इंडो-पैसिफिक के ‘बॉम्बर टास्क फोर्स’ के लिए अमरिकी ‘बी-५२ बॉम्बर्स’ गुआम में दाखिल

बार्क्सडेल – भारी मात्रा में बम की बौछार करने की क्षमता रखनेवाले अमरीका के ‘बी-५२ स्ट्रैटोफोर्टेस बॉम्बर्स’ विमान और ३२० सैनिक पैसिफिक महासागर के गुआम द्विप पर दाखिल हुए हैं। ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में मौजूद अमरीका के ‘बॉम्बर टास्क फोर्स’ की सहायता के लिए यह तैनाती होने का बयान अमरीका की वायुसेना ने किया है। गुआम द्वीप की तैनाती के बाद अमरिकी बॉम्बर्स ने पैसिफिक क्षेत्र में लगातार दो दिन तक जापान और बाद में इंड़ोनेशिया के लड़ाकू विमानों के साथ हवाई युद्धाभ्यास किया, यह जानकारी वायुसेना ने साझा की।

indo-pacific-bomber-task-force-1अमरीका के लुसियाना में स्थित दूसरां और ३०७ वां ‘बॉम्ब विंग्स्‌ युनिट’ गुआम के लिए रवाना किया गया। बीते महीने २६ अगस्त के दिन ‘बी-५२ बॉम्बर्स’ का दल गुआम के एंडरसन हवाई अड्डे पर दाखिल हुआ। अमरीका के ‘बॉम्बर टास्क फोर्स-बीटीएफ’ के तहत यह तैनाती होने की बात ‘बीटीएफ’ के प्रमुख लेफ्टनंट कर्नल बेंजामिन पुल ने स्पष्ट की। गुआम द्विप पर पहले से ही अमरीका के लंबी दूरी के ‘सुपरसोनिक बी-१बी लान्सर’ और ‘बी-२ए स्पिरिट स्टेल्थ बॉम्बर्स’ तैनात हैं।

इस नई तैनाती की जानकारी लेफ्टनंट कर्नल बेंजामिन पुल ने साझा की। ‘बीटीएफ’ की वजह से तत्परता बढ़ाने का अवसर और विश्‍वभर के किसी भी संकट पर जवाबी कार्रवाई करने के लिए आवश्‍यक प्रशिक्षण प्राप्त होता है’, ऐसा लेफ्टनंट कर्नल बेंजामिन ने कहा। साथ ही शत्रु अमरीका का अनुमान ना लगा सके, इस उद्देश्‍य से इस क्षेत्र के अपने मित्र और सहयोगी देशों के साथ ‘बीटीएफ’ के युद्धाभ्यास का आयोजन किया जाता हैं’, यह भी बेंजामिन ने स्पष्ट किया।

गुआम पर हुई तैनाती के बाद अमरीका के ‘बी-५२ बॉम्बर’ विमानों ने मंगलवार के दिन जापान और बुधवार के दिन इंडोनेशिया के क्रम के अनुसार ‘एफ-१६’ और ‘एफ-१५’ विमानों के साथ युद्धाभ्यास किया। पैसिफिक क्षेत्र की अज्ञात सीमा में इस युद्धाभ्यास का आयोजन होने की जानकारी अमरिकी वायुसेना ने प्रदान की। इनमें से इंड़ोनेशिया की वायुसेना पहली बार अमरिकी बॉम्बर विमानों के साथ युद्धाभ्यास कर रही थी, ऐसा अमरिकी वायुसेना ने कहा।

इन दोनों ‘बॉम्ब विंग्स्‌’ के कितने विमान गुआम के लिए रवाना किए गए, यह स्पष्ट नहीं हो सका। लेकिन, वायुसेना के एक विंग में तीन स्क्वाड्रन होते हैं और एक स्क्वाड्रन में १८ से २० विमान या हेलिकॉप्टर्स की तैनाती रहती है। इस वजह से अमरीका ने गुआम पर बॉम्बर विमानों की संख्या बढ़ाई होगी, यह संभावना लष्करी विश्‍लेषक जता रहे हैं।
‘बी-५२ बॉम्बर्स’ की गुआम पर हुई तैनाती मे थोड़े दिनों में बदलाव होता हैं, यह सच हैं। लेकिन, मौजूदा तैनाती बड़ी होने का दावा किया जा रहा हैं। इसमें भी इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती लष्करी गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर अमरीका के इन बॉम्बर्स की तैनाती की अहमियत और भी अधिक हुई है।

इस हफ्ते के शुरू में चीन ने साऊथ चायना सी क्षेत्र से यात्रा कर रहें मालवाहक एवं लष्करी जहाज़ों के लिए नए नियम जारी किए। इसपर अमरीका, ऑस्ट्रेलिया ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद अगले दो दिनों में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के मित्र एवं सहयोगी देशों के साथ अमरिकी बॉम्बर्स विमानों ने किया युद्धाभ्यास चीन को इशारा देनेवाला साबित होता है।

इसी बीच, इन बॉम्बर्स के साथ अमरीका के तटरक्षक बल ने पश्‍चिम पैसिफिक क्षेत्र में अपने जहाज़ों की तैनाती बढ़ाई हैं। चीन ने ‘साऊथ चायना सी’ क्षेत्र के लिए नए नियम जारी करने के बाद अमरीका की हवाई एवं समुद्री गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। इसी दौरान अफ़गानिस्तान से अमरीका ने सेना वापसी करने के बाद चीन ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों को, अपने विरोध में अमरीका पर निर्भर ना रहें, ऐसा धमकाया था। इन धमकियों के बाद चीन ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में आक्रामक हरकतों का नया सत्र शुरू करके ‘साऊथ चायना सी’ के लिए नए नियम जारी किए थए।

Leave a Reply

Your email address will not be published.