भारत के चीन विरोधी आर्थिक निर्णयों से अन्य देश प्रोत्साहित होंगे – अमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा कौन्सिल के अध्यक्ष का दावा

वॉशिंग्टन – चीन के विरोध में खड़े रहने की क्षमता और इच्छाशक्ति हम रखते हैं, यह बात भारत ने सारे विश्‍व को दिखा दी है। भारत ने चीन के ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की और चीन के निवेश के विरोध में अपनाई भूमिका निर्णायक है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के अन्य देश भारत की इस करारी भूमिका से प्रोत्साहित होंगे, यह विश्‍वास अमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा कौन्सिल की अध्यक्षा लिसा कर्टिस ने व्यक्त की।

राष्ट्रीय सुरक्षा कौन्सिल

बीते कुछ सप्ताहों में भारत ने चीन पर किए ‘डिजिटल स्ट्राईक’ से चीन को बड़ा नुकसान भुगतना पड़ रहा है। भारत ने अब तक चीन के 106 ऐप्स पर पाबंदी लगाई है और चीन के करीबन 370 उत्पाद भी रड़ार पर होने की बात भारत ने स्पष्ट की है। अगले वर्ष के मार्च महीने में इससे संबंधित बड़ा निर्णय लिया जाएगा। इसके अलावा भारत की सरकारी परियोजनाओं में चीनी कंपनियों का निवेश भी भारत ने ठुकराया है। साथ ही चीन से बाहर निकलने की तैयारी में विदेशी कंपनियों का निवेश आकर्षित करने में भी भारत कामयाब हो रहा है। भारत के इन धमाकेदार निर्णयों का दाखिला अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के सह-सहायक और राष्ट्रीय सुरक्षा कौन्सिल की अध्यक्षा लिसा कर्टिस ने भारत की सराहना की।

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अमरीका का शीर्ष अभ्यासगुट ‘ब्रुकिंग्ज्‌ इन्स्टिट्युशन’ की बैठक में बोलते समय लिसा कर्टिस ने भारत की भूमिका का जोरदार समर्थन किया। लद्दाख की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर चीन की विस्तारवादी भूमिका और विश्‍व के अन्य हिस्सों में चीन की देखी जा रही लशकर आक्रामकता में ज़रासा भी अंतर नहीं है यह की बात कर्टिस ने स्पष्ट की। ऐसे समय पर चीन के विरोध में खड़े रहने की क्षमता और इच्छाशक्ति हम रखते हैं, यह बात भारत ने अपने निर्णयों के ज़रिए दिखा दी है, इस पर कर्टिस ने ध्यान आकर्षित किया। चीन की आक्रामकता को जवाब देने के लिए भारत ने आर्थिक खेल खेला है और चीन के शीर्ष ऐप्स पर भारत ने लगाई पाबंदी एवं चीन की कंपनियों का निवेश रोककर भारत ने चीन को जोरदार झटका दिया है, यह बयान भी कर्टिस ने किया हैं। भारत द्वारा चीन के विरोध में अपनाई गई भूमिका की ओर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की नज़र है और इस सख्त भूमिका से अन्य देशों को भी प्रोत्साहन मिलेगा, यह दावा भी कर्टिस ने किया है।

भारत के इस आर्थिक दांव के बड़े असर होने की ओर भी कर्टिस ने ध्यान आकर्षित किया। साथ ही, भारत की इस भूमिका के बाद चीन की साज़िशों का अन्य देशों को एहसास होने लगा है, इस पर भी कर्टिस ने ध्यान दिलाया। साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र में उभरती शक्ति और रक्षक के तौर पर भारत की बड़ी अहमियत है एवं भारत के इस उभरने का अमरीका समर्थन करती है, यह बयान भी कर्टिस ने किया। कर्टिस की तरह ही अमरिकी विदेशमंत्री ने भी कुछ दिन पहले भारत के चीन विरोधी निर्णयों का समर्थन किया था।

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