‘साउथ चायना सी’ के ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ के मुद्दे पर ‘आसियान’ को चीन के खिलाफ ध्यान रखना चाहिए – फिलिपाईन्स के पूर्व विदेशमंत्री का इशारा

मनिला/बीजिंग – ‘साऊथ चायना सी’ के विवाद का हल निकालने से संबंधित ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ से जुड़ी बातचीत करते समय ‘आसियान’ के देशों को चीन के खिलाफ पूरा ध्यान रखकर पुख्ता भूमिका अपनाने की आवश्‍यकता है, यह इशारा फिलिपाईन्स के पूर्व विदेशमंत्री ने दिया है। इस दौरान पूर्व विदेशमंत्री अल्बर्ट डेल रोज़ारिओ ने वर्ष २०१६ में प्राप्त अंतरराष्ट्रीय नतीजे का ज़िक्र करके इस निर्णय को हटाने के लिए चीन ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ का इस्तेमाल करेगा, यह इशारा भी दिया। बीते कुछ महीनों में चीन की ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ ने ‘साउथ चायना सी’ में अपनी गतिविधियाँ अधिक आक्रामक की हैं। इस पृष्ठभूमि पर फिलिपिनी मंत्री का इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा है।

बीते दशक में फिलिपाईन्स के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष अल्बर्ट डेल रोज़ारिओ के नेतृत्व में चीन के ‘साउथ चायना सी’ से संबंधित दावों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्राधिकरण के सामने दावा दर्ज़ किया था। इसका निर्णय फिलिपाईन्स के पक्ष में हुआ था। संयुक्त राष्ट्र संघ के ‘कनवेंशन ऑन द लॉ ऑफ सी’ के अनुसार फिलिपाईन्स के समुद्री क्षेत्र के विशेष आर्थिक क्षेत्र को मंजूरी प्रदान की गई थी। इस वजह से पूरे ‘साउथ चायना सी’ पर अपना हक जता रहे चीन के संबंधित दावों को झटका लगा था।

चीन ने अंतरराष्ट्रीय संगठन के निर्णय से इन्कार करके ‘आसियान’ देशों के साथ स्वतंत्र बातचीत शुरू की थी। ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ उसी का हिस्सा माना जाता है। इस माध्यम से चीन वर्ष २०१६ में अंतरराष्ट्रीय अदालत के निर्णय को दूर रखने की साज़िश कर रहा है, यह आरोप फिलिपाईन्स के पूर्व मंत्री ने लगाया। चीन की विस्तार नीति का हिस्सा होनेवाली साज़िश ‘आसियान’ देशों को नाकाम करनी होगी, ऐसा फिलिपाइन्स के पूर्व विदेशमंत्री रोज़ारियो ने इशारा दिया है।

अगले ही वर्ष ‘आसियान’ और चीन के ‘कोड ऑफ कंडक्ट’ की बातचीत पूरी होने के संकेत दिए गए हैं। इस पृष्ठभूमि पर ‘आसियान’ की एकजुट और पत दोनों दांव पर लगे होने का अहसास फिलिपिनी मंत्री ने दिलाया। आसियान को चीन का रबरस्टैम्प होने से बचना होगा, इसके लिए आवश्‍यक सावधानी बरतनी होगी, यह इशारा अल्बर्ट डेल रोज़ारिओ ने दिया। इसके साथ ही यदि चीन अपने इरादों में सफल हुआ तो ‘आसियान’ देशों ने अब तक प्राप्त की हुई सफलता मिट्टी में मिल सकती है, यह दावा भी उन्होंने किया।

बीते कुछ महीनों में चीन की ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ के युद्धपोत, लड़ाकू विमान, गश्‍त विमान एवं ‘नेवल मिलिशिया’ लगातार आसियान देशों की सीमाओं में घुसपैठ करती दिखाई देते हैं। चीन की इन हरकतों से परेशान हुए ‘आसियान’ देशों ने चीन को प्रत्युत्तर देने के लिए कदम उठाना शुरू किया है। इस पृष्ठभूमि पर चीन के खिलाफ तनाव से भरे संबंध रखनेवाले फिलिपिन्स के पूर्व मंत्री ने दिया यह इशारा ध्यान आकर्षित करता है।

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