शरणार्थियों के खिलाफ सहकारी पार्टियों की आक्रामकता की वजह से जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल पीछे हट गईं

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बर्लिन – पिछले महीने में यूरोपीय महासंघ की बैठक में, सभी यूरोपीय देशों ने शरणार्थियों के मामले में सौहार्द की भूमिका लेनी चाहिए, ऐसा आवाहन करने वाली जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल देश के विरोधी पार्टियों की आक्रामकता के आगे कमजोर पड़ी हैं। सहकारी पार्टी ने अपनाई भूमिका की वजह से मर्केल को शरणार्थियों को जर्मन सीमा पर ही रोकने की और देश के अवैध शरणार्थियों को बाहर निकालने का निर्णय लेना पड़ा है। ‘सीएसयु’ इस सहकारी पार्टी की शरणार्थियों के खिलाफ माँगों को मर्केल ने मान्य किया है लेकिन उनकी सरकार को बाहर से समर्थन देने वाली ‘एसपीडी’ पार्टी ने इस पर स्पष्ट नाराजगी जताई है। उस वजह से आने वाले समय में जर्मनी का राजनीतिक अस्थैर्य कायम रहने के संकेत मिल रहे हैं।

मर्केल की सहकारी पार्टी ‘ख्रिस्तियन सोशल यूनियन’ (सीएसयु) इस पार्टी के प्रमुख और जर्मनी के अंतर्गत रक्षा मंत्री ‘होर्स्ट सीहोफर’ ने पिछले महीने में शरणार्थियों के बारे में एक ‘मास्टर प्लान’ घोषित किया था। इस योजना में जर्मनी में आने वाले शरणार्थियों को सीमा पर रोकने के लिए कठोर उपाय करने का और वर्तमान में जर्मनी में स्थित अवैध शरणार्थियों को हद्दपार करने के प्रावधानों का समावेश था। मर्केल ने इस योजना को इन्कार करने की वजह से देश में राजनीतिक संकट निर्माण हुआ था।

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यूरोपीय महासंघ की बैठक में जर्मनी और फ़्रांस से इटली ने की आक्रामक माँगों को मान्यता देकर पीछे हटना पड़ा था। लेकिन इस बार प्रसिद्ध किए गए निवेदन में सीहोफर की माँगों के बारे में ठोस उल्लेख नहीं था। उस वजह से उन्होंने इस मुद्दे पर अपने मंत्री पद का इस्तीफा देने की खुलकर धमकी दी थी। अंतर्गत रक्षा मंत्री और सहकारी पार्टी के प्रमुख सीहोफर ने दी इस धमकी की वजह से मर्केल की सत्ता को जबरदस्त झटका लगा था।

अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए मर्केल ने सोमवार को फिर एक बार सीहोफर के साथ चर्चा करना शुरू किया था। इस चर्चा में मर्केल ने सीहोफर ने की प्रमुख मांगों को मान्यता दी। उसमें ‘जर्मनी-ऑस्ट्रिया’ सीमा से आने वाले शरणार्थियों को रोकना और अवैध शरणार्थियों की गतिमान हद्दपार के लिए स्वतंत्र यंत्रणा निर्माण करना इनका समावेश है। सीहोफर और उनकी पार्टी ने इन मांगों को मान्यता देने की वजह से मर्केल ने पीछे हटकर सत्ता अस्थायी समय के लिए बनाए रखने में सफलता पाई है, ऐसा सामने आया है।

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