अफगानिस्तान में विस्फोटों में तालिबान के २५ आतंकी ढेर – आयएस-खोरासन का दावा

afghan-blast-taliban-25-terrorists-killed-2काबुल – पिछले तीन दिनों से अफगानिस्तान के प्रमुख शहरों में हुए विस्फोटों की ज़िम्मेदारी का स्वीकार ‘आयएस-खोरासन’ ने किया है। तालिबान आतंकियों के वाहनों को लक्ष्य बनाकर कराए इन विस्फोटों में २५ तालिबानी ढेर हुए होने का दावा आयएस ने किया। पश्चिमियों से बातचीत करनेवाला तालिबान अपने ध्येय के साथ एकनिष्ठ नहीं रहा है, ऐसी आलोचना आयएस ने इससे पहले की थी। साथ ही, तालिबान पर हमले करने की धमकी भी दी थी।

afghan-blast-taliban-25-terrorists-killed-3शनिवार की विस्फोटों की श्रृंखला के बाद रविवार को पुनः एक बार जलालाबाद में विस्फोट हुए। शहर में गश्त करनेवाले अफगानी पुलिस के वाहन पर यह हमला हुआ। महीने भर पहले अफगानिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था हाथ में लेनेवाले तालिबान के आतंकी इस वाहन में गश्त कर रहे थे। इस हमले में पाँच से आठ लोग ढेर हुए होकर, उनमें दो नागरिकों का समावेश होने का दावा स्थानीय नागरिक कर रहे हैं। वहीं, इस हमले के बारे में और कुछ दावे भी किए जा रहे हैं।

तालिबान के आतंकियों से भरे ट्रक पर यह हमला हुआ। इस विस्फोट में तालिबान के आतंकी भारी संख्या में घायल हुए होकर, उन्हें नज़दीकी अस्पताल में भर्ती किया गया। इस कारण, जलालाबाद में हुए इस विस्फोट में मारे जानेवालों की संख्या, जितनी बताई जा रही है उससे अधिक होने की संभावना जताई जाती है। यह बम हमला था, ऐसा स्थानिकों का कहना है। वहीं, मोटरसाइकिल पर आए आतंकवादी ने मोटरसाइकिल तालिबान के वाहन से टकराई, ऐसा दावा स्थानीय माध्यमों ने किया है।

afghan-blast-taliban-25-terrorists-killed-1पिछले तीन दिनों से हो रहे इन विस्फोटों पर तालिबान ने प्रतिक्रिया नहीं दी है। इनमें से जलालाबाद में हुए विस्फोट में, हक्कानी नेटवर्क से जुड़े आतंकवादियों को लक्ष्य किया गया था। पिछले दो हफ्तों से तालिबान के मुल्ला बरादर और हक्कानी नेटवर्क के बीच निर्माण हुए चरम मतभेदों की पृष्ठभूमि पर ये हमले शुरू हुए होकर, ये तालिबान में चल रहे अंतर्गत संघर्ष का भाग होने की बात सामने आई की। लेकिन अफगानिस्तान में प्रबल बनते चले जा रहे ‘आयएस-खोरासन’ इस आतंकवादी संगठन ने इन विस्फोटों की ज़िम्मेदारी का स्वीकार करके तालिबान को झटका दिया है।

अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत आयएस-खोरासन को मान्य नहीं है। तालिबान ने अमरीका के साथ समझौता करके सत्ता हासिल की, ऐसा आरोप आयएस-खोरासान कर रहा है। इसी कारण अफगानी जनता के अधिकारों के लिए तालिबान पर हमले करने की चेतावनियाँ आयएस-खोरासान ने दीं थीं। वास्तव में आयएस-खोरासान यह अलग आतंकवादी संगठन ना होकर, तालिबान से बाहर निकले आतंकवादियों का ही वह नया गुट होने की बात बताई जाती है। इस गुट के हमले में तालिबान को अपने आतंकी गँवाने पड़ रहे हैं। अभी भी तालिबान ने उसपर प्रतिक्रिया नहीं दी है, यह बात तालिबान में होनेवाला अंतर्विरोध दिखा देने वाली साबित होती है।

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