भारत की प्रशंसा और चीन की टीका करनेवाले अमरिका की चीन के बारे मे भूमिका पक्षपातपूर्ण – चीन के विदेश मंत्रालय की टीका

बीजिंग: अमरिका की चीन के बारे मे भूमिका पूर्वग्रह दूषित होने का आरोप चीन ने किया है। अमरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसनने भारत के जनतंत्र वादी परंपरा की प्रशंसा करते हुए चीन के अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करने की प्रवृत्ति पर प्रहार किया था। उसे उत्तर देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अमरिका पर यह आरोप किया है। तथा भारत और अमरिका मे सहयोग अगर इस क्षेत्र के विकास के लिए उपयोगी होगा तो चीन उसका स्वागत ही करेगा, ऐसा चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ल्यू कैंग ने कहा है।

अमरिका मे एक मान्यवर अभ्यास गट ने आयोजित किए कार्यक्रम मे व्याख्यान देते हुए विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कुछ ध्यान केन्द्रित करने वाले विधान किए थे। अमरिका के भारत के साथ जैसे सहयोग विकसित हो रहे है, वैसे सहयोग चीन से कभी विकसित नहीं हो सके। क्योंकि भारत यह जनतंत्र वादी देश है एवं भारत से किसी को भी खतरा नहीं, इन शब्दों मे टिलरसन ने भारत की प्रशंसा की है। उसी समय चीन अपनी आर्थिक क्षमता का उपयोग करके पड़ोसी देशों पर दबाव बढ़ा रहा है तथा चीन अंतराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करने की टीका भी अमरिका के विदेश मंत्री ने की थी।

भारत की प्रशंसाविदेश मंत्री टिलरसन का यह विधान अमरिका के विदेश नीति का स्पष्ट संकेत देने वाला दावा अमरिका के महान भूतपूर्व अधिकारी ने किया था। इस पर चीन की प्रतिक्रिया आयी है और चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ल्यू कैंग ने अमरिका की चीन के बारे मे नीति पूर्वग्रह दूषित होने का आरोप किया है। उसी समय भारत और अमरिका के सहयोग इस क्षेत्र के विकास के लिए उपयोगी हो रहे हैं, तो चीन उसका स्वागत करेगा, ऐसा कैंग ने स्पष्ट किया है। साथ ही, चीन को अपने विकास के लिए आवश्यक परियोजनाएं कार्यान्वित करने का अधिकृत अधिकार होने की बात कैंग ने कही है। तथा चीन संयुक्त राष्ट्रसंघ के नियमों की चौखट मे रहकर इन अधिकारों का प्रयोग कर रहा है, ऐसा दावा भी कैंग ने किया है।

अमरिका चीन के इन नीतियों को विस्तृत दृष्टिकोन से देखें और दोनों देशों के संबंध सुधारने के लिए प्रयास करें, ऐसा आवाहन कैंग ने किया है। दौरान कैंग ने अमरिकन विदेश मंत्री की टीका को दिया प्रत्युत्तर सौम्य होने की बात दिखाई दे रही है। इससे पहले भारत और अमरिका के सभी स्तर के संगठन पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी। दोनों देशों के सहयोग चीन को रोकने के लिए होने का दावा आज तक चीन ने किया था। पर भारत मे हर समय इस बारे मे खुलासा करके चीन को आश्वस्त करने का प्रयत्न किया था। भारत और अमरिका के संबंध दूसरे देश को सामने रखकर नहीं विकसित किए जा रहे, ऐसा भारत ने कहा था।

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