विदेशमंत्री ज़रिफ के ऑडियो टेप की वजह से ईरान में हुई उथल-पुथल

iran-zarifतेहरान – ईरान की विदेश नीति पर रिवोल्युशनरी गार्ड्स, कासेम सुलेमानी की पकड़ थी, ऐसा बयान करके विदेशमंत्री जावेद ज़रिफ ने ईरान में सियासी भूकंप करवाया है। राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने उनके इस बयान का साक्षात्कार सार्वजनिक करनेवाले अभ्यासगुट के प्रमुख का इस्तीफा लिया है। इसी बीच इस साक्षात्कार की ऑडियो टेप लीक करने के मामले से संबंधित १५ लोगों को स्थानबद्ध किया गया है। ईरान के परमाणु प्रकल्प पर हुए हमले से भी यह हमला काफी बड़ा होने का दावा ईरानी विश्‍लेषक कर रहे हैं। इसके बाद राष्ट्राध्यक्ष रोहानी और विदेशमंत्री ज़रिफ के दफ्तरों पर रिवोल्युशनरी गार्ड्स ने छापे मारने का दावा कनाड़ा स्थित ईरानी वेबसाईट ने किया है। इस दावे की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है।

ईरान के राष्ट्राध्यक्ष के नियंत्रण वाले ‘सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज’ नामक अभ्यासगुट ने बीते वर्ष विदेशमंत्री ज़रिफ की मुलाकात करवाई थी। करीब-करीब सात घंटे चली इस मुलाकात के दौरान ज़रिफ ने ईरान की राजनीति में कूटनीति की मर्यादा स्पष्ट शब्दों में बयान की थी। बीते वर्ष से इस साक्षात्कार का एक शब्द भी सार्वजनिक नहीं हुआ था। लेकिन, चार दिन पहले लंदन स्थित पर्शियन भाषा के समाचार चैनल ने ज़रिफ के इस साक्षात्कार का ऑडियो टेप लीक किया।

iran-zarifइस टेप में रिवोल्युशनरी गार्ड्स (आयआरजीसी) नामक लष्करी संगठन ईरान की राजनीति में सबसे ज्यादा प्रभावी साबित होने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही कुद्स फोर्सेस के पूर्व प्रमुख कासेम सुलेमानी ही ईरान की विदेश नीति तय कर रहे थे, ऐसी आलोचना ज़रिफ ने इस ऑडियो टेप में की थी। सेलुमानी ने रशिया की सहायता से अमरीका और ईरान की सरकारों के बीच हुआ परमाणु समझौता तोड़ने की कोशिश की थी, साथ ही सीरिया में जारी संघर्ष बढ़ाकर ईरान के हितों को खतरा निर्माण करने की कोशिश भी सुलेमानी ने की थी, ऐसा आरोप ज़रिफ ने लगाया था।

आयआरजीसी और सुलेमानी को लेकर किए गए इन बयानों की वजह से ईरान में सियासी माहौल गरमा गया है। ईरान की संसद में ज़रिफ के इस्तीफे की और उनके खिलाफ महाभियोग चलाने की माँग हो रही है। यह टेप लीक होने के साथ ही विदेशमंत्री ज़रिफ अभी ईरान लौटे नहीं हैं। वे फिलहाल कुवैत की यात्रा पर रहे हैं।

iran-zarifराष्ट्राध्यक्ष रोहानी ने सरकारी गुप्तचर विभाग को इस मामले की जाँच करने के आदेश किए हैं। साथ ही इस अभ्यासगुट के प्रमुख हेशामोद्दिन अशेना को पद से हटाया गया है। साथ ही इस अभ्यासगुट का यह वीडियो लीक होने के मामले से जुड़े १५ कर्मचारियों को स्थानबंद किया गया है। इस कार्रवाई के लिए अशेना ने सोशल मीडिया पर नाराज़गी व्यक्त की है।

इसी दौरान ‘आयआरसीजी’ की लष्करी गुप्तचर यंत्रणा ने राष्ट्राध्यक्ष रोहानी और विदेशमंत्री ज़रिफ के सरकारी दफ्तरों पर छापे मारके कुछ अहम कागजात जब्त किए होने का दावा कनाड़ा से चलाई जा रही ईरानी वेबसाईट ने किया है। लेकिन, ईरानी माध्यमों में इस मामलों की खबरें प्रसिद्ध नहीं हुई हैं या ईरान की यंत्रणाओं ने भी इसकी पुष्टि नहीं की है।

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