बायडेन प्रशासन २१ फरवरी से पहले ईरान के साथ नये सिरे से परमाणु समझौता करेगा – बायडेन के पूर्व सलाहकार का दावा

तेहरान/वॉशिंग्टन – २१ फरवरी से पहले यदि अमरीका ने परमाणु समझौता नहीं किया, तो आन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के निरीक्षकों को न्यूक्लियर प्लांट में प्रवेश नहीं देंगे, ऐसी धमकी ईरान ने दी है। अमरीका के बायडेन प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए ईरान ने यह धमकी दी होने का दावा पश्चिमी माध्यम कर रहे हैं। लेकिन २१ फरवरी से पहले ही अमरीका और ईरान के बीच परमाणु समझौता होगा, ऐसा दावा राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के पूर्व सलाहकार जॉन वुल्फस्थॅल ने किया है।

iran-biden-new-nuclear-dealसन २०१५ में हुए परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करें, अमरीका बिना किसी शर्त के इस समझौते में सहभागी हों और उससे पहले, ट्रम्प प्रशासन ने ईरान पर लगाए प्रतिबंधों से उसे मुक्त करें, ऐसी मांग ईरान ने की है। इसके लिए अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के पास अब यही हफ्ता बाकी होने की याद ईरान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को दिलाई। इसके लिए, ईरान पर लगाए प्रतिबंध हटाकर इंधन की बिक्री करने के लिए मान्यता दें और विदेश में होने वाले ईरान के फ्रीज़ किए हुए बैंक खातें मुक्त करें, ऐसी मांग ईरान ने की है।

iran-biden-new-nuclear-dealइन सात दिनों में अगर बायडेन प्रशासन असफल साबित हुआ, तो अगले हफ्ते से राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी की सरकार को, ईरान की संसद के आदेशों का पालन करना पड़ेगा। इसके अनुसार, आन्तर्राष्ट्रीय परमाणुऊर्जा आयोग के निरीक्षकों को न्यूक्लियर प्लांट में प्रवेशबंदी की जाएगी, ऐसी चेतावनी ईरान की विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खातिबझादेह ने दी। साथ ही, जून महीने में होनेवाले राष्ट्राध्यक्षीय चुनाव में यदि ईरान में कट्टरपंथियों की हुकूमत स्थापित हुई, तो यह परमाणु समझौता अधिक ही खतरे में पड़ जाएगा, ऐसा खातिबझादेह ने धमकाया।

इस धमकी से पहले ईरान ने रविवार को शार्ट रेंज ‘स्मार्ट’ क्षेपणास्त्र का सफल परीक्षण किया। ३०० किलोमीटर तक दागे जा सकने वाले इस क्षेपणास्त्र की पहुंच में खाड़ी क्षेत्र के अमरीका के लष्करी अड्डे आते हैं। इस कारण क्षेपणास्त्र का परीक्षण और ईरान के विदेश मंत्रालय ने २१ फरवरी तक की दी चेतावनी, बायडेन प्रशासन पर दबाव बढ़ाने के लिए है, ऐसा दावा पश्चिमी माध्यम कर रहे हैं।

iran-biden-new-nuclear-dealपाँच साल पहले ओबामा प्रशासन में उपराष्ट्राध्यक्ष होनेवाले बायडेन के तत्कालीन सलाहकार जॉन वुल्फस्थॅल ने इस संदर्भ में अलग ही जानकारी दी। २१ फरवरी से पहले अमरीका, ईरान और इस परमाणु समझौते में सहभागी होने वाले देश बड़ा ऐलान करेंगे। इसमें अमरीका ईरान के साथ परमाणु समझौते में पुनः सहभागी होने का हेतु सार्वजनिक करेगी, ऐसा दावा वुल्फस्थॅल ने किया। साथ ही, ईरान में यदि कट्टरपंथियों हुकूमत आई, तो भी यह परमाणु करार प्रलंबित नहीं होगा, ऐसा वुल्फस्थॅल ने डटकर कहा।

iran-biden-new-nuclear-dealफिलहाल सन २०१५ के परमाणु समझौते का इरान पालन करें और अपनी आक्रामक परमाणु गतिविधियों को रोकें, अन्यथा ईरान के साथ चर्चा संभव नहीं है, ऐसी भूमिका बायडेन प्रशासन ने अपनाई है। लेकिन पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ओबामा के पूर्व सलाहकार ने अपना नाम घोषित न करने की शर्त पर इस बारे में अहम जानकारी उजागर की है। बायडेन प्रशासन के अधिकारियों ने ईरान के नेताओं के साथ पहले ही चर्चा शुरू की है, ऐसा दावा इस अधिकारी ने किया। ऐसा होने के बावजूद भी ईरान के साथ परमाणु समझौते में नए सिरे से सहभागी होना, बायडेन प्रशासन के लिए आसान नहीं होगा, ऐसा स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। अमरीका के खाड़ी क्षेत्र के मित्रदेशों से इसपर तीव्र प्रतिक्रिया आ सकती है। अमरीका की अंतर्गत राजनीति पर भी इसका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।

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