अमरीका और कॅनडा में चीन विरोधी ज़ोरदार प्रदर्शन

वाशिंगटन / टोरंटो – कॅनडा के टोरंटो शहर में स्थित चिनी दूतावास के सामने चीनविरोधी प्रदर्शन हुए। कॅनडा के भारतीय नागरिक, कॅनेडियन नागरिक, साथ ही ईरानी और वियतनामी लोगों ने ‘फ्री तिब्बत’, ‘फ्री हाँगकाँग’ और लद्दाख में चीन ने दिखाई आक्रामकता के खिलाफ ज़ोरदार नारें लगाए। इसके अलावा, अमरीका के वाशिंगटन में चिनी दूतावास के सामने, भारतीय वंश के अमरिकियों ने चीन के खिलाफ कड़े प्रदर्शन किए।

America-Canada-Protestsकोरोनोवायरस महामारी और लद्दाख में चीन द्वारा भारत के साथ विश्वासघात किया जाने के बाद, दुनिया भर में भारतीय समुदाय आक्रामक हो गया है। अमरीका, कॅनडा, ब्रिटेन और जापान में स्थित भारतीयों ने चीन के खिलाफ ज़ोरदार अभियान चलाया है। इस अभियान को भारतीयों के साथ-साथ अन्य देशों के नागरिकों से भी प्रतिसाद मिल रहा है।

कॅनडा के टोरंटो में चिनी दूतावास के सामने चीन के खिलाफ १०० से अधिक लोगों ने प्रदर्शन किये। इनमें बड़ी संख्या में कॅनेडियन नागरिकों ने सहभाग लिया। तिब्बत, हाँगकाँग और लद्दाख सहित, उघुरवंशियों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ भी आवाज़ उठाई गई। वहीं, ईरानी हुक़ूमत ईरान को चीन को बेच रही है, ऐसी तीख़ी आलोचना ईरानी मूल के नागरिकों ने की। वहीं, कॅनडा की सरकार चिनी सामानों का बहिष्कार करें, ऐसी कॅनेडियन लोगों ने माँग की।

अमरिका की राजधानी वॉशिंग्टन में चिनी दूतावास के बाहर भारतीयों ने शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन किया। लद्दाख में चिनी आक्रामकता के खिलाफ ये प्रदर्शन थे। इस प्रदर्शन मे प्रदर्शनकारी चीन विरोधी तख्तियाँ लेकर खड़े थे। ‘चीन के वायरस ने दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ली है। परिणामस्वरूप, वैश्विक अर्थव्यवस्था ढह गई’, ऐसा आरोप प्रदर्शनकारियों ने लगाया।

America-Canada-Protests‘चीन ने लद्दाख में घुसपैंठ कर २० भारतीय सैनिकों को मारा| कोरोनोवायरस से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए चीन भारत और अन्य छोटे देशों को धमका रहा है; हम इसका विरोध करते हैं ‘, ऐसे ये प्रदर्शनकारी गुस्से से कह रहे थे। ‘साऊथ चायना सी पर भी हक़ जताकर, चीन छोटे देशों को धमका रहा है। दुनिया चीन के खिलाफ एकजूट होकर चीन की घेराबंदी करें’, ऐसी माँग इन प्रदर्शनकारियों ने की|

इससे पहले, ब्रिटेन में भारतीयों ने चीन के विस्तारवाद का निषेध करने के लिए लंदन में स्थित चिनी दूतावास के सामने प्रदर्शन किये थे। इसमें पाकिस्तानी और ईरानी नागरिकों ने भी सहभाग लिया था।

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