‘वन चायना पॉलिसी’ खारिज करने के लिए अमरीका की संसद में विधेयक दाखिल

वॉशिंग्टन/तैपेई/बीजिंग – ‘ताइवान यह कम्युनिस्ट चीन का ही भाग है, यह चीनी हुकूमत द्वारा बताया जानेवाला सरासर झूठ पिछले ४० सालों से अमरीका की दोनों राजनीतिक पार्टियों के राष्ट्राध्यक्ष बर्दाश्त करते आये हैं। लेकिन वह सच नहीं है। अब इस कालबाह्य नीति को हटाने का समय आया है’, ऐसा कहकर अमरीका की रिपब्लिकन पार्टी के सांसद टॉम टिफनी ने ‘वन चायना पॉलिसी’ खारिज करने के लिए अमरीका की संसद में विधेयक दाखिल किया। अमरीका के नए राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन द्वारा चीन के मुद्दे पर नर्म रवैया अपनाया जाने के आरोप हो रहे हैं। इस कारण अमरीका के राजनीतिक दायरे में इस विधेयक की बहुत बड़ी गूंजे सुनाई दे सकती हैं।

one-china-policyअमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ताइवान के साथ सहयोग के मुद्दे पर अधिक सक्रिय भूमिका अपनाई थी। अमरीका ने ताइवान में शुरू किया राजनीतिक कार्यालय, अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने की हुई ताइवान की नेताओं की भेंट और बढ़ता रक्षा सहयोग ये बातें ट्रम्प की भूमिका का भाग मानी जातीं हैं। पिछले साल अमरीका के पूर्व विदेश मंत्री माईक पॉम्पिओ ने, ताइवान यह चीन का भाग नहीं है, ऐसा बयान करके खलबली मचाई थी। यह बयान करते हुए, इससे संबंधित नीति रीगन प्रशासन ने साढ़ेतीन दशक पहले ही निश्चित की थी और अमरीका आज भी उसका पालन कर रही होकर, यह नीति दोनों पार्टियों ने मान्य की है, ऐसा खुलासा भी विदेश मंत्री पॉम्पिओ ने किया था।

one-china-policyरिपब्लिकन पार्टी के सांसद टॉम टिफनी और स्कॉट पेरी ने, रिगन प्रशासन ने किये हुए इस फैसले का उल्लेख करते हुए ही, ‘वन चायना पॉलिसी’ खारिज करने की भूमिका रखी है। पूर्व राष्ट्राध्यक्ष रोनाल्ड रिगन ने मंजूर किए ‘तैवान रिलेशन्स अ‍ॅक्ट’ और ‘सिक्स अ‍ॅश्युरन्सेस’ जैसे फैसलों के बाद भी अमरीका ने अधिकृत स्तर पर ताइवान के साथ संबंध स्थापित नहीं किए हैं, ऐसा दोषारोपण विधायक ने किया गया है। अमरीका का प्रशासन ताइवान जैसे लोकतंत्रवादी देश के साथ, राजनीतिक स्तर पर उत्तर कोरिया, ईरान और क्युबा की हुकूमतों से भी अधिक बदतर सुलूक कर रहा है, ऐसा आरोप भी इन अमरिकी सांसदों ने किया।

one-china-policy‘दुनिया भर के अपने मित्र देश और साझेदारों के साथ बात करने के लिए अमरिका को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। ताइवान यह मुक्त, लोकतंत्रवादी और स्वतंत्र देश है और अब अमरीका की नीति में भी उसका स्पष्ट प्रतिबिंब दिखाई देना चाहिए’, ऐसी आग्रही भूमिका संसद सदस्य टॉम टिफनी ने रखी। संसद सदस्य स्कॉट पेरी ने भी, ताइवान यह पिछले ७० सालों से स्वतंत्र देश था और अब भी है; और अब समय आ गया है कि अमरीका इस वास्तव को खुलेआम बताने का अपना हक जतायें, ऐसे आक्रमक शब्दों में ‘वन चायना पॉलिसी’ खारिज करने की माँग की।one-china-policy

सन १९४९ में चीन और ताइवान आजाद होने के बाद अमरीका ने दोनों देशों के साथ स्वतंत्र रूप में राजनीतिक संबंध स्थापित किए थे। लेकिन सन १९७९ में अमरीका के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष जिमी कार्टर ने तैपेई के साथ के राजनीतिक संबंध तोड़कर ‘वन चायना पॉलिसी’ को मान्यता दी थी। चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने बनाई इस नीति के अनुसार, ताइवान यह चीन का ही एक प्रांत है। जरूरत पड़ने पर चीन की हुकूमत ताइवान पर आक्रमण करके उसे जबरदस्ती से विलीन करा सकती है, ऐसा भी ‘वन चायना पॉलिसी’ में नमूद किया गया है।

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