जम्मू-कश्मीर की नियंत्रण रेखा के पार लष्करने किये ऑपरेशन मे पाकिस्तान के ८ जवान ढेर – तीन दिनों पहले किये डरपोक हमले का बदला लिया

नई दिल्ली: ३ दिनों पहले जम्मू कश्मीर की नियंत्रण रेखा लांघकर भारतीय लष्कर के मेजर एवं तीन सैनिकों पर पाकिस्तान के ‘बॉर्डर एक्शन टीम’ ने (बैट) हमला किया था। उसका बदला लेने के लिए भारतीय लष्कर ने हमला किया है। सोमवार शाम को भारतीय लष्कर के पथकने नियंत्रण रेखा लांघकर रावलकोट सेक्टर में पाकिस्तानी लष्करके गश्ती पथक पर हमला किया। इस हमले में अपने ३ सैनिक ढेर होने की बात को पाकिस्तान ने इकरार किया है। पर असल में यह संख्या इससे बहुत अधिक होकर पाकिस्तान के कम से कम ८ जवान ढेर होने की बात सूत्रों ने कही है।

पिछले ४ दिनों से पाकिस्तान की नियंत्रण रेखा पर बड़ी तादाद में गोलीबारी शुरू है। शनिवार को पाकिस्तान के बैट पथक के आतंकवादियों ने राजौरी में नियंत्रण रेखा लांघकर गश्ती पथक पर हमला किया था। इसमें एक मेजर के साथ ४ जवान शहीद हुए थे। उसके बाद देशभर से तीव्र प्रतिक्रिया आयी थी। पाकिस्तान को इसका प्रत्युत्तर मिलेगा, ऐसा गृह मंत्रालय ने सूचित किया था। भारतीय लष्कर ने यह इशारा वास्तव में लाकर पाकिस्तानी लष्कर को जबरदस्त धक्का दिया है। इस हमले का भूतपूर्व लष्करी अधिकारी जोरदार स्वागत कर रहे है।

भारतीय लष्कर, हमला, नियंत्रण रेखा, पाकिस्तान सैनिक, बदला, नई दिल्ली, गुप्तचर संस्था

आनेवाले समय में भारतीय सैनिकों पर हमले करते हुए पाकिस्तान के लष्कर को प्रत्युत्तर मिलेगा, ऐसी संभावना यकीनन याद की जाएगी, ऐसा इस भूतपूर्व लष्करी अधिकारी का कहना है।

सोमवार शाम को भारतीय लष्कर के ‘घातक’ पथक के चार से पांच कमाँडो नियंत्रण रेखा लांघकर रावलकोट सेक्टर में २०० से ३०० मीटर के अंदर गए थे। इन कमाँडो ने पाकिस्तान के गश्ती पथक पर जोरदार हमला किया। इस गश्ती पथक में ८ से १० लोगों का समावेश था।

शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार भारतीय जवानों के हमले में ३ पाकिस्तानी सैनिक ढेर हुए हैं तथा बाकी गंभीर जख्मी होने की जानकारी सामने आयी थी। इस कारवाई में ढेर हुए पाकिस्तानी सैनिकों की संख्या बढ़ सकती है, ऐसा गुप्तचर संस्था का रिपोर्ट था। पर सूत्रोंने दिए जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के कम से कम ८ सैनिक भारतीय जवानों ने इस कारवाई में मारे हैं।

केवल ४५ मिनट मे ऑपरेशन संपन्न हुआ है। भारतीय जवानों ने पाकिस्तानी लष्कर पर जोरदार गोलीबारी करके, इन कमाँडो के वापसी का मार्ग निश्चित करने की बात कही जा रही है। ढेर हुए पाकिस्तानी सैनिक यह रावलकोट ब्रिगेड के ५९ बलूच यूनिट के थे, ऐसी जानकारी सामने आ रही है। पाकिस्तानी लष्करने इस हमले का बयान दिया है और स्थानीय माध्यमोने लष्कर का हवाला देकर अपने ३ जवान ढेर होने की बात कही थी। इससे पहले भारतने किए ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का इनकार करनेवाले पाकिस्तानी लष्कर को इस समय यह बयान देना ही बड़ा, ऐसी बात दिखायी दे रही है।

इस हमले में पाकिस्तान की ३ नहीं बल्कि उससे कहीं अधिक जवान ढेर हुए हैं। जिसकी वजह से पाकिस्तानी लष्करने इस का बयान दिया है, ऐसा दावा किया जा रहा है। दौरान इस मुहिम का स्वागत करने वाले भारतीय लष्कर के भूतपूर्व अधिकारीने तथा सामरिक विश्लेषकों ने आने वाले समय में भारतीय लष्कर ऐसे हमले करता रहे, ऐसी माँग की है। इन हमलों के लिए भारतीय लष्कर पाकिस्तानी लष्कर केहमले की प्रतीक्षा न करें, ऐसा भारत के भूतपूर्व अधिकारी एवं सामरिक विश्लेषकों का कहना है।

दौरान भारतीय लष्करने नियंत्रण रेखालांघकर यह हमला किया, फिर भी उसे ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ नहीं कह सकते, ऐसा भारतीय लष्कर के अधिकारीने कहा है। यह लष्करी अधिकारीने स्थानीय स्तर पर कार्यान्वित करी लष्करी मुहिम थी। इस प्रकार की दावपेचात्म्क कारवाई करने कानिर्णय ब्रिगेड एवं बटालियन के स्तर पर लिया जाता है, ऐसी जानकारी लष्कर के सूत्रोंने दी है।

 

‘जैश’ का ‘मोस्ट वांटेड’ आतंकवादी मुठभेड़ में ढेर

श्रीनगर: ‘मौतका सौदागर’ इस पहचान से प्रसिद्ध जैश-ए-मोहम्मद का मोस्ट वांटेड आतंकवादी ‘नूर मोहम्मद तंत्री’ सोमवार को जम्मू कश्मीर में हुए मुठभेड़ में ढेर हुआ है। जम्मू कश्मीर में अनेक आतंकी हमलोंमे वह शामिल होने की बात कही जाती है। नूर मोहम्मद ढेर होने से जैश को बहुत बड़ा झटका लगने का दावा किया जा रहा है।

नूर मोहम्मद को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सुरक्षा दल ने ढेर किया है। सन २०१५ में पैरोल पर छूटने के बाद नूर मोहम्मद फरार हुआ था। उसके बाद जम्मू कश्मीर में जैश का जाल फिर से फैला रहा था। जम्मू कश्मीर में हुए अनेक आतंकी हमलों के षडयंत्र में उसका हाथ था। लंबाई में केवल ४ फुट का होने वाले ४७ वर्षीय नूर मोहम्मद को दिल्ली के विशेष न्यायालय ने एक मुकदमे के दौरान ‘मौत का सौदागर’ कहा था। सन २००१ में संसद पर हुआ हमला और दिल्ली के ‘सदर बाजार’ में सन २०१३ में हुए बम विस्फोट का मास्टर माइंड गाजी बाबा का नूर यह अत्यंत निकटतम सहयोगी था, ऐसी जानकारी जम्मू कश्मीर पुलिस के सूत्रों ने दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.