भारत की रक्षा संशोधन विकास संस्था (डीआरडीओ) और रशिया की एनपीए विशेष प्रयत्न कर रहे थे। यह हवाई आवृत्ति तैयार करने के लिए ब्राह्मोस की रचना में, आकार में और वजन में बदलाव किए गए हैं। संशोधकोंने अथक परिश्रम लेकर तैयार किए इस ब्राह्मोस के हवाई आवृत्ति का बुधवार को परीक्षण सफल माना गया। सुखोई-३० एमकेआई विमान से प्रक्षेपित किए ब्राह्मोसने बंगाल के उप-सागर में पारदीप द्वीप और पूरी के सागरी किनारे पर नियोजित लक्ष्य पर अचूक निशाना साधा है।

अबतक किसी भी देश के पास एक ही सुपरसौनिक क्रूज मिसाइल जो जमीन, पानी और हवा से हमला करने की आवृत्ति ना होकर, ऐसी क्षमता प्राप्त मिसाइल पास होनेवाला भारत यह दुनिया का पहला देश बना है। ब्राह्मोस की एयरलाइन क्रूज मिसाइल आवृत्ति २.५ टन होकर उसे सुखोई मे जोड़ने की वजह से वह अधिक खतरनाक ठहरेगा। सुखोई-३० एमकेआई विमान की गति यह ध्वनि के दुगनी है। इस विमान पर ब्राह्मोस की हवाई आवृत्ति बनाई जाने से सीमा के उसपार आतंकवादी तल को हवाई सीमा ना लांघते हुए, लक्ष्य करना अब आसान होने वाला है।

तथा हवा से आतंकवादियों का तल इस प्रकार तबाह करने के साथ बंकर्स भी नष्ट करने की क्षमता इस मिसाइल में है। ब्राह्मोस के इस हवाई आवृत्ति के दो और परीक्षण होने वाले हैं। उसके बाद सुखोई-३० एमकेआई पर यह मिसाइल जोड़े जाएंगे। शुरुआत में ४२ सुखोई विमान ब्राह्मोस से सज्ज होनेवाले हैं। फिलहाल भारत के बेड़े में २४० सुखोई विमान होकर अधिक २७० विमान भारत रशिया से खरीदने की तैयारी कर रहा है। पाकिस्तान और चीन इन दोनों सीमाओं के विविध हवाई अड्डों पर भारतने यह सुखोई विमान तैनात किए हैं।

दौरान भारत और रशिया ब्राह्मोस की अधिक मारक क्षमता होने की आवृत्ति विकसित कर रहे हैं। पिछले वर्ष भारत को मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजीम (एमटीसीआर) इस संगठन का सदस्यत्व मिला था। इसकी वजह से एम्टीसीआर के सदस्य देशों के साथ मिसाइल विकसित करते हुए, मारक क्षमता के बारे में प्रतिबंध ख़त्म हुए हैं। इसकी वजह से रशिया के साथ ब्राह्मोस की अधिक क्षमता की आवृत्ति विकसित करने का मार्ग खुला है।

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