अफगानिस्तान के काबुल में प्रार्थना स्थल पर बम हमला – १९ लोग मारे जाने का दावा

काबुल – अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आतंकवादियों ने प्रार्थना स्थल में करवाये विस्फोट में १९ लोग मारे गए। मारे गए लोगों में तालिबान के आतंकी होने का दावा किया जाता है। पिछले कुछ दिनों से, काबुल समेत जलालाबाद और मझार-ए-शरीफ में तालिबान के आतंकियों को लक्ष्य करनेवाले आयएस-खोरासन के आतंकवादी इसके पीछे होने का शक ज़ाहिर किया जाता है। लेकिन इस बारे में पुख़्ता जानकारी अभी भी सामने नहीं आई है।

प्रार्थना स्थलतालिबान का प्रवक्ता झबिउल्ला मुजाहिद की दिवंगत माँ के लिए प्रार्थना करने हेतु बड़ा समुदाय इस स्थान पर एकत्रित हुआ था। उसमें तालिबान के कमांडर्स का भी सहभाग होने की बात बताई जाती है। उन्हें लक्ष्य करने के लिए इस प्रार्थना स्थल में बम विस्फोट करवाए गए। यह आत्मघाती हमला था या बम विस्फोट, वह भी काफी समय तक स्पष्ट नहीं हुआ था। लेकिन तालिबान के कमांडर्स और आतंकी इस घातपात के निशाने पर थे, ऐसे दावे किए जाते हैं।

इदिगाह प्रार्थनास्थल के कंपाउंड में यह विस्फोट हुआ, ऐसा तालिबान के प्रवक्ता ने घोषित किया था। इसमें कई नागरिकों की जान जाने का दावा तालिबान ने किया था। वहीं, प्रत्यक्षदर्शी और माध्यमों ने दी जानकारी के अनुसार, विस्फोट में १९ लोग मारे गए होकर, उनमें तालिबान के आतंकवादियों की संख्या अधिक बताई जाती है। घायलों को नज़दीक के अस्पताल में दाखिल किया गया है। इस विस्फोट के बाद के फोटो और वीडियोज् सोशल मीडिया में वायरल हुए थे।

प्रार्थना स्थलपिछले कुछ दिनों से अफगानिस्तान में तालिबान के आतंकियों पर हमले बढ़े हैं। राजधानी काबुल समेत नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद और अफगानिस्तान के पश्चिमी मझार-ए-शरीफ में तालिबान के आतंकियों को लक्ष्य किया जा रहा है। शनिवार को भी जलालाबाद में हुए हमले में तालिबान के दो आतंकवादी मारे गए। इससे पहले काबुल और जलालाबाद में हुए हमलों की जिम्मेदारी ‘आयएस-खोरासन’ ने स्वीकारी थी।

अब २० साल पहले का तालिबान नहीं रहा होकर, इस संगठन ने पश्चिमियों के साथ समझौता किया है। इसी कारण तालिबान को खत्म करके, अफगानिस्तान में अपनी हुकूमत स्थापित करने की धमकी आयएस-खोरासन ने इससे पहले दी थी। इस कारण, रविवार को काबुल के प्रार्थना स्थल में हुए हमले के पीछे भी आयएस-खोरासन होने की गहरी संभावना जताई जाती है।

लेकिन अफगानिस्तान में बढ़ते हमलों के पीछे तालिबान के छोटे गुटों के विवाद होने का दावा किया जाता है। सरकार अपना के मुद्दे पर निर्माण हुए मतभेद इस हमले के लिए कारणीभूत हो सकते हैं, ऐसा विश्लेषकों का कहना है। आनेवाले समय में यह संघर्ष बड़े पैमाने पर सामने आएगा, ऐसी चेतावनी विश्लेषकों ने इससे पहले ही दी थी।

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