स्वित्झर्लंड में हुए जनमतसंग्रह में बुर्का बंदी पर स्वीकृति की मुहर

बर्न – रविवार को स्वित्झर्लंड ने लिए गए जनमतसंग्रह में बुर्के पर पाबंदी लगाने को मान्यता मिली है। स्वित्झर्लंड की अग्रसर राजनीतिक पार्टी होने वाली ‘स्विस पीपल्स पार्टी’ ने इस संदर्भ में प्रस्ताव रखा था। ‘चेहरे पर आवरण डालना यह राजनीतिक कट्टरपंथ का प्रतीक होकर, पिछले कुछ सालों में युरोप में यह प्रकार बढ़ा होने की बात सामने आ रही थी। लेकिन स्वित्झर्लंड में इसके लिए स्थान नहीं हो सकता’, इन शब्दों में ‘स्विस पीपल्स पार्टी’ के वरिष्ठ संसद सदस्य वॉल्टर वोबमॅन ने बुर्के पर लगाई पाबंदी का समर्थन किया।

switzerlandरविवार को हुए जनमत संग्रह में, ५१.२१ प्रतिशत वोटर्स ने बुर्के पर पाबंदी लगाने के लिए सहमति दर्शाई होने की जानकारी संबंधित यंत्रणाओं ने दी। वहीं ४८.७९ प्रतिशत स्विस वोटर्स ने पाबंदी का विरोध किया है। स्वित्झर्लंड में ‘डायरेक्ट डेमोक्रसी सिस्टिम’ होकर उसके अनुसार, जनमतसंग्रह के नतीजे के बाद राज्य संविधान में बुर्का पाबंदी के संदर्भ में आवश्यक परिवर्तन किया जाएगा, ऐसा सूत्रों द्वारा बताया गया।

switzerlandस्वित्झर्लंड निवासी इस्लामधर्मियों ने इस पाबंदी का विरोध किया होकर, रविवार को कुछ भागों में प्रदर्शन भी किए गए। ‘सेंट्रल कौन्सिल ऑफ मुस्लिम्स’ इस गुट ने जनमत संग्रह का दिन यह ‘काला दिन’ होने की प्रतिक्रिया दी है। जनमत संग्रह के नतीजे को चुनौती देने के संकेत भी इस गुट द्वारा दिए गए हैं। स्वित्झर्लंड की आबादी ८६ लाख होकर, उनमें से लगभग पाँच प्रतिशत इस्लामधर्मिय हैं। इनमें तुर्की, बोस्निया और कोसोवो से आये इस्लामधर्मियों की बहुसंख्या बताई जाती है।

switzerlandबुर्के पर पाबंदी यह युरोपीय देशों में विवाद ग्रस्त विषय वह होकर, दक्षिणपंथी विचारधारा के गुटों ने लगातार इस मुद्दे पर आवाज उठाई है। शरणार्थियों की घुसपैठ की पृष्ठभूमि पर यह मुद्दा चर्चा में आया है। युरोपीय देशों के उदारमतवादी इस पाबंदी का विरोध कर रहे हैं। लेकिन युरोपियन जनता इस पाबंदी का समर्थन कर रही होकर, स्वित्झर्लंड के जनमत संग्रह का नतीजा यही दर्शाता है।

सन २०११ में फ्रान्स ने सबसे पहले बुर्का और निक़ाब पर पाबंदी लगाई थी। उसके बाद बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, जर्मनी, इटली, स्पेन और डेन्मार्क इन देशों ने भी ऐसी ही पाबंदी लागू की। स्वित्झर्लंड यह ऐसी पाबंदी लगाने वाला १४ वाँ युरोपिय देश बना है। दो साल पहले स्वित्झर्लंड के दो प्रांतों में पहले स्थानीय स्तर पर बुर्का पाबंदी का फैसला किया था। उसके बाद स्वित्झर्लंड में इस्लामधर्मियों के प्रार्थनास्थलों में होनेवाले मीनारों पर भी पाबंदी लगाई गई थी।

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