अमरीका के वर्चस्ववाद की बड़ी हार हुई है – ईरान के राष्ट्राध्यक्ष रईसी

defeat-us-iran-1तेहरान – ‘६ जनवरी के दि अमरिकी कांग्रेस पर हमला और महीने पहले दो अफ़गान नागरिकों की अमरिकी विमान से गिरकर दुर्भाग्यवश हुई मौत, इन दोनों घटनाओं ने मौजूदा वर्ष का इतिहास बनाया। देश के अंदर हो या देश के बाहर, अमरीका की वर्चस्ववादी नीति पर अब भरोसा नहीं किया जा सकता, यही स्पष्ट संदेश कैपिटल हिल्स से काबुल तक की इन घटनाओं ने पूरे विश्‍व को दिया है’, ऐसा बयान ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने किया है। संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा में अपने पहले भाषण में राष्ट्राध्यक्ष रईसी ने अमरीका पर इस तरह हमला किया। अमरीका और मित्रदेशों के वादों पर ईरान का भरोसा नहीं रहा, यह बात भी रईसी ने इस दौरान ड़टकर कही।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने मंगलवार के दिन राष्ट्रसंघ में अपने आरंभिक भाषण के दौरान अफ़गानिस्तान की जंग और वापसी का ज़िक्र किया था। २० वर्षों के बाद अमरीका ने अफ़गानिस्तान का युद्ध खत्म किया, ऐसा बायडेन ने कहा था। इस पर ईरान के राष्ट्राध्यक्ष रईसी ने आलोचना की। अमरीका की वर्चस्ववादी और प्रतिबंध लगाने की नीति स्पष्ट रूप से असफल रही है, यह आरोप भी रईसी ने लगाया।

defeat-us-iran-2‘वर्चस्ववादी शासक, उनकी अन्य देशों पर वर्चस्व स्थापित करने की एवं पश्‍चिमी संस्कृति थोंपने की योजना बुरी तरह से असफल रही है। अमरीका की इसी वर्चस्ववादी नीति की वजह से इस क्षेत्र में खूनखराबा हुआ और अस्थिरता निर्माण हुई। आखिर में अमरीका को इस क्षेत्र से हारकर भागना पड़ा। अमरीका ने इराक और अफ़गानिस्तान से वापसी नहीं की, बल्कि उसे वहां से भगाया गया’, ऐसी फटकार राष्ट्राध्यक्ष रईसी ने लगाई।

अमरीका की इस असफलता का असर पैलेस्टिन-सीरिया से येमन और अफ़गानिस्तान की जनता को भुगतना पड़ रहा है। अमरीका के करदाता भी इसी वर्चस्ववाद के परिणामों का सामना कर रहे हैं, यह आरोप भी ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने लगाया। ईरान के खिलाफ अमरीका ने प्रतिबंधों की जंग शुरू की है और कोरोना के दौर में अमरीका ने लगाए प्रतिबंध यानी मानवता के खिलाफ किया गया गंभीर गुनाह है, यह बयान राष्ट्राध्यक्ष रईसी ने किया। लेकिन, प्रतिबंधों से ईरान को दबाने की अमरीका की कोशिश भी नाकाम हुई, ऐसा बयान रईसी ने राष्ट्रसंघ में अपने भाषण के दौरान किया।

defeat-us-iran-3प्रतिबंधों के ज़रिये युद्ध शुरू करनेवाली अमरीका अब ईरान के साथ परमाणु समझौते पर बातचीत करने के लिए उत्सुकता है। लेकिन, ईरान का अब अमरीका पर भरोसा नहीं रहा, यह इसारा रईसी ने दिया। अमरिकी जनता भी अपने देश के प्रशासन की आलोचना कर रही है, इस ओर भी ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद रईसी ने इस्रायल को लक्ष्य किया। इस्रायल आतंकवाद का सबसे बड़ा प्रायोजक होने का आरोप राष्ट्राध्यक्ष रईसी ने लगाया। इसके साथ ही गाज़ापट्टी को घेरकर इस्रायल ने गाज़ापट्टी को विश्‍व की सबसे बड़ी जेल बनाई है, यह दावा भी रईसी ने किया।

ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने लगाए इन आरोपों पर इस्रायल के विदेश मंत्रालय का प्रत्युत्तर प्राप्त हुआ है। ‘झूठ और द्वेष से भरे अपने भाषण के ज़रिये रईसी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मूर्ख बनाने की कोशिश की’, ऐसी फटकार इस्रायल के विदेश मंत्रालय ने लगाई है। साथ ही ईरान की हुकूमत खाड़ी क्षेत्र के साथ वैश्‍विक शांति के लिए खतरनाक होने का इशारा इस्रायल के विदेश मंत्रालय ने दिया।

इसी बीच, वियना में जारी परमाणु समझौते की बातचीत अगले कुछ महीनों तक शुरू नहीं होगी, यह ऐलान ईरान ने किया है। इस दौरान ईरान परमाणु बम का निर्माण करने के लिए आवश्‍यक सामान प्राप्त कर सकता है, यह इशारा इस्रायल के रक्षामंत्री ने कुछ दिन पहले दिया था।

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