तालिबान की सरकार गठित होने के साथ ही अफ़गानिस्तान में अनाज की भीषण किल्लत निर्माण होगी – संयुक्त राष्ट्रसंघ का इशारा

काबुल/संयुक्त राष्ट्र – मुल्ला हैबतुल्ला अखुंदज़दा के नेतृत्व में सरकार गठित करने की तैयारी पूरी तालिबान ने की है। अपने गुटों के बीच जारी विवाद दूर करके तालिबान को सरकार गठित करने में कामयाबी हासिल हो तब भी, अगले दिनों में तालिबान की सरकार के सामने कड़ी चुनौती होगी। क्योंकि, अफ़गानिस्तान में फिलहाल केवल एक महीने के लिए पर्याप्त अनाज़ शेष है। महीने बाद अफ़गानिस्तान के गरीबों के लिए तकरीबन २० करोड़ डॉलर्स के अनाज़ की ज़रूरत होगी, ऐसा इशारा राष्ट्रसंघ के वरिष्ठ अधिकारी ने दिया है।

बीते दो दिनों से तालिबान के नेता सरकार गठित करने के लिए गिरोह के प्रमुख एवं छोटे गुटों के नेताओं को स्थान देकर उनकी इच्छा का ध्यान रख रहे हैं। तालिबान की इस नई सरकार में पश्‍तू नेताओं को स्थान प्राप्त होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन, जल्द ही महिलाओं और अफ़गानिस्तान के अन्य अल्पसंख्यांक को भी शामिल किया जाएगा, यह बात तालिबान के वरिष्ठ नेता माध्यमों को समझा रहे हैं। तालिबान फिलहाल किसी भी तरह के विवाद को न्यौता नहीं देना चाहता, यही बात तालिबान के प्रवक्ता के बयान से स्पष्ट हो रही है।

अंतर्विरोध से बचने के लिए तालिबान ने कोशिश की और इसमें कुछ हद तक उसे सफलता भी प्राप्त हुई है। इसके बावजूद मुल्ला अखुंदज़दा को जल्द ही बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। सितंबर महीने के अन्त में अफ़गानिस्तान की जनता को अनाज़ की भीषण किल्लत का सामना करना पड़ेगा। संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानव अधिकार सहायता के अफ़गानिस्तान में नियुक्त प्रतिनिधि रमीज़ अलाकबारोव ने माध्यमों से बातचीत करते समय यह जानकारी साझा की।

संयुक्त राष्ट्रसंघ के ‘वर्ल्ड फूड प्रोग्राम’ के तहत अफ़गानिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर से अनाज़ की आपूर्ति होती है। बीते कई वर्षों से जारी संघर्ष की वजह से विस्थापित हुए अफ़गान नागरिकों के लिए यह सहायता प्रदान हो रही थी। लेकिन, तालिबान ने काबुल पर कब्ज़ा करने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अफ़गानिस्तान को प्रदान की जानेवाली सहायता रोक दी गई है। सभी देशों द्वारा सहायता पर रोक लगाने से अफ़गानिस्तान में अब महज़ एक महीने के लिए पर्याप्त अनाज़ होने का बयान अलाकबारोव ने किया है।

अफ़गानिस्तान में अनाज़ की किल्लत निर्माण होने से बचने के लिए कम से कम २० करोड़ डॉलर्स की ज़रूरत होने की जानकारी अलाकबारोव ने साझा की। साथ ही उन्होंने अफ़गानिस्तान की जनता को भूखमरी से बचाने के लिए सहायता करने का निवेदन भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय से किया। तभी, अफ़गानिस्तान के पूर्व वित्तमंत्री खादिल पायेंदा ने अपने देश के चलन के मूल्य की हो रही गिरावट की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। मौजूदा स्थिति में अफ़गानिस्तान के चलन ‘अफ़गानी’ का मूल्य १ अमरिकी डॉलर्स के लिए ८८ ‘अफ़गानी’ है। लेकिन, अगले कुछ दिनों में अफ़गानी के मूल्य में १०० प्रतिशत से अधिक गिरावट आ सकती है, यह इशारा पायेंदा ने दिया। ऐसा हुआ तो अपने देश की जनता के सामने अधिक खराब स्थिति खड़ी होगी, यह चिंता पायेंदा ने जताई।

Leave a Reply

Your email address will not be published.