पाकिस्तान में बम विस्फोट में चीन के नौं इंजीनियर की मृत्यु – चीन द्वारा सख्त कार्रवाई की मांग

पेशावर/बीजिंग – पाकिस्तान के खैबर-पख्तुनख्वा स्थित अप्पर कोहिस्तान में एक बस में हुए विस्फोट में १३ लोग मारे गए। इनमें ९ चिनी इंजीनियर्स का समावेश था। ‘चाइना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर-सीपीईसी’ परियोजना का भाग होनेवाले ‘दासू डॅम’ प्रोजेक्ट पर ये चिनी इंजीनियर काम कर रहे थे। यह आतंकवादी हमला था, ऐसा दावा पाकिस्तान के संसदीय कामकाजमंत्री बाबर अवान ने किया। मगर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने यह दुर्घटना होने का ऐलान कर दिया। लेकिन चीन ने इस घातपात के पीछे होनेवालों को पाकिस्तान कड़ी सजा करें, ऐसी माँग की है।

Chinese-engineers-Pakistan-394x217यह बस एक खाई में गिरी और उसके बाद विस्फोट हुआ, ऐसा दावा पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने किया। इससे, इसके पीछे घातपात होने की संभावना ख़ारिज करने की कोशिश, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने हिसाब से करके देखी। लेकिन उससे पहले ही पाकिस्तान के संसदीय कामकाज मंत्री बाबर अवान ने, यह आतंकवादी हमला होने का ऐलान किया। यह कायर हमला था, यह बताकर अवान ने उसका निषेध किया। इस हमले के बावजूद भी पाकिस्तान और चीन के बीच का सहयोग बाधित नहीं होगा, ऐसा अवान ने आगे कहा। मगर क्या यह निश्चित रूप में घातपात था या अपघात, इस बारे में स्पष्ट भूमिका पाकिस्तान ने नहीं अपनाई है। लेकिन चीन इसकी ओर घातपात की दृष्टि से ही देख रहा है, यह स्पष्ट हो रहा है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने, इस बस में बम विस्फोट हुआ यह मान्य करके उसका कड़े शब्दों में निषेध किया। यह घातपात करवानेवालों को पाकिस्तान कड़ी सजा करें और चिनी नागरिक, संस्था और प्रोजेक्ट्स इनकी सुरक्षा के लिए पाकिस्तान अधिक प्रयास करें, ऐसी माँग लिजिआन ने की। वहीं, पाकिस्तान स्थित चिनी दूतावास ने भी, चीन के पाकिस्तान में चल रहे प्रोजेक्ट्स बहुत ही महत्वपूर्ण हैं यह बताकर, आवश्यकता के बगैर बाहर ना निकलें, ऐसी सूचना चिनी नागरिकों को दी है। लेकिन इस हमले के कारण फिर एक बार पाकिस्तान में होनेवाले चिनी नागरिकों की सुरक्षा का मसला चर्चा में आया है।

Chinese-engineers-Pakistan-01-227x300चीन और पाकिस्तान के बीच चल रहा सीपीईसी प्रोजेक्ट फिलहाल कार्यान्वित नहीं है। क्योंकि दोनों देशों में इस प्रोजेक्ट को लेकर तीव्र मतभेद होने की बात सामने आ रही है। पाकिस्तान की जनता यह माँग कर रही है कि चीन के इस प्रोजेक्ट से अपने देश को निश्चित रूप में कितना फायदा हो रहा है इसकी जानकारी सार्वजनिक करें। चीन ने इस प्रोजेक्ट के ज़रिए पाकिस्तान में निवेश किया या पाकिस्तान को कर्ज़ा दिया, वही अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है। ऐसी परिस्थिति में चीन पाकिस्तान के पास इस प्रोजेक्ट के लिए दिया कर्ज़ा चुकता करने की माँग कर रहा है, ऐसी खबरें आईं थीं। ऐसी परिस्थिति में चिनी इंजिनिअर्स पर हुए इस हमले के पीछे पाकिस्तान के असंतुष्ट स्थानिक होने की गहरी संभावना है। लेकिन इस संदर्भ में विवरण अभी सामने नहीं आया है।

अप्रैल महीने में बलुचिस्तान में एक होटल में हुए बम विस्फोट के द्वारा पाकिस्तान में नियुक्त चीन के राजदूत को लक्ष्य करने की कोशिश हुई थी। इसकी जिम्मेदारी का स्वीकार पाकिस्तान के ‘तेहरिक-ए-तालिबान’ इस आतंकवादी संगठन ने किया था।

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