सायबर हमले, आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स और चीन – रशिया का सामर्थ्य, ‘हायपर वॉर’ निश्चित भड़केगा – नाटो के अभ्यास गुट का इशारा

ब्रुसेल्स: वैश्विक स्तर पर दो देशों के बिच युद्ध भड़कने की संभावना बढ़ गई है और इसका रूपांतरण ‘हायपर वॉर’ में हो सकता है, ऐसा गंभीर इशारा नाटो की नई रिपोर्ट में दिया गया है। इस ‘हायपर वॉर’ के लिए सायबर हमले, आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स, चीन और रशिया का बढ़ता सामर्थ्य और उत्तर कोरिया के परमाणु यह खतरनाक घटक इसकी वजह साबित हो सकते हैं, ऐसा नाटो की रिपोर्ट में कहा गया है। नाटो ने हाल ही ‘फोर इयर रिपोर्ट’ प्रसिद्द की है और उसमे पश्चिमी देश ‘हायपर वॉर’ जीतने की संभावना कम होने का दावा भी किया गया है।

'हायपर वॉर'

‘ग्लोबसेक’ इस नाटो से संबंधित अभ्यास गुट ने बुधवार को ‘ग्लोबसेक नाटो एडाप्टेशन इनिशिएटिव फाइनल रिपोर्ट’ नाम की रिपोर्ट प्रसिद्द की है। इस रिपोर्ट में, भविष्य के प्रमुख खतरे और नाटो के सामने की चुनौतियों की जानकारी दी गई है। अमरिका की ‘युएस मरीन कॉर्प्स’ और अफगानिस्तान में स्थित अमरिकी लष्कर साथ ही नाटो के ‘इंटरनेशनल सिक्यूरिटी असिस्टेंस’ फ़ोर्स’ के भूतपूर्व प्रमुख जनरल जॉन एलन की अध्यक्षता में यह रिपोर्ट बनाई गई है।

नाटो की रिपोर्ट में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर युद्ध का खतरा पहले से अधिक बढने का गंभीर इशारा दिया गया है और यह युद्ध ‘हायपर वॉर’ होगा, ऐसा कहा गया है। दो देशों में शुरू होने वाले इस युद्ध में आधुनिक और प्रगत तकनीक का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होगा, ऐसा दावा भी इस रिपोर्ट में किया गया है। ‘हायपर वॉर’ की वजह साबित होने वाले घटक वैश्विक स्तरपर नियमितरूप से बढने वाले खतरे का हिस्सा होंगे, ऐसा संकेत भी इस रिपोर्ट में दिया गया है।

युद्ध के लिए खतरनाक साबित होने वाले घटकों में चीन और रशिया के बढ़ते साथ ही आक्रामक लष्करी सामर्थ्य का उल्लेख किया गया है। उसी दौरान ‘सायबर हमले’, ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स’ पर आधारित लष्करी यंत्रणा का भी समावेश सर्वाधिक खतरनाक घटकों में किया गया है। नाटो और सहकारी पश्चिमी देशों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स’ पर आधारित शस्त्र स्पर्धा में पीछे रहना खतरनाक साबित हो सकता है, ऐसा भी इसमें इशारा दिया गया है। नाटो ने ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स’ के साथ साथ ‘डेटा मायानिंग’, ‘डीप लर्निंग’, ‘मशीन लर्निंग’, ‘कंप्यूटर विज़न’, ‘न्यूरो लिंग्विस्टिक’, ‘वर्चुअल रियलिटी’, ‘ऑगमेंटेड रियलिटी’ यह घटक भविष्य की युद्ध भूमि का हिस्सा बनेंगे, इसका एहसास रखकर उसपर जोर देना पड़ेगा, इस बात की तरफ रिपोर्ट में ध्यान आकर्षित किया गया है।

इन सभी आधुनिक तकनीकियों के साथ ‘क्वांटम कंप्यूटिंग’ क्षेत्र की प्रगति का स्वतंत्र उल्लेख किया गया है और उसमें से बहुत ही अलग युद्धभूमि का निर्माण होगा, ऐसा इस रिपोर्ट में कहा गया है। भविष्य में इस तकनीक के विकास की वजह से निर्णय लेना और उस पर अमल करना इसमें का समय, दिन और घंटों के बजाय ‘मिनट और सेकंड’ तक अथवा उससे भी कम हो चुका होगा, ऐसा स्पष्ट उल्लेख रिपोर्ट में किया गया है। कंप्यूटर तकनीक की प्रगति परमाणु के बाद युद्ध का सबसे क्रन्तिकारी परिवर्तन होगा, ऐसा इशारा भी इस रिपोर्ट में दिया गया है।

भविष्य के २० खतरनाक घटकों में, युद्ध के दौरान कंप्यूटर पर जीवन-मृत्यु का निर्णय लेने की क्षमता होना, यह एक बहुत ही गंभीर बात है, ऐसा भी इस रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है। नाटो के ‘सुप्रीम अलाईड कमांडर ऑफ़ ट्रांसफॉर्मेशन’ जनरल डेनिस मर्सिअर ने यह रिपोर्ट, अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर बड़े युद्ध का खतरा अधिक बढ़ने का संकेत देने वाली है, यह प्रतिक्रिया दी है। नाटो के साथ सभी को किसी भी परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए सज्ज रहना पड़ेगा, ऐसा भी उन्होंने कहा है।

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