अरुणाचल प्रदेश में चीन के सरहदी क्षेत्र के गांवों में सेना ने ‘पीसीओ’ लगाए

arunachal-pradesh-pcoइटानगर – भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा के करीबी मागो-चुना गांव में गुगल क्लाउड़ मेसेजिंग (जीसीएम) पर आधारित ‘पब्लिक कॉल ऑफिस’ (पीसीओ) लगाए हैं। इससे पहले इन गांवों के नागरिकों को फोन करने के लिए २८ किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। लेकिन, अब उन्हें गांव में ही संवाद का माध्यम उपलब्ध होने से उन्होंने इस सुविधा के लिए भारतीय सेना के प्रति आभार व्यक्त किया। अरुणाचल प्रदेश में स्थित सीमा पर चीन की गतिविधियां बढ़ने की स्थिति में वहां के दुर्गम गांवों का विकास अहम साबित होता है।

अरुणाचल के पूर्वी कामेंग ज़िले में मागो-चुना गांव है। इस गांव में रहनेवालों को चीन की सीमा से नज़दिकी क्षेत्र की गहरी जानकारी है। अरुणाचल की सीमा के करीब चीनी सैनिकों की बढ़ती गतिविधियों की जानकारी गांव के लोग ही भारतीय सैनिकों तक पहुँचा रहे थे। इसकी वजह से सेना के लिए इन लोगों की बड़ी अहमियत है। लेकिन इस गांव में संवाद का माध्यम नहीं था। फोन करने के लिए इन गांववालों को २८ किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ता था। इससे गांववालों के समाज जीवन और गांव के विकास पर असर हो रहा था।

arunachal-pradesh-pcoभारतीय सेना ने इन गांववालों के लिए ‘पीसीओ’ उपलब्ध करने से उनमें बड़ा संतोष है। साथ ही इस गांव में नए अवसर उपलब्ध होंगे और गांव का विकास होगा, यह विश्‍वास व्यक्त किया जा रहा है। इसी बीच, यह गांव असम की सीमा से भी करीब होने से सामरिक नज़रिए से बड़ी अहमियत रखता है। लद्दाख में भारत और चीन के बीच काफ़ी तनाव है। लेकिन, बीते कुछ दिनों में अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर भी चीन की गतिविधियां बढ़ रही हैं।

कुछ महीने पहले ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा पर रहनेवाले नागरिक भारत के कान, नाका और आँख हैं और भारत के स्ट्रैटेजिक ऐसेट होने की बात कही थी। इस पृष्ठभूमि पर सीमा पर स्थित इस दुर्गम गांव में शुरू किए गए ‘पीसीओ’ को भी अहमियत प्राप्त होती है।

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