कोरोना महामारी के लिए ज़िम्मेदार कहकर अमरिकी कंपनी ने चीन पर ठोका छ: ट्रिलियन डॉलर्स का दावा

वॉशिंग्टन – कोरोना वायरस की महामारी की जानकारी छिपाकर अमरीका समेत पूरी दुनिया से जालसाज़ी करने का आरोप रखकर, अमरिकी कंपनी ने चीन के विरोध में छ: ट्रिलियन डॉलर्स हरज़ाने का दावा ठोका हैं। कोरोना की महामारी का मुद्दा बनाकर चीन के विरोध में हरज़ाने के लिए किया गया यह छठा दावा साबित हुआ है। इससे पहले इस्रायल और जर्मनी ने भी चीन के सामने हरज़ाना देनें की माँग रखी है।

अमरीका की ‘बर्मन लॉ ग्रुप’ इस, न्यायक्षेत्र से संबंधित सेवा प्रदान करनेवाली कंपनी ने चीन के विरोध में दावा दाखिल किया है। चीन ने जो कुछ भी किया है, इसके लिए उसे ज़िम्मेदार क़रार देना ही होगा, इन शब्दों में कंपनी के वरिष्ठ अफसर जेरेमी अलटर्स ने इस दावे को लेकर अपनी भूमिका स्पष्ट की। अमरिकी कंपनी के इस दावे को १० हज़ार से भी अधिक लोगों ने समर्थन दिया है। इसमें कोरोना की महामारी के कारण जान गँवानेवाले मरीज़ों के रिश्‍तेदार एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के सेवाकर्मियों का भी समावेश है।

कोरोना की महामारी फैलने के बाद चीन ने इसकी जानकारी छिपाई। अपने नागरिकों के लिए प्रावधान करते समय चीन ने इस महामारी को दुनियाभर में फैलने दिया, यह आरोप अमरिकी कंपनी ने अपने दावे में किया है। यह दावा पेश होने से पहले अमरीका के कैलिफोर्निया और फ्लोरिडा राज्य एवं ‘फ्रिडम वॉट गुट’ ने भी चीन के विरोध में क़ानूनन दावें पेश किए हैं।

अमरीका के अलावा इस्रायल एवं जर्मनी से भी चीन के विरोध में हरज़ाने के लिए दावें किए गए हैं। इस्रायल के शुरात हदीन नामक स्वयंसेवी गुट ने चीन के विरोध में हरज़ाने के लिए दावा पेश करने की तैयारी की है। जर्मनी के अग्रसर समाचार पत्र ‘बिल्ड’ के संपादक ने भी चीन को हरज़ाने के तौर पर १६५ अरब डॉलर्स देने की माँग रखी है। इसी बीच ब्रिटन, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन के विरोध में कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कोरोना फैलाव के ज़िम्मेदार चीन से हरज़ाने के तौर पर मोटी रकम वसूल करने की चेतावनी कुछ दिन पहले ही दी थी।

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