ईरान विरोधी अमरिकी मोर्चे में ऑस्ट्रेलियन युद्धपोत शामिल होगी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकैनबेरा: पर्शियन खाडी में समुद्री सुरक्षा के लिए अमरिका ने ईरान के विरोध में मित्रदेशों की नौसेनाओं के साथ मोर्चा खडा करने का ऐलान किया था| इस मोर्चे में शामिल होने का निर्णय ऑस्ट्रेलिया ने भी किया है| इसके तहेत जल्द ही ऑस्ट्रेलिया का युद्धपोत पर्शियन खाडी की ओर रवाना होगी, यह ऐलान ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने किया है| इस युद्धपोत के साथ ही लडाकू और गश्ती विमान भी रवाना करने के संकेत ऑस्ट्रेलिया ने दिए है|

‘पिछले कुछ महीनों से पर्शियन खाडी, होर्मुझ की खाडी में शुरू गतिविधियां चिंता बढानेवाली है| पर्शियन खाडी में अस्थिरता बना रही इन गतिविधियों से ऑस्ट्रेलिया के हितसंबंधों को खतरा बन सकता है’, यह कहकर प्रधानमंत्री मॉरिसन ने इस युद्धपोत की तैनाती का समर्थन किया| इस समुद्री क्षेत्र में हो रही ईंधन की निर्यात खतरे में फंस सकती है, इस ओर ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री ने ध्यान आकर्षित किया|

इसी लिए अपने हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए अमरिका और मित्रदेशों के अंतरराष्ट्रीय मोर्चे में शामिल हेने होने के लिए ऑस्ट्रेलिया तैयार है’, ऐसा मॉरिसन ने कहा है| ऑस्ट्रेलिया को जरूरी कुल ईंधन में से १५ प्रतिशत क्रूड ऑईल एवं ३० प्रतिशत रिफाईन्ड ऑईल पर्शियन खाडी से मंगाया जाता है, यह जानकारी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने दी| ‘ऐसी स्थिति में समुद्री यातायात की स्वतंत्रता और अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए ऑस्ट्रेलिया पर्शियन खाडी में यह तैनाती कर रही है’, यह जानकारी प्रधानमंत्री मॉरिसन ने दी|

लेकिन, पर्शियन खाडी में ऑस्ट्रेलियन युद्धपोत की यह तैनाती हमेशा के लिए नही रहेगी, यह प्रधानमंत्री मॉरिसन ने स्पष्ट किया| तय समय के बाद ऑस्ट्रेलियन युद्धपोत स्वदेश लौटेगी, यह दावा मॉरिसन ने किया| अगले कुछ दिनों में ऑस्ट्रेलियन युद्धपोत पर्शिनय खाडी कि दिशा में रवाना होगी और इस क्षेत्र में पहले से तैनात अमरिका एवं ब्रिटीश युद्धपोतों के साथ शामिल होगी| इस युद्धपोत की सहायता करने के लिए लडाकू एवं गश्ती विमान एवं अतिरिक्त लष्करी दल भी रवाना होगा, यह दावा ऑस्ट्रेलियन माध्यम कर रहे है|

पिछले दो महीनों से पर्शियन खाडी में छह ईंधन टैंकर्स पर हमलें हुए है| इन हमलों के लिए ईरान की रिव्होल्युशनरी गार्डस् जिम्मेदार होने का आरोप अमरिका और खाडी के मित्रदेश कर रहे है| इसके अलावा ईरान ने अमरिका का ड्रोन भी गिराया था| वही, ईरान ने पर्शियन खाडी में दो विदेशी जहाज अगवाह किए थे|

ईरान की इन हरकतों की वजह से पर्शियन खाडी में व्यापारी पोतों की सुरक्षा के लिए खतरा बना है, यह आरोप करके अमरिका ने अपने मित्रदेशों को ईरान के विरोध में ‘इंटरनैशनल मेरिटाईम सिक्युरिटी कंस्ट्रक्ट’ (आईएमएससी) यह मोर्चा खोलने के लिए निवेदन किया था| अमरिका के इस निवेदन पर सौदी अरब, यूएई समेत ब्रिटेन ने इस क्षेत्र में अपने युद्धपोत तैनात किए है|

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