बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की हत्या का षड्यंत्र

नई दिल्ली/ढाका: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की उनके ही सुरक्षा रक्षकों से हत्या करने का षड्यंत्र उन्मूलित किया गया है। यह षड्यंत्र भारतीय गुप्तचर यंत्रणा ने बांग्लादेश की सुरक्षा यंत्रणा को बताकर सहयोग जताया है। यह साजिश बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन ‘जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश’ (जेएमबी) ने योजित की थी एवं इसमे पाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर संघटना ‘आईएसआई’ का हाथ होने का दावा किया जा रहा है। पिछले वर्ष ही शेख हसीना की हत्या का षड्यंत्र भारतीय यंत्रणा ने समय पर जानकारी देने से उधेड़ा गया था। सन २००९ मे बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद पर आए शेख हसीना की हत्या के अबतक ११ षड्यंत्र उधेड़े गए है।

हत्या का षडयंत्रपिछले महीने मे भारतीय एवं बांग्लादेशी यंत्रणाओं ने ‘जेएमबी’ के आतंकी और प्रधानमंत्री हसीना इनकी सुरक्षा तैनात ‘स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स’ (एसएसएफ) जवान का संभाषण पकड़ा था। उसके बाद इस संपूर्ण साजिश की बात सामने आयी। ‘जेएमबी’ के प्लान के अनुसार २४ अगस्त को प्रधानमंत्री हसीना अपने कार्यालय के बाहर आते ही उन पर सुरक्षा रक्षक हमला करेगा। जिससे पूर्व ‘जेएमबी’ के आतंकी प्रधानमंत्री कार्यालय के आस-पास बड़ा विस्फोट करेंगे, जिसकी वजह से सुरक्षा यंत्रणा का ध्यान विचलित होकर उसका लाभ लेते हुए शेख हसीना की हत्या करने वाला हत्यारा सुरक्षा रक्षक भाग सकेगा। इस संभाषण के खुलासे के बाद सुरक्षा यंत्रणा सतर्क हो गयी। जिसके लिए बांग्लादेशी सुरक्षा यंत्रणाने भारतीय गुप्तचर यंत्रणा की मदद लेने का वृत्त है।

बांग्लादेशी यंत्रणा ने इस मामले मे अब तक अनेक संदिग्ध लोगों को कब्जे मे लिया है और यंत्रणा षड्यंत्र के सूत्रधार तक पहुंचने का निर्धार व्यक्त कर रही है। इस षड्यंत्र के पीछे ‘जेएमबी’ होते हुए उसका मुख्य सूत्र पाकिस्तान की गुप्तचर संघटना आयएसआय से कार्यान्वित होने का संदेह है। बांग्लादेश की विरोधी पक्ष की एक वरिष्ठ नेताने २ महीने पहले आयएसआय के ब्रिगेडियर अशफाक से लंदन मे गोपनीय रूप से मुलाकात की थी। इस मुलाकात मे यह षड्यंत्र रचा गया है। इस मामले मे ‘एसएसपी’ के २ मेजर भी बांग्लादेशी सुरक्षा यंत्रणा की रडार पर है। इससे पूर्व, शेख हसीना की हत्या के षड्यंत्र का सुराग आयएसआय तक पहुंचा था।

सन २००९ मे बांग्लादेश की सत्ता पर आए प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश मे पाकिस्तान का प्रभाव खत्म कर दिया था। पाकिस्तान से संधान बांधे हुए आतंकी संगठन पर हसीना ने कठोर कारवाई की थी। तथा १९७१ के बांग्लादेश स्वतंत्रता युद्ध मे बांग्लादेशी जनता पर अत्याचार करने वालों पर मुकदमा चलाकर, कुछ पाकिस्तान समर्थक कट्टरपंथी नेताओं को शेख हसीनाने उनके कार्यकाल मे फांसी की सजा सुनाई थी, जिसमे ‘जेएमबी’ के नेताओं का भी समावेश है। बांग्लादेश मे पाकिस्तान समर्थक नीति होनेवाले राजकीय पक्ष ‘बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी’ बांग्लादेश मे फिलहाल निष्प्रभ हो रही है। इस पक्ष की प्रमुख नेता और बांग्लादेश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री खालिदा झिया इन पर भी भ्रष्टाचार के अनेक मुकदमे शुरू है। इस पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान की विख्यात गुप्तचर संघटना से शेख हसीना को खत्म करने के अथक प्रयत्न करने दिखाई दे रहे है।

हालही मे संयुक्त राष्ट्रसंघ मे किए भाषण मे प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पाकिस्तान के आतंकवादी नीति दुनिया के सामने बेनक़ाब की थी। भारत को मानवता का सबक देने वाले पाकिस्तान ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता युद्ध मे ३० लाख निर्दोष बांग्लादेशी जनता को मौत के घाट उतारा था, इसकी याद प्रधानमंत्री हसीनाने राष्ट्रसंघ के भाषण मे दिलायी है।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री की हत्या करके बांग्लादेश-म्यानमार सीमा पर दंगल भड़काने की साजिश उन्मूलित हुई है। दक्षिण-पूर्व बांग्लादेश मे फिलहाल लाखों रोहिंग्या शरणार्थी अल्प समय के लिए शिविर मे रखे गए हैं। इन भागों मे दंगल भड़काकर बांग्लादेश को अस्थिर करने का भयंकर षड्यंत्र होनेवाला था।

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