‘जैविक युद्ध’ छिड़ने से २० प्रतिशत आबादी नष्ट होगी : अमरीका के पूर्व सेना अधिकारी की चेतावनी

वॉशिंग्टन, दि. २९ : ‘इबोला’, ‘झिका’ जैसे रोगों के विषाणु आतंकवादियों के हाथ नहीं लगने चाहिए| अगर ये विषाणु आतंकवादी संगठनों के हाथ लग जायें, तो ‘जैविक युद्ध’ छिड़ जाऐगा| इससे दुनिया के लिए ख़तरा बढ़ेगा और इस युद्ध में करीबन ४० करोड़ से भी अधिक लोगों की जानें जा सकती हैं, ऐसी चेतावनी अमरीका के पूर्व कमांडर ‘जेम्स स्टॅवरिडिस’ ने दी|

biological-war- ‘जैविक युद्ध’

अमरीका के मशहूर मॅगॅझिन ‘फॉरेन पॉलिसी’ में लिखे एक लेख में, ‘जेम्स स्टॅवरिडिस’ ने आतंकवादियों से बढ रहा ख़तरा अधोरेखित किया| आतंकवादी सभी संहारक शस्त्रों का निर्माण कर रहे हैं| आतंकवादियों ने रासायनिक शस्त्र निर्माण कर, उनका इराक और सीरिया के संघर्ष में इस्तेमाल किया| अब आतंकवादी जैविक युद्ध की तैयारी कर रहे हैं, ऐसी चेतावनी ‘स्टॅवरिडिस’ ने दी|

इसके लिए आतंकवादी ‘झिका’ और ‘इबोला’ विषाणुओं का इस्तेमाल कर सकते हैं| कृत्रिम जैविक विज्ञान की टेक्नॉलॉजी के फिसलते दाम और इंटरनेट के माध्यम से मिलनेवाली सभी तरह की जानकारी, इस वजह से आतंकवादी आसानी से विषाणुओं का इस्तेमाल करते हुए जैविक हथियार निर्माण कर सकते हैं, ऐसी संभावना ‘स्टॅवरिडिस’ ने जतायी| ऐसा हुआ, तो आतंकवादी इस जैविक शस्त्र का इस्तेमाल करते हुए भीषण हमला कर सकते हैं, ऐसी चिंता अमरीका के सेना के पूर्व अधिकारी ने जतायी|

लगभग एक सदी पहले स्पेन में इसी प्रकार की संसर्गजन्य बीमारी का फैलाव हुआ था, इसकी याद स्टॅवरिडिस ने दिलायी| ‘उस समय स्पेन में ‘प्लेग’ की बीमारी आयी थी| इस बीमारी का सामना, स्पेन सहित सारी दुनिया को करना पड़ रहा था| दुनिया की आबादी में से ४० प्रतिशत जनता इस रोग के कारण बीमार पड़ी थी| इनमें से १०-२० प्रतिशत लोगों को जान गँवानी पड़ी थी’ ऐसा स्टॅवरिडिस ने कहा|

इतिहास की इस घटना का उदाहरण ध्यान में रखा जाए, तो विद्यमान आबादी के अनुपात से ४० करोड़ से भी अधिक लोगों की जान गँवानी पड़ सकती है, ऐसी चेतावनी अमरीका के पूर्व सेनाअधिकारी ने दी| आतंकवादियों की इस गतिविधि को समर्थन देनेवाले कई देशों से जैविक युद्ध के लिए आतंकवादियों को समर्थन मिल सकता है, ऐसा दावा अमरीका के अधिकारी ने किया|

यह जैविक हमला बमविस्फोट से भी अधिक ख़तरनाक साबित हो सकता है, ऐसी चिंता पूर्व सेनाअधिकारी ने जतायी| इसी कारण विश्‍व समुदाय ने झिका, इबोला और अन्य बीमारियों के रोगों के विषाणुओं की सुरक्षा पर गंभीरता से विचार करने की ज़रूरत है| साथ ही, इन आतंकवादियों को रोकने के लिए आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोशिश करनी चाहिए, ऐसा आवाहन स्टॅवारिडिस ने किया|

इससे पहले आंतर्राष्ट्रीय खुफ़िया संगठनों ने आतंकवादियों से जैविक हमला किया जाने की संभावना जतायी थी| ‘आयएस’ ने इस हमले की तैय्यारी के तौर पर आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने की शुरुआत की है, यह खबर भी प्रकाशित हुई थी|

Leave a Reply

Your email address will not be published.