आसियन देशों की चीन विरोधी गतिविधियाँ तेज़

ASEAN-countries-China-01-300x145कौलालंपूर/जाकार्ता/बीजिंग – चीन द्वारा साऊथ चायना सी में जारी हरकतों को प्रत्युत्तर देने के लिए ‘आसियन’ देशों ने अपनी गतिविधियाँ तेज़ की हैं। रविवार को चीन के विमानों ने मलेशिया की हवाई सीमा में घुसपैंठ की कोशिश की थी। लेकिन मलेशियन हवाई बल ने चीन के विमानों को खदेड़ दिया। मलेशिया ने राजनीतिक स्तर पर तीव्र निषेध दर्ज किया होकर, चिनी राजदूत को समन्स थमाया है। वहीं, इंडोनेशिया ने ‘साऊथ चायना सी’ में चल रहीं चीन की मगरूरी रोकने के लिए अपनी नौसेना की पनडुब्बियों की संख्या तीन गुना बढ़ाने की तैयारी की। चीन के प्रभाव में होनेवाले कंबोडिया ने अब अमरीका से नज़दीकियाँ बनाने की कोशिश शुरू की है।

चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ ने पिछले कुछ महीनों में ‘साऊथ चायना सी’ में गतिविधियाँ अधिक ही आक्रामक की हैं। ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ के युद्धपोत, लड़ाकू विमान, निगरानी विमान तथा ‘नेव्हल मिलिशिया’ लगातार अन्य देशों की सीमा में घुसपैठ कर रहे हैं। चीन की लगातार जारी इन हरकतों से परेशान हुए ‘आसियन’ देशों ने चीन को प्रत्युत्तर देने के लिए कदम उठाए हैं।

ASEAN-countries-Chinaरविवार को चीन के लगभग १६ विमानों ने मलेशिया के ‘बोर्नो स्टेट’ से नज़दीक होनेवाली हवाई सीमा में घुसपैंठ की कोशिश की। चिनी विमानों को ‘वॉर्निंग’ देने के लिए मलेशिया ने अपने ‘लबुआन एअरबेस’ से विमान रवाना किए। मलेशियन विमानों की तैनाती के बाद चीन के विमान वापस गए। चीन के विमानों की यह घुसपैंठ मलेशिया की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है, ऐसा मलेशियन हवाई बल ने जताया है।

मलेशिया के विदेश विभाग ने इस घटना का निषेध दर्ज करनेवाली नोट चीन को भेजी है। उसी समय, मलेशिया में नियुक्त चीन के राजदूत को समन्स थमाया होकर, इस सारे मामले का खुलासा माँगा है। ‘मलेशिया की भूमिका बिल्कुल स्पष्ट है। राजनीतिक स्तर पर किसी देश से मित्रतापूर्ण संबंध होना, इसका अर्थ यह नहीं है कि हम हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता करेंगे’ इन शब्दों में मलेशिया के विदेश मंत्री हिशमुद्दिन हुसेन ने चीन को खरी खरी सुनाई। चीन ने इस मामले में लीपापोती की भूमिका अपनाई होकर, विमान अपने नियमित प्रशिक्षण का भाग होनेवाले क्षेत्र में अभ्यास कर रहे थे, ऐसा कहा है।

ASEAN-countries-China-02-300x268चीन की हरकतों का मुकाबला करने के लिए इंडोनेशिया ने अपनी नौसेना की पनडुब्बियों की संख्या तीन गुना बढ़ाने की गतिविधियाँ शुरू की हैं। ‘आसियन’ देशों में सर्वाधिक सागरी क्षेत्र हालांकि इंडोनेशिया का है, फिर भी इस देश की नौसेना क्षमता उसके अनुपात में कम है, ऐसा माना जाता है। फिलहाल इंडोनेशिया के पास चार ही पनडुब्बियाँ होकर, उनकी संख्या १२ तक ले जाने की कोशिशें शुरू हुईं हैं। उसके लिए दक्षिण कोरिया, जापान, रशिया और फ्रान्स के साथ चर्चा शुरू होकर, दक्षिण कोरिया के साथ छह पनडुब्बियों के संदर्भ में समझौता अंतिम चरण में है, ऐसा कहा जाता है।

इसी बीच, अमरीका की विदेश उपमंत्री वेंडी शेर्मन ने, ‘आसियन’ देशों में चीन के प्रभाव में होनेवाला देश कंबोडिया का दौरा किया। यह दौरा यानी कंबोडिया द्वारा अमरीका के साथ नज़दीकियाँ बनाने की कोशिशों का भाग है, ऐसा बताया जाता है। शेर्मन के दौरे की पृष्ठभूमि पर, कंबोडिया की सरकारी न्यूज एजेंसी ने, अमरीका के साथ संबंध ‘रिसेट’ करने की जरूरत है, यह बतानेवाला लेख भी प्रकाशित किया है।

पिछले कुछ महीनों से फिलीपीन्स और चीन में होनेवाला तनाव कम होने के बजाय बढ़ता ही चला जा रहा है। फिलीपीन्स की वरिष्ठ अधिकारी ‘एलिझाबेथ ते’ ने, चीन संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्ताव का पालन ना करने का आरोप किया। मार्च महीने में चीन ने अपने सैकड़ों मच्छीमार जहाजों की फिलिपिनी सीमा में घुसपैंठ कराने के बाद, फिलीपीन्स में चीन के विरोध में तीव्र असंतोष की भावना निर्माण हुई है। इस कारण पिछले दो महीने में फिलीपींस की सरकार, चीन के विरोध में हम कड़ी भूमिका अपना सकते हैं, ऐसा बार-बार जता रही है। साथ ही, इस सागरी क्षेत्र में गश्त बढ़ाकर फिलीपीन्स ने, वह चीन की परवाह नहीं करेगा, यह दिखा दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.