इराक में हुए ड्रोन हमले में ईरान से जुडे गुट का हथियारों का भंडार तबाह, २१ आतंकी ढेर

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबगदाद: इराक की और एक ईरान से जुडे गुट के ठिकाने पर हुए हमलें में २१ आतंकी मारे गए है| इस दौरान किए गए ड्रोन हमलों में ईरान से जुडे इस गुट के हथियारों का भंडार तबाह होने की जानकारी स्थानिय सुरक्षा यंत्रणा ने दी है| हम पर हुए इस हमले के लिए इस्रायल जिम्मेदार है और जल्द ही इस्रायल को कडा जवाब मिलेगा, यह धमकी इस गुटने पहले ही दी थी|

इराक के ‘अंबर’ प्रांत में मंगलवार की सुबह बडा धमाका हुआ| इस जगह पर ईरान से जुडे ‘पॉप्युलर मोबिलायझेशन युनिटस्’ (पीएमयू) इस गुटा का अड्डा होने की जानकारी स्थानिय लोगों को नही थी| लेकिन, विस्फोट के बाद इस जगह पर रखे गए रॉकेटस् और मिसाइलों के टुकडे नजदिकी क्षेत्र में बिखरे और इसके बाद और एक हथियारों के भंडार पर हमला होने की बात स्पष्ट हुई| इस पर क्रोधित हुई ‘पीएमयू’ ने माध्मयों के सामने आकर अंबर प्रांत में अपने अड्डे पर हुए हमले के लिए अमरिका जिम्मेदार होने का आरोप रखा| ड्रोन्स की सहायता से अमरिका ने यह हमला किया है, यह दावा भी ‘पीएमयू’ ने किया|

पिछले दो दिनों में ईरान से जुडे गुट के ठिकानों पर हुआ यह दुसरा हमला है| सोमवार के दिन सीरिया-इराक सीमा पर ईरान से जुडे गुट के सबसे बडे हथियारों के भंडार पर हवाई हमलें हुए थे| इस हमले में १८ आतंकी मारे गए थे| सीरिया में हुए इस हवाई हमले के लिए अमरिका एवं इस्रायल जिम्मेदार होने का आरोप सीरियन सुरक्षा यंत्रणा ने रखा है| पिछले दो महीनों से इराक, सीरिया एवं लेबनान में ईरान से जुडे गुटों के ठिकानों पर जोरदार हमलें हो रहे है|

पीएमयू, हिजबुल्लाह इन ईरान से जुडे गुटों के अलावा ईरान के रिव्होल्युशनरी गार्डस् एवं कुदस् फोर्सेस के सैनिक भी इन हमलों में मारे गए है| इनमें से कुछ हमलों की जिम्मेदारी इस्रायल ने स्वीकारी थी| इस्रायल के विनाश के नारे दे रहा ईरान और ईरान से जुडे गुट दुनिया के किसी भी कोने में सुरक्षित नही रह सकते, यह चेतावनी इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने दी थी| ऐसे में आत्मरक्षा के लिए इस्रायल ने सीरिया, लेबनान और इराक में की कार्रवाई का अमरिका ने समर्थन किया था|

कुछ दिन पहले ही ईरान के एक नेता ने अपने देश के डेढ लाख मिसाइल्स इस्रायल की दिशा में तैनात है, यह कहकर इस्रायल को राख करने की धमकी दी थी| इस वजह से ईरान का प्रभाव होनेवाले देशों में इस्रायल हवाई हमलें करके अपने विरोध में इस्तेमाल करने के लिए तैनात किए गए मिसाइल्स और विस्फोटकों का भंडार तबाह कर रहा है, यह संकेत प्राप्त हो रहे है| इसी के साथ अमरिका ने भी इराक में मौजूद आतंकी संगठनों पर हमलें करने का नया सत्र शुरू किया है|

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