चिनी ऍप्स पर पाबंदी लगाने से द्विपक्षीय संबंधों पर असर होगा – चीन के राजनीतिक अधिकारी का दावा

नई दिल्ली – ५८ चिनी ऍप्स पर भारत ने लगाई पाबंदी इसके आगे भी क़ायम रहनेवाली है। इसका द्विपक्षीय संबंधों पर विपरित असर होगा, ऐसी चिंता चीन द्वारा व्यक्त की जा रही है। उसी समय, भारत का यह निर्णय जागतिक व्यापार परिषद के नियमों का उल्लंघन करनेवाला होने का दोषारोपण भी चीन ने किया है। साथ ही, गलवान वैली में शहीद हुए अपने सैनिकों को शौर्य पुरस्कार प्रदान करके भारत चीनविरोधी भूमिका अपना रहा होने का दावा भी चीन के कुछ विश्‍लेषकों ने किया है।

चिनी ऍप्स

लद्दाख की गलवान वैली में हुई झड़प में कर्नल संतोष बाबू समेत भारत के २० सैनिक शहीद हुए थे। इसके बाद भारत में चीन के विरोध में ग़ुस्से की लहर उमड़ी है। भारत ने चीन को सबक सिखाने के लिए चिनी ऍप्स पर पाबंदी घोषित की। राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से चिनी ऍप्स घातक साबित होते हैं, यह बताकर भारत सरकार ने लगभग ५८ चिनी ऍप्स बैन किये थे। इनमें ‘टिकटॉक’ जैसे भारत में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किये जानेवाले ऍप का भी समावेश था। शुरुआत का कुछ समय, भारत की इस पाबंदी का कुछ भी असर नहीं होगा, ऐसे दावे चीन ने ठोके थे। लेकिन कुछ ही समय में चीन को इसकी आँच लगने लगी।

अब टिकटॉक की मालिक होनेवाली चिनी कंपनी बायटेंडन्स ने, पाबंदी कायम रहने के कारण भारत का अपना कारोबार बंद करने का ऐलान किया था। इसपर चीन से प्रतिक्रिया आयी होकर, भारतस्थित चीन के दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने इस मामले में चिंता ज़ाहिर की है। राष्ट्रीय सुरक्षा का बहाना बनाकर भारत ने चिनी ऍप्स पर पाबंदी लगाने का किया हुआ यह फ़ैसला, जागतिक व्यापार परिषद के नियमों का उल्लंघन करनेवाला है, ऐसा रोंग ने कहा। साथ ही, इसका भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों पर विपरित असर होगा, ऐसी चेतावनी भी रोंग ने दी है।

इसी बीच, प्रजासत्ताक दिन के समारोह में गलवान वैली में चिनी जवानों के क़ायर हमले का समर्थ रूप से मुक़ाबला करनेवाले कर्नल संतोष बाबू को प्रदान किये गये शौर्य पुरस्कार से भी चीन बेचैन हुआ है। लद्दाख की एलएसी पर का तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के लष्करी अधिकारियों के बीच चर्चा शुरू है। यह चर्चा जारी होते समय चीन भारत को सकारात्मक संदेश देकर अपनी सदिच्छा व्यक्त कर रहा है। लेकिन भारत उसको अनदेक्जा करके चीन को अधिक से अधिक उक़साता चला जा रहा है। इसके द्वारा भारत सारी दुनिया को और चीन की दुनिया को यह दिखा रहा है कि उसे इस सीमा पर बने तनाव को कम करने में कोई दिलचस्पी नहीं है, ऐसी आलोचना चिनी विश्‍लेषक कर रहे हैं।

भारतीय माध्यम भी दोनों देशों के बीच का तनाव बढ़ा रहें होने का दोषारोपण चीन के विश्‍लेषकों ने किया है। सिक्कीम के पास के नकुलास्थित एलएसी पर दोनों देशों के सैनिकों में झड़प हुई और उसमें चीन के २० जवान ज़ख़्मी हुए, ऐसी ख़बर माध्यमों में प्रकाशित हुई थी। ये ख़बरें झूठीं हैं, ऐसा दावा चीन के ‘ग्लोबल टाईम्स’ इस सरकारी अख़बार ने किया। अलग शब्दों में, एलएसी पर बना तनाव और झड़पें इनकी जानकारी भारतीय माध्यम अपनी जनता को न दें, ऐसा चीन का कहना है। एलएसी पर घुसपैंठ करते रहकर, भारत के मार्केट का भी फ़ायदा उठाने की चीन की खुदगर्ज़ नीति की पोलखोल भारतीय माध्यमों ने की होने की कारण, चीन लगातार माध्यमों को लक्ष्य करता दिख रहा है।

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