अमरीका में पुलीस की कार्रवाई में कृष्णवर्णीय नागरिक की मृत्यु – देशभर में नये से प्रदर्शन शुरू

us-policeवॉशिंग्टन – अमरीका के अटलांटा शहर में एक पुलीस कार्रवाई में कृष्णवर्णीय नागरिक की मृत्यु हुई है। पिछले महीने मिनीआपोलीस शहर में ‘जॉर्ज फ्लॉईड’ इस कृष्णवर्णीय नागरिक की पुलीस कार्रवाई में मृत्यु होने के बाद, अमरीका में तबसे तीव्र प्रदर्शन भड़क हैं। ऐसे में, इस नयी घटना के बाद, देश में बना तनाव अधिक ही बढ़ने का डर जताया जा रहा है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अटलांटा की घटना के बाद, ‘लॉ अँड ऑर्डर’ ऐसा ट्विट करके अपनी प्रतिक्रिया दर्ज़ की है।

शुक्रवार रात को अटलांटा की पुलीस को, शहर के वेंडीज् रेस्टॉरंट से, एक गाडी के संदर्भ में शिक़ायत का कॉल आया। घटनास्थल पर पहुँचने के बाद पुलीस ने रेस्टॉरंट के सामने गाड़ी में सोये हुए ‘रेशर्ड ब्रुक्स’ इस २७ वर्षीय कृष्णवर्णीय युवा की तहकिक़ात शुरू की। ब्रुक्स नशे में होने कारण दो पुलीस ने उसे हिरासत में लेने की कोशिश की। तब उसने पुलीस के हाथ में होनेवाली ‘टेझर गन’ खींचकर भागने की कोशिश की। ब्रुक्स ने पुलीस पर ही टेझर गन का निशाना लगाने के कारण, जवाब में पुलीस ने दो गोलियाँ चलायीं। उसमें गंभीर रूप से ज़ख़्मी हुए ब्रुक्स की, बाद में अस्पताल में दाखिल करने के बाद, मृत्यु घोषित कर दी गयी।

us-policeब्रुक्स की मृत्यु के बाद अटलांटा में ज़ोरदार प्रदर्शन शुरू हुए। शनिवार शाम को हिंसक बने जमावड़े ने अटलांटा का राजमार्ग रोककर धरून तोड़फोड़ शुरू की। इस समय ब्रुक्स की मृत्यु का घटनास्थल होनेवाले वेंडीज् रेस्टॉरंट को भी जला दिया गया। हिंसक दंगाइयों को रोकने के लिए सुरक्षायंत्रणाओं ने लाठीचार्ज और आँसू गैस का इस्तेमाल किया होकर, तक़रीबन ४० लोगों को हिरासत में ले लिया है। ब्रुक्स पर गोली चलानेवाले गॅरेट रॉल्फ इस पुलीस को सस्पेंड किया गया होकर, कार्रवाई में सहभागी हुए डेव्हिन ब्रॉन्सन का तबादला किया गया है। वहीं, अटलांटा पुलीसदल की प्रमुख एरिका शिल्ड्स ने इस्तीफ़ा दे दिया है।

पिछले महीने २५ मई को अमरीका के मिनीआपोलिस शहर में जॉर्ज फ्लॉईड इस कृष्णवर्णीय नागरिक की पुलीस कार्रवाई में मृत्यु हुई थी। उसके बाद अमरीका के कृष्णवर्णीय समाज में होनेवाले असंतोष का विस्फोट हुआ था। फ्लॉईड की मृत्यु के मुद्दे को, ‘कृष्णवर्णियों के आंदोलन’ यह पहचान बने हुए ‘ब्लॅक लाईव्हज् मॅटर’ इस आंतर्राष्ट्रीय गुट ने समर्थन दिया था। कृष्णवर्णीय नागरिक की मृत्यु के बहाने अमरीका में हिंसक प्रदर्शन शुरू किये गए थे। प्रदर्शनों में बढ़ते हिंसाचार को रोकने के लिए अमरीका के कुछ भागों में लष्कर तथा नॅशनल गार्ड की टुकड़ियाँ भी तैनात कर दी गयी थीं।

us-policeअमेरीका कुछ नेता, कलाकार तथा विश्लेषकों ने, ये प्रदर्शन यानी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के ख़िलाफ़ साज़िश होने का दावा किया था। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने देशभर में शुरू हुए हिंसाचार की गंभीरता से दखल लेते हुए, उसके पीछे अराजकवादी और चरमपंथी गुट होने का आरोप कर, उनपर कार्रवाई के आदेश दिये थे। अमरीका के सियासी दलों ने, देश की पुलीस यंत्रणा में सुधारों की माँग भी रखी थी। दो दिन पहले राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने, पुलीस सुधारों के मुद्दे पर विशेष अध्यादेश जारी किया जायेगा, ऐसे संकेत दिये थे।

इस पृष्ठभूमि पर, अटलांटा में घटी इस घटना के बाद, अमरीका मे फिर से हिंसा भड़कने का डर जताया जा रहा है। अमरीका के क्लिव्हलँड और पोर्टलॅंड शहरों में शनिवार को हुए प्रदर्शनों ने फिर एक बार हिंसक मोड़ लिया होने की ख़बर सामने आयी है। देश के अन्य भागों में भी प्रदर्शन फिर से हिंसक मोड़ लेंगे, ऐसे संकेत मिले होकर, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किया हुआ ‘लॉ अँड ऑर्डर’ यह ट्विट ग़ौरतलब साबित हो रहा है।

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