घमंड़ी चीन दूसरों पर शर्तें थोप नहीं सकता – ऑस्ट्रेलिया के विदेश सचिव की फटकार

कॅनबेरा/बीजिंग – ‘बीते कुछ वर्षों में आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन की ताकत बढ़ी है। इस कारण हम अन्य देशों पर शर्तें और नियम थोंप सकते हैं, ऐसा चीन सोचने लगा है। यह बात यही दर्शा रही है कि चीन को अपनी ही ताकत को लेकर गलतफहमी हुई है। चीन को अभी भी इस मोरचे पर काफी लंबा सफर तय करना है’, ऐसें सख्त शब्दों में ऑस्ट्रेलिया के विदेश सचिव फ्रान्सेस एडम्सन ने चीन को फटकार लगाई है। जागतिक व्यवस्था का हिस्सा होनेवाला चीन, ज़बरदस्ती या दबाव का इस्तेमाल किए बगैर काम करना सीखें, ऐसी फटकार ऐडम्सन ने लगाई है।

चीन की हुवेई कंपनी पर लगाई पाबंदी, हाँगकाँग और झिंजियांग में जारी चीन की कार्रवाई पर की हुई ज़ोरदार आलोचना, चीन के निवेश को ऑस्ट्रेलिया ने किए विरोध की वजह से चीन काफी बौखला गया है। कोरोना वायरस की स्वतंत्र जाँच करने की माँग करके ऑस्ट्रेलिया ने चीन का घात किया है, इस भावना में चीन है। साथ ही, ऑस्ट्रेलिया जैसें देश में अपने एजंटों के ज़रिये, सियासी दखलअंदाज़ी करने की कुटील साज़िश नाकाम करने हेतु प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शुरू की हुई सख्त कोशिशें चीन को बेचैन कर रहीं हैं। इस वजह से, चीन ने ऑस्ट्रेलिया को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देकर व्यापार युद्ध शुरू किया है। साथ ही, ऑस्ट्रेलिया ने यदि चीन को शत्रु माना, तो चीन ऑस्ट्रेलिया के साथ शत्रु की तरह ही बर्ताव करेगा, यह धमकी भी चीन ने दी है।

चीन के इस बर्ताव पर विदेश सचिव ऐडम्सन ने कड़े बोल सुनाए हैं। ‘चीन ने की हुई आर्थिक प्रगति का ऑस्ट्रेलिया के साथ अन्य देशों को यक़ीनन लाभ हुआ है। लेकिन, इसके साथ ही इस क्षेत्र में बेचैनी भी बनी है। महाशक्ति बनें चीन के विषय में कदम उठाते समय विश्‍व के अन्य देश काफी विचार करते हैं। लेकिन इसी बात का पालन चीन अन्य देशों के विषय में करता हुआ नहीं दिखाई देता। महाशक्ति हुआ और आन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था का हिस्सा बना इतना बड़ा देश, उससे जुड़ी किसी भी बात की जाँच या चर्चा से दूर नहीं भाग सकता’, ऐसा तमाचा ऐडम्सन ने लगाया है।

‘फिलहाल जागतिक व्यवस्था का हिस्सा होनेवाले नियम और दायरें स्वीकारने की चीन की तैयारी ही नहीं है और इस देश को सिर्फ अपने निकष और शर्तें थोंपनी हैं। चीन को आन्तर्राष्ट्रीय यंत्रणाओं में केवल शामिल नहीं होना है, बल्कि ऐसी सभी यंत्रणाएँ अपने ही नेतृत्व में रहें, यह महत्त्वाकांक्षा चीन रखता है’, ऐसी फटकार भी ऑस्ट्रेलियन सचिव ने लगाई। साथ ही, ऑस्ट्रेलिया की चीन संबंधित नीति अमरीका के निदेशों पर तय होती है, यह आरोप भी ऐडम्सन ने स्पष्ट शब्दों में ठुकराया।

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