अमरिकी संसद में ‘तैवान इन्वेशन प्रिवेंशन ऐक्ट’ का विधेयक पेश

वॉशिंग्टन – चीन की हुकूमत की नाराजगी से बचने के लिए तैवान के मामले में हमेशा अस्पष्ट भूमिका अपनानेवाले अमरीका ने अपनाई नीति स्पष्टरूप से नाकाम साबित हुई है। चीन की सेना ने अपनी क्षमता में बड़ी मात्रा में बढ़ोतरी करके लगातार तैवान को धमका रहा है। तैवान पर हमला करने के चीन के इरादे भी इससे स्पष्ट हो रहे हैं। ऐसे में अब अमरीका ने तैवान के मसले पर चीन के लिए रेड़ लाईन खींचने का समय आया है, इन शब्दों में अपनी भूमिका स्पष्ट करके अमरीका के वरिष्ठ सांसद टेड योहो ने संसद में ‘तैवान इन्वेशन प्रिवेंशन ऐक्ट’ नामक विधेयक पेश किया। इस विधेयक में तैवान पर हमला किए जाने पर अमरीका को सैनिकी कार्रवाई करने की अनुमति प्रदान करने का प्रावधान है। तैवान के विदेश विभाग ने इस विधेयक का स्वागत किया।

America-Taiwanचीन के शीर्ष विश्‍लेषक ‘लि सू’ ने हाल ही में यह इशारा दिया था कि, हाँगकाँग कानून तो पूर्व तैयारी है और इसी पृष्टभूमि पर किसी की परवाह किए बगैर चीन तैवान पर हमला करेगा। अगले वर्ष के शुरू में चीन तैवान पर सैनिकी कार्रवाई करेगा, यह संकेत भी उन्होंने दिए। पिछले महीने चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स ने भी धमकी दी थी कि, युद्ध शुरू होते ही चीन की सेना कुछ ही घंटों में तैवान पर कब्ज़ा कर लेगी। इससे पहले मई महीने में हुई कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक में पार्टी के तीसरें क्रमांक के नेता ली झान्शू ने सीधे तैवान पर हमला करने का प्रस्ताव रखा था। उसी समय सारा विश्‍व कोरोना महामारी से मुकाबला करने में व्यस्त है और तभी तैवान पर हमला करने का अच्छा अवसर है यह चेतावनी चीन के पूर्व सेना अधिकारी ने दी थी।

चीन से लगातार प्राप्त हो रहे उकसानेवाले इशारों पर अमरीका ने गंभीरता से संज्ञान लिया है और राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने तैवान के मुद्दे पर सक्रिय भूमिका अपनाई है। अमरीका ने तैवान में शुरू किया हुआ दफ़्तर, अमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की तैवानी नेताओं से भेंट और बढ़ता रक्षा सहयोग ट्रम्प की आक्रामक भूमिका का हिस्सा समझा जा रहा है। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने तैवान को लड़ाकू विमान प्रदान करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। इसके साथ ही प्रगत मिसाइल्स, टोर्पेडो एवं प्रगत रक्षा प्रणाली भी प्रदान की जा रही है। तैवान के करीबी क्षेत्र में भी अमरीका ने अपनी सैनिकी तैनाती बढ़ाई है और वहां विमान वाहक युद्धपोतों के साथ विध्वंसक, ड्रोन्स, गश्‍ती विमान एवं लड़ाकू विमानों की गतिविधियां बढ़ाई गई हैं।

America-Taiwanबुधवार को अमरिकी संसद में पेश किया गया ‘तैवान इन्वेशन प्रिवेंशन ऐक्ट’ का विधेयक राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प द्वारा अपनाई गई आक्रामक भूमिका का हिस्सा समझा जा रहा है। टेड योहो शासक रिपब्लिकन पार्टी के वरिष्ठ सांसद हैं और ट्रम्प के समर्थक के तौर पर जाने जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों से वह लगातार तैवान के समर्थन में आक्रामक भूमिका अपना रहे हैं और अमरीका ने ‘वन चायना पॉलिसी’ को प्रदान की हुई स्वीकृति रद करने की माँग भी उन्होंने रखी है।

‘तैवान इन्वेशन प्रिवेंशन ऐक्ट’ में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष को तैवान पर हमला किए जाने पर चीन के विरोध में लष्करी बल का प्रयोग करने की अनुमति प्रदान की गई हैं। इस कानून को अमल में लाने के बाद अगले पांच वर्षों तक यह सभी प्रावधान जारी रहेंगे। अमरीका अपने मित्रदेशों के सहयोग से तैवान के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास का आयोजन करे एवं तैवान के साथ सिक्युरिट डायलॉग शुरू करे। तैवानी राष्ट्राध्यक्ष को अमरीका आने का अधिकृत निमंत्रण भेजा जाए, ऐसी सिफारिशें भी इस ‘ऐक्ट’ के विधेयक में की गई हैं।

संसद में जब तैवान के लिए विधेयक पेश हो रहा था तब अमरिकी विदेश विभाग ने तैवान का समर्थन करनेवाला निवेदन जारी किया। अमरीका और तैवान के बीच द्विपक्षीय संबंध फिलहाल सबसे मज़बूत स्थिति में हैं, यह विश्‍वास विदेश विभाग ने निवेदन में व्यक्त किया। इससे पहले, मंगलवार को हुई अमरीका-ऑस्ट्रेलिया की बैठक में भी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थित तैनवान का स्थान और सुरक्षा अहम होने का ज़िक्र स्पष्टरूप से किया गया।

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